चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद ने एक बार फिर से कश्मीरी पंडितों (naveen jaihind on kashmiri pandits) का मुद्दा उठाया. नवीन जयहिंद ने ऐलान किया कि वो 26 जून को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करेंगे. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान नवीन जयहिंद ने कहा कि वो 26 जून रविवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर 12 बजे प्रदर्शन (naveen jaihind protest at jantar mantar) करेंगे. जिसके लिए वो सभी लोगों का आमंत्रण दे रहे हैं. नवीन जयहिंद ने सभी को आमंत्रण देते हुए कहा कि सभी जंतर-मंतर पर आए और कश्मीरी पंडितों, हिंदुओं और सेना के जवानों की हत्याओं के विरोध में आवाज को बुलंद करें.
नवीन जयहिंद ने कहा कि कश्मीर में जिस तरीके से हिंदुओं और कश्मीरी पंडितों की हत्याएं हो रही हैं. इन हालातों में उन लोगों को सरकार को एके-47 देनी चाहिए, ताकि वो अपनी सुरक्षा कर पाए. जिस तरीके से उन्हें मारा जा रहा है. वो सही नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस पर जो लोग राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं नेताओं, मंत्रियों और से ये कहूंगा कि वो एक बार चाहे एक दिन के लिए ही सही, लाल चौक पर जाकर कश्मीर में वक्त गुजार कर आएं. उन्होंने कहा कि हमारे देश के नेता एक दिन फौजियों के साथ रहें, एक दिन कश्मीरी पंडितों के साथ रहे, तभी उन्हें वहां की हकीकत भी पता चल पाएगी.
उन्होंने कहा कि जो ऐसा करेगा उनको वो एक लाख रुपये इनाम देंगे. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो सिर्फ वो बातें ही कर रहे हैं. धरातल पर कुछ नहीं. उन्होंने कहा कि वो खुद भी कश्मीर जा कर आए हैं. जयहिंद ने कहा कि अगर कश्मीर में आप सामान्य तौर पर एक पर्यटक की तरह जाते हैं तो फिर कोई दिक्कत नहीं है, अगर आप वहां जाकर कश्मीरी पंडितों और सेना के बारे में बात करेंगे तो आपको टारगेट बना दिया जाएगा. हमें भी वहां टारगेट बनाने की कोशिश हुई थी. ये तो हमारी सेना की मेहरबानी है कि हम वहां से बच कर आ गए. जयहिंद ने कहा कि इसीलिए मैं नेताओं से कह रहा हूं कि 1 दिन जाकर लाल चौक पर गुजार के आए.
उन्होंने कहा कि सभी मुख्यमंत्रियों को या केंद्र सरकार को अपने मंत्रियों की वहां ड्यूटी लगानी चाहिए, क्योंकि कश्मीर में सिर्फ पंडित नहीं मारे जा रहे हैं, बल्कि सेना के जवान जो विभिन्न जाति धर्म से संबंध रखते हैं. उनकी भी हत्याएं हो रही हैं. जब नवीन जयहिंद से पूछा गया कि क्या वो जंतर मंतर पर फरसा लेकर जाएंगे? तो इस पर उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर वो जंतर-मंतर पर फारसे के साथ जाएंगे, क्योंकि फरसे को अत्याचार के खिलाफ हथियार के तौर पर देखा जाता है. उन्होंने कहा कि ये भगवान परशुराम का प्रतीक चिन्ह है. जो किसी को मारने काटने के लिए नहीं है, बल्कि अपनी रक्षा करने के लिए है.
उन्होंने कहा कि अगर कोई हम को मारने काटने आएगा तो फिर हमें इसे उठाना ही पड़ेगा. इसीलिए हम मांग कर रहे हैं कि कश्मीरी पंडितों को भी एके-47 दी जानी चाहिए. जब उनसे सवाल किया गया कि अगर इस तरीके से सभी लोगों को हथियार दिए जाएंगे तो क्या इससे हिंसा नहीं फैलेगी? इसपर उन्होंने कहा कि अहिंसा परमो धर्मा. उन्होंने कहा कि अगर अपने समाज और देश के हित के लिए आपको हथियार उठाने पड़े तो उसे हिंसा नहीं कहा जाता. उन्होंने कहा कि हम ये नहीं कहते कि आप किसी का हक मारो, गरीब को परेशान करो, किसी को नाजायज परेशान करो, लेकिन अगर कोई आपको मारने आ रहा है तो आपको अपनी रक्षा के लिए कदम उठाना ही होगा.
हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए नवीन जयहिंद ने कहा कि सरकार जो काम कर रही है वो सही दिशा में नहीं है. नवीन जयहिंद ने सीएम आवास का नाम संत कबीर कुटीर रखे जाने पर भी तंज कसा. जयहिंद ने कहा कि मुख्यमंत्री के जिस तरह के कर्म हैं उसे देखते हुए लगता है कि उन्हें अपने आवास का नाम संत कबीर कुटीर नहीं बल्कि कंस कुटीर रख लेना चाहिए. राजनीति में आने के सवाल पर जयहिंद ने कहा कि जब वो राजनीति में शामिल होंगे तो सभी को बता कर होंगे. छुपकर नहीं. उन्होंने कहा कि फिलहात तो मैं समाज के मुद्दों को ऐसे ही उठाता रहूंगा.
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