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हरियाणा के खाते में जुड़ा एक और रिकॉर्ड, GST में सबसे ज्यादा 4.7% का योगदान - कैप्टन अभिमन्यु

हरियाणा से जीएसटी के सभी चार अधिनियमों के तहत कुल 55231 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ है, जो 4602.56 करोड़ रुपये प्रति माह बनता है.

हरियाणा के खाते में जुड़ा एक और रिकॉर्ड, GST में सबसे ज्यादा 4.7% का योगदान
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Published : Jul 24, 2019, 7:26 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के खाते में एक नया रिकॉर्ड जुड़ गया है. राष्ट्रीय क्षेत्रफल का सिर्फ 1.8% और राष्ट्रीय जनसंख्या का 2.09% होने के बावजूद भी हरियाणा ने जीएसटी के राष्ट्रीय कोष में 4.7% का योगदान दिया है.

'GST के राष्ट्रीय कोष में हरियाणा का योगदान 4.7%- कैप्टन
इसकी जानकारी देते हुए वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि साल 2018-19 के दौरान राज्य से प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह 21745 रुपये, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह 9370 रुपये रहा. इस तरह से राष्ट्रीय स्तर के मुकाबले हरियाणा का प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह से 2.32 गुणा ज्यादा रहा है.

4602.56 करोड़ रुपये प्रति माह का योगदान
उन्होंने बताया कि जीएसटी के सभी 4 अधिनियमों के तहत राष्ट्रीय स्तर पर संग्रह 11,77,369 करोड़ रुपये हुआ. इस तरह हरियाणा से जीएसटी के सभी चार अधिनियमों के तहत कुल 55231 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ है, जो 4602.56 करोड़ रुपये प्रति माह बनता है.

रिटर्न भरने में भी आगे है हरियाणा
कैप्टन अभिमन्यु ने ये भी बताया कि रिटर्न भरने के अनुपालन के मामले में भी हरियाणा काफी आगे है. हरियाणा का रिटर्न अनुपालन राष्ट्रीय औसत के रिटर्न अनुपालन से 4.05% ज्यादा है. राज्य लगातार देश के शीर्ष तीन सबसे अधिक अनुपालक (मोस्ट कम्पलायंट) राज्यों में शामिल रहा है.

चंडीगढ़: हरियाणा के खाते में एक नया रिकॉर्ड जुड़ गया है. राष्ट्रीय क्षेत्रफल का सिर्फ 1.8% और राष्ट्रीय जनसंख्या का 2.09% होने के बावजूद भी हरियाणा ने जीएसटी के राष्ट्रीय कोष में 4.7% का योगदान दिया है.

'GST के राष्ट्रीय कोष में हरियाणा का योगदान 4.7%- कैप्टन
इसकी जानकारी देते हुए वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि साल 2018-19 के दौरान राज्य से प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह 21745 रुपये, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह 9370 रुपये रहा. इस तरह से राष्ट्रीय स्तर के मुकाबले हरियाणा का प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह से 2.32 गुणा ज्यादा रहा है.

4602.56 करोड़ रुपये प्रति माह का योगदान
उन्होंने बताया कि जीएसटी के सभी 4 अधिनियमों के तहत राष्ट्रीय स्तर पर संग्रह 11,77,369 करोड़ रुपये हुआ. इस तरह हरियाणा से जीएसटी के सभी चार अधिनियमों के तहत कुल 55231 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ है, जो 4602.56 करोड़ रुपये प्रति माह बनता है.

रिटर्न भरने में भी आगे है हरियाणा
कैप्टन अभिमन्यु ने ये भी बताया कि रिटर्न भरने के अनुपालन के मामले में भी हरियाणा काफी आगे है. हरियाणा का रिटर्न अनुपालन राष्ट्रीय औसत के रिटर्न अनुपालन से 4.05% ज्यादा है. राज्य लगातार देश के शीर्ष तीन सबसे अधिक अनुपालक (मोस्ट कम्पलायंट) राज्यों में शामिल रहा है.

Intro:हरियाणा का राष्ट्रीय क्षेत्रफल के मुकाबले मात्र 1.8 प्रतिशत और राष्ट्रीय जनसंख्या के मुकाबले 2.09% होने के बावजूद जीएसटी के राष्टीय कोष में हरियाणा का योगदान 4.7% रहा है । बस 2018 19 के दौरान हरियाणा से प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह 21745 रुपये जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह 9370 करोड़ रुपए रहा है । इस प्रकार हरियाणा का प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह से 2.32 गुणा अधिक रहा । हरियाणा के आबकारी एवं कराधान मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में हरियाणा राज्य नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है और इसी कड़ी में जीएसटी संग्रहण में हरियाणा अग्रणी राज्यों में से एक है ।


Body:हरियाणा के आबकारी एवं कराधान मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि प्रदेश में चार विभिन्न अधिनियम अर्थात हरियाणा माल एवं सेवा कर अधिनियम 2017 , केंद्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम 2017 , एकीकृत माल एवं सेवा कर अधिनियम 2017 और राज्यों के क्षतिपूर्ति कर अधिनियम 2017 के तहत जीएसटी संग्रह किया जाता है । जीएसटी के इन सभी अधिनियम के तहत राष्ट्रीय स्तर पर संग्रह 1177 369 करोड रुपए हुआ । उन्होंने बताया कि इसी प्रकार हरियाणा से जीएसटी के सभी चार अधिनियम के तहत कुल 55 231 करोड रुपए का संग्रह हुआ जो 4602.56 करोड़ रुपए प्रतिमाह बनता है । वर्ष 2017- 18 के 8 महीनों में 10 844.6 करोड़ रुपए के संग्रह के समक्ष वर्ष र 2018 -19 में राज्य जीएसटी से संग्रह 18 987.83 करोड रुपए रहा जो 16 77% वृद्धि दर दर्शाता है । उन्होंने बताया कि रिटर्न भरने के अनुपात के मामले में राज्य बहुत आगे है हरियाणा का रिटर्न अनुपालन राष्ट्रीय औसत के रिटर्न अनुपालन से 4.05% अधिक है । राज्य लगातार देश के शीर्ष 3 सबसे अधिक अनुपालन राज्यों में शामिल रहा है । रिटर्न न भरने वालों को नियमित तौर पर एस एम एस अलर्ट , ईमेल और कारण बताओ नोटिस जारी किए जाते हैं । विभाग की तरफ से 60 दिनों की समय सीमा के अंदर सभी रिफंड आवेदन जारी किए जाते हैं जीएसटी के सभी अधिनियम के तहत अब तक 1643 करोड रुपए रिफंड के 10300 आवेदनों का निपटारा किया गया है । उन्होंने बताया कि राजस्व में वृद्धि करने और कर- वंचन को कम करने के लिए विभिन्न टैक्स चोरी विरोधी अभियान शुरू किए गए हैं । हरियाणा में अब तक 495 करोड रुपए की जीएसटी चोरी के 100 मामलों का पता लगाया गया है इन 100 मामलों में से 234 करोड रुपए की चोरी के 49 मामले फर्जी चालान से संबंधित है । विभाग की तरफ से फर्जी नकली फलों के खिलाफ अब तक 65 एफ आई आर दर्ज कराई गई हैं और जीएसटी के तहत अब तक कुल 8 गिरफ्तारियां की गई हैं । वहीं अब तक 855 44 नए पंजीकृत करदाताओं का भौतिक सत्यापन किया जा चुका है जिनमें से 13 471 फर्जी और गैर मौजूद । इसके साथ ही अब तक बन जाती करदाताओं के पंजीकरण रद्द किए गए हैं और इन करदाताओं से 197.10 करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट रोका गया है । वहीं हरियाणा ई वे बिल कार्यान्वन प्रणाली में , ई वे बिल के सृजन में हरियाणा तीसरे स्थान पर जबकि गलत ई वे बिल का पता लगाने के मामले में दूसरे स्थान पर है । वहीं विभाग की तरफ से हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड के अनुरोध पर व्यापारियों और उद्योगों के लिए दो बीमा योजना पर कार्य किया जा रहा है मुख्यमंत्री व्यापारी सामूहिक निजी दुर्घटना बीमा योजना के तहत व्यक्तिगत दुर्घटना मृत्यु या स्थाई विकलांगता के मामले में पंजीकृत करदाताओं को 5 लाख का बीमा कवर प्रदान किया जाएगा । वही माल की आपूर्ति में कार्य करने वाले व्यापारियों के लिए जीएसटी के तहत पंजीकरण की सीमा 20 लाख बढ़ाकर 40 लाख कर दी गई है । हरियाणा में कुल 12% करदाता 20 लाख रुपए और 40 लाख के बीच कारोबार की श्रेणी में आते हैं ।
वहीं कंपोजीशन स्कीम का चयन करने की ऊपरी सीमा 1 करोड़ से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपए की गई है । 5% करदाता 1 करोड रुपए और 1 . 5 करोड़ रुपए के बीच कारोबार करने वाले करदाताओं की श्रेणी में आते हैं । बस दो हजार अट्ठारह उन्नीस में कुल 218 11 करदाताओं का कारोबार 1 करोड रुपए और 1. 5 करोड़ रुपये के बीच रहा । प्रदेश में 450 279 के कुल पंजीकरण से में से कुल 2 8584 करदाताओं ने कंपोजीशन स्कीम का विकल्प चुना है । हरियाणा के मामले में यह 6. 3% है । अभिमन्यु ने बताया कि सेवाओं के आपूर्तिकर्ता हेतु कंपोजीशन स्कीम शुरू करने के बाद से सेवाओं में कार्य करने वाले 75 प्रतिशत करदाताओं ने कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुना है ।


Conclusion:जीएस 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद बैठ व्यवस्था के तहत 2,02,013 के करदाता धार के पुल में 247 814 ने करदाताओं को जोड़ा गया है अब राज्य में कुल 4,49827 पंजीकृत करदाता है । वही देश में फर्जी चालान के मामलों का पता लगाने में कर्नाटक के बाद हरियाणा दूसरे स्थान पर है विभाग की तरफ से डाटा और सूचना आधारित परिवर्तन के विश्लेषण के लिए एक कर अनुसंधान इकाई की स्थापना की गई है इससे धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट उपयोग के कई मामलों का पता चला है । फिलहाल विभाग की तरफ से आकलन और वसूली को प्रभावी निगरानी के लिए एक आंतरिक लेखा परीक्षा प्रणाली स्थापित करने का निर्णय लिया गया है । फिलहाल पिछले वित्त वर्ष में 1. 5 करोड़ रुपए तक के कारोबार करने वाले छोटे करदाताओं के पास तिमाही रिटर्न दाखिल करने का विकल्प है । कुल 82% करदाता डेढ़ करोड रुपए से कम के कारोबार करने वाले करदाताओं की श्रेणी में आते हैं वर्तमान में 216 600 करदाता तिमाही जीटीआर 01 दाखिल कर रहे हैं । फिलहाल हरियाणा सरकार की तरफ से कई कदम ऐसे कारोबारियों को लेकर उठाए जा रहे हैं वाकई ऐसी छूट दी जा रही है जिसके चलते लगातार हरियाणा जीएसटी संग्रह में आगे बढ़ रहा है ।
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