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बाढड़ा विधानसभा सीट से नैना चौटाला की जीत, कांग्रेस और बीजेपी को चटाई धूल

बाढड़ा विधानसभा सीट से जेजेपी लीडर नैना चौटाला ने जीत दर्ज की है. यहां दूसरे और तीसरे नंबर पर कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवार हैं. जानें कौन हैं नैना चौटाला.

नैना चौटाला
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Published : Oct 24, 2019, 1:46 PM IST

चंडीगढ़: जेजेपी नेता नैना चौटाला ने बाढड़ा विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है. बता दें कि इस सीट पर कांग्रेस के रणधीर सिंह महेंद्र चुनावी मैदान में थे और बीजेपी से सुखविंद्र. इस दोनों नेताओं को कई हजार मतों से पछाड़ते हुए नैना चौटाला ने जीत दर्ज की है.

कौन हैं नैना चौटाला ?
हरियाणा की राजनीति के लिए नैना चौटाला नया नाम नहीं हैं, क्योंकि इससे पहले भी वो राज्य की राजनीति में काफी एक्टिव रहीं हैं. नैना चौटाला देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व. देवीलाल के परिवार से ताल्लुक रखती हैं.

साल 2014 के विधानसभा चुनाव में नैना चौटाला डबवाली विधानसभा सीट से आईएनएलडी उम्मीदवार थीं और जीत भी हासिल की थी. इस चुनाव में नैना को 68029 वोट मिले थे. जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस के डॉ. कमलवीर सिंह थे जिनको 59484 वोट मिले थे.

सक्रिय राजनीति में नैना चौटाला अपने बेटे दुष्यंत चौटाला के लोकसभा चुनाव में सक्रिय हुई थीं. नैना चौटाला अपने समय में अच्छी निशानेबाज भी रही हैं. शूटिंग में उन्होंने इंटर यूनिवर्सिटी में शूटिंग टीम का प्रतिनिधित्व किया था. नैना की शिक्षा की बात करें तो ये रानीति शास्त्र से एमए प्रथम वर्ष तक की शिक्षा प्राप्त की हैं. इसके अलावा कॉलेज में एनसीसी की कैडेट रही और कॉलेज की ओर से आरडी कैंप में भाग भी लिया था.

चौटाला खानदान से पहली महिला विधायक

पूर्व प्रधानमंत्री देवी लाल चौटाला परिवार की वह प्रथम महिला हैं, जिन्‍होंने सियासत की दुनिया में कदम रखा. इसके पूर्व इस परिवार की कोई महिला सियासत में प्रवेश नहीं की थ. वर्ष 2014 में पहली बार वह सिरसा लोकसभा क्षेत्र में आने वाली डबवाली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ी और विजयी हुई.

दरअसल, वर्ष 2009 में उनके पति अजय सिंह चौटाला विधायक थे. लेकिन एक घाटाले में नाम आने के कारण अजय चौटाले जेल गए. इसके साथ ही नैना की सियासी पारी की शुरुआत हुई. ये सीट चौटाला परिवार की परंपरागत सीट और उनका गढ़ है. साल 2014 में नैना चौटाला डबवाली विधानसभा क्षेत्र चुनाव लड़ी और विजयी हुईं.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही कांग्रेस के हीरो !

चंडीगढ़: जेजेपी नेता नैना चौटाला ने बाढड़ा विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है. बता दें कि इस सीट पर कांग्रेस के रणधीर सिंह महेंद्र चुनावी मैदान में थे और बीजेपी से सुखविंद्र. इस दोनों नेताओं को कई हजार मतों से पछाड़ते हुए नैना चौटाला ने जीत दर्ज की है.

कौन हैं नैना चौटाला ?
हरियाणा की राजनीति के लिए नैना चौटाला नया नाम नहीं हैं, क्योंकि इससे पहले भी वो राज्य की राजनीति में काफी एक्टिव रहीं हैं. नैना चौटाला देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व. देवीलाल के परिवार से ताल्लुक रखती हैं.

साल 2014 के विधानसभा चुनाव में नैना चौटाला डबवाली विधानसभा सीट से आईएनएलडी उम्मीदवार थीं और जीत भी हासिल की थी. इस चुनाव में नैना को 68029 वोट मिले थे. जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस के डॉ. कमलवीर सिंह थे जिनको 59484 वोट मिले थे.

सक्रिय राजनीति में नैना चौटाला अपने बेटे दुष्यंत चौटाला के लोकसभा चुनाव में सक्रिय हुई थीं. नैना चौटाला अपने समय में अच्छी निशानेबाज भी रही हैं. शूटिंग में उन्होंने इंटर यूनिवर्सिटी में शूटिंग टीम का प्रतिनिधित्व किया था. नैना की शिक्षा की बात करें तो ये रानीति शास्त्र से एमए प्रथम वर्ष तक की शिक्षा प्राप्त की हैं. इसके अलावा कॉलेज में एनसीसी की कैडेट रही और कॉलेज की ओर से आरडी कैंप में भाग भी लिया था.

चौटाला खानदान से पहली महिला विधायक

पूर्व प्रधानमंत्री देवी लाल चौटाला परिवार की वह प्रथम महिला हैं, जिन्‍होंने सियासत की दुनिया में कदम रखा. इसके पूर्व इस परिवार की कोई महिला सियासत में प्रवेश नहीं की थ. वर्ष 2014 में पहली बार वह सिरसा लोकसभा क्षेत्र में आने वाली डबवाली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ी और विजयी हुई.

दरअसल, वर्ष 2009 में उनके पति अजय सिंह चौटाला विधायक थे. लेकिन एक घाटाले में नाम आने के कारण अजय चौटाले जेल गए. इसके साथ ही नैना की सियासी पारी की शुरुआत हुई. ये सीट चौटाला परिवार की परंपरागत सीट और उनका गढ़ है. साल 2014 में नैना चौटाला डबवाली विधानसभा क्षेत्र चुनाव लड़ी और विजयी हुईं.

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Intro:फरीदाबाद की तिगांव विधानसभा से कांग्रेस के उम्मीदवार और निवर्तमान विधायक ललित नागनी ईटीवी बाहर से बातचीत करते हुए कहा कि निश्चित तौर पर वह गांव की सीट कांग्रेस की झोली में डालने वाले हैं क्योंकि जब से टिकट वितरण हुआ है उसके बाद बड़े-बड़े नेता चाहे अमित शाह की बात करें स्मृति ईरानी की बात करें या फिर मुख्यमंत्री समेत दूसरे नेता बड़ी-बड़ी रैलियां यहां पर कर चुके हैं लेकिन रैलियों का कोई असर यहां पर नहीं होने वाला है और क्षेत्र की जनता कांग्रेस को चुनने वाली है उन्होंने कहा कि अगर केंद्र नेतृत्व भूपेंद्र सिंह हुड्डा कुमारी शैलजा को समय रहते हरियाणा कांग्रेस की उनके हाथ में देता तो और बेहतर प्रदर्शन हो सकता था उन्होंने कहा कि कम समय में कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया है और यही वजह है कि कांग्रेस प्रदेश में इस बार सरकार बनाने वाली है उन्होंने कहा कि गांव विधानसभा में चाहे अमित शाह की रैली की बात करें मृति ईरानी की रैली की बात करें दूसरी रैली का कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है और कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही हैBody:hr_far_02_lalt_nagar_one to one_7203403Conclusion:hr_far_02_lalt_nagar_one to one_7203403
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