चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं जिनका नतीजा 24 अक्टूबर को सामने आएगा, लेकिन इस बीच NCRB ने 2017 में देश में हुए अपराध के आकड़े जारी किए हैं और इस बार भी ये आंकड़े हरियाणा के लिए अच्छे नहीं है. हरियाणा में हुए अपराधों में इजाफा हुआ है फिर चाहे वो अपराध महिला के साथ हो या फिर हत्या का.
हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ा
सबसे पहले बात करते हैं आधी आबादी की, क्योंकि हरियाणा में महिलाओं पर राजनीति तो बहुत होती है लेकिन उन्हें सुरक्षित रखने के लिए अबतक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. यही वजह है कि हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध में बढ़ोत्तरी हुई है. साल 2015 में हरियाणा में महिलाओं के खिलाफ कुल 9511 केस दर्ज किए गए थे. जबकि 2016 में ये आंकड़ा 9839 केसों का था. वहीं 2017 में 1,531 केसों की बढ़ोत्तरी के साथ ये आंकड़ा 11370 पहुंच गया है.
बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी सेफ नहीं हरियाणा!
हरियाणा में सिर्फ महिलाओं के खिलाफ ही नहीं बच्चों के खिलाफ भी अपराध बढ़ा है. जहां 2015 में ये आंकड़े जहां 3262 और 2016 में 3099 थे. वहीं 2017 में ये आंकड़ा 4169 हो गया. इसके अलावा सीनियर सिटिजन के साथ हुए अपराधों में भी इजाफा हुआ है. 2015 में 306, 2016 में 349 सीनियर सिटिजन से जुड़े अपराध हरियाणा में दर्ज किए गए. वहीं 2017 में ये आंकड़ा बढ़कर 466 हो गया.
अनुसूचित जाति के खिलाफ हुए अपराध में इजाफा
इसके अलावा हरियाणा में अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ हुए अपराध में भी इजाफा हुआ है. हरियाणा में अनुसूचित जाति से जुड़े 2017 में 762 केस दर्ज किए गए. जबकि 2016 और 2015 में ये आंकड़ा 639 और 510 था.
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NRCB के आंकड़े जारी
NRCB के आंकड़ों के मुताबिक जहां हरियाणा में महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध में इजाफा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ भ्रष्टाचार से जुड़े आंकड़े राहत देने वाले हैं. 2017 में हरियाणा में भ्रष्टाचार से जुड़े सिर्फ 82 मामले ही दर्ज किए गए. जबकि 2016 और 2015 में ये आंकड़ा 139 और 206 था.