चंडीगढ़: भारत में डबल म्यूटेंट कोरोना के वेरिएंट B.1.167 को पहली बार साल 2020 अक्टूबर में ही डिटेक्ट कर लिया गया था, लेकिन कई कारणों की वजह से देश में दूसरी लहर ने बहुत कहर बरपाया है, लेकिन अभी खतरा टला नहीं है. क्योंकि कोरोना के दूसरे वेरियंट का एक और म्यूटेशन हुआ है जिससे वो और ज्यादा खतरनाक हो गया है.
रविवार को चंडीगढ़ पीजीआई की ओर से टेस्टिंग के लिए 23 सैंपल भेजे गए थे. जिनमें से 5 सैंपल में म्यूटेशन L452R और E484Q वेरियंट मिला है. चंडीगढ़ पीजीआई निदेशक के मुताबिक ये नया वेरियंट तेजी से फैलेगा और वैक्सीन भी इस वेरिएंट के वायरस को खत्म करने में कम असरदार है.
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बेहद खतरनाक हैं ये वेरियंट
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) ने कोरोना के 'डबल म्यूटेंट' वायरस की जानकारी कुछ महीने पहले दी थी. इस वैरिएंट को वैज्ञानिक तौर पर B.1.617 नाम दिया गया है, जिसमें दो तरह के म्यूटेशंस हैं- E484Q और L452R म्यूटेशन. ये वायरस का वो रूप है, जिसके जीनोम में दो बार बदलाव हो चुका है.
वायरस खुद को लंबे समय तक प्रभावी रखने के लिए लगातार अपनी जेनेटिक संरचना में बदलाव लाते रहते हैं, ताकि उन्हें खत्म ना किया जा सके. दो तरह के वायरस म्यूटेशन के कारण ही यह बेहद खतरनाक माना जा रहा है. ऐसे में इसे कोरोना वायरस का ट्रिपल म्यूटेंट कहा जा रहा है.
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