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MSP पर राजनीति: खरीफ फसलों की एमएसपी बढ़ाने पर शुरू हुआ बवाल, विपक्षी दलों ने सरकार पर दागे सवाल - deepender hooda kharif crops msp

केंद्र की मोदी सरकार ने खरीफ की 17 फसलों पर एमएसपी (minimum support price) में बढ़ोतरी की है. सरकार के इस फैसले के बाद हरियाणा में राजनीति शुरू हो गई है. सत्ता पक्ष जहां फैसले को ऐतिहासिक बता रहा है. वहीं विपक्ष सरकार को निशाने पर ले रहा है.

msp on kharif crops increased haryana congress targets government
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Published : Jun 11, 2021, 10:58 AM IST

चंडीगढ़: केंद्र सरकार ने साल 2021-22 के लिए खरीफ फसलों (kharif crops) का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है. एमएसपी बढ़ाने की घोषणा के बाद ही हरियाणा में सत्ता पक्ष और विपक्ष फिर आमने सामने आ गया है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (manohar lal) समेत बीजेपी के तमात नेताओं ने केंद्र के इस फैसले का स्वागत किया है.

सीएम मनोहर लाल का कहना है कि केंद्र सरकार की तरफ से किसानों की खरीफ की 17 फसलों का एमएसपी घोषित किया गया है. इसके लिए पीएम का धन्यवाद करते हैं. इस बार जुलाई से पहले ही एमएसपी की घोषणा हो गई है. किसान भी निर्णय कर सकेंगे कि कौन सी फसल लगानी है. केंद्र ने फसल के अच्छे रेट दिए गए है. 2022 तक किसानों की आय दोगुनी होगी.

केंद्र ने खरीफ फसलों पर बढ़ाया MSP, हरियाणा में शुरू हुई राजनीति

MSP पर आमने-सामने सरकार और विपक्ष

किसान आंदोलन (farmers protest) के बीच केंद्र के इस फैसले को हरियाणा की बीजेपी सरकार एक बड़े कदम के रूप में देख रही है, लेकिन विपक्ष को इस फैसले पर कई तरह के ऐतराज हैं. राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा का कहना है कि सरकार ने खरीफ फसलों की एमएसपी में मामूली बढ़ोतरी की है, लेकिन डीजल के दाम 39 फीसदी तक बढ़ा दिए हैं. ऐसे में किसानों को फसल का सही दाम तो मिल नहीं रहा बल्कि किसान महंगाई की मार झेलने को मजबूर हैं.

ये भी पढे़ं- केंद्र सरकार ने बढ़ाई खरीफ फसलों की MSP, यहां देखें रेट लिस्ट

दीपेंद्र हुड्डा (deepender hooda) ने कहा कि धान पर 3.9 प्रतिशत यानी 72 रुपये बढ़ाया है, जबकि डीजल का भाव ही 39 प्रतिशत बढ़ चुका है. प्रधानमंत्री ने 2015-16 में किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने की घोषणा की थी, उस समय धान का भाव 1470 रुपये था. इस समय वित्त वर्ष 2021-22 चल रहा है तो धान का भाव 2940 होना चाहिए था. हुड्डा ने कहा कि डीजल, पेट्रोल के भाव में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है, जिससे किसान का खर्च दोगुना और आमदनी आधी रह गई है.

ये भी पढे़ं- केंद्र ने खरीफ फसलों पर बढ़ाई MSP, ओपी धनखड़ ने जताया आभार

किसान भी फैसले से नाखुश

किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के इस फैसले को हास्यास्पद बताया है. किसान नेता स्वामी इंद्र का कहना है कि हर साल एमएसपी पर केवल 6 प्रतिशत की ही खरीद होती है. जब तक सरकार एमएसपी पर गारंटी का कानून नहीं बनाती, तब तक किसानों को इसका कोई लाभ नहीं होगा. किसान नेता ने ये भी कहा कि सरकार सिर्फ अपना मुनाफा देख रही है और डीजल के दाम में बढ़ोतरी हो रही है.

ये भी पढे़ं- केंद्र ने बढ़ाई खरीफ की MSP तो हरियाणा के किसान बोले, भरोसा नहीं, आंदोलन कमजोर करना चाहती है सरकार

चंडीगढ़: केंद्र सरकार ने साल 2021-22 के लिए खरीफ फसलों (kharif crops) का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है. एमएसपी बढ़ाने की घोषणा के बाद ही हरियाणा में सत्ता पक्ष और विपक्ष फिर आमने सामने आ गया है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (manohar lal) समेत बीजेपी के तमात नेताओं ने केंद्र के इस फैसले का स्वागत किया है.

सीएम मनोहर लाल का कहना है कि केंद्र सरकार की तरफ से किसानों की खरीफ की 17 फसलों का एमएसपी घोषित किया गया है. इसके लिए पीएम का धन्यवाद करते हैं. इस बार जुलाई से पहले ही एमएसपी की घोषणा हो गई है. किसान भी निर्णय कर सकेंगे कि कौन सी फसल लगानी है. केंद्र ने फसल के अच्छे रेट दिए गए है. 2022 तक किसानों की आय दोगुनी होगी.

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MSP पर आमने-सामने सरकार और विपक्ष

किसान आंदोलन (farmers protest) के बीच केंद्र के इस फैसले को हरियाणा की बीजेपी सरकार एक बड़े कदम के रूप में देख रही है, लेकिन विपक्ष को इस फैसले पर कई तरह के ऐतराज हैं. राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा का कहना है कि सरकार ने खरीफ फसलों की एमएसपी में मामूली बढ़ोतरी की है, लेकिन डीजल के दाम 39 फीसदी तक बढ़ा दिए हैं. ऐसे में किसानों को फसल का सही दाम तो मिल नहीं रहा बल्कि किसान महंगाई की मार झेलने को मजबूर हैं.

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दीपेंद्र हुड्डा (deepender hooda) ने कहा कि धान पर 3.9 प्रतिशत यानी 72 रुपये बढ़ाया है, जबकि डीजल का भाव ही 39 प्रतिशत बढ़ चुका है. प्रधानमंत्री ने 2015-16 में किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने की घोषणा की थी, उस समय धान का भाव 1470 रुपये था. इस समय वित्त वर्ष 2021-22 चल रहा है तो धान का भाव 2940 होना चाहिए था. हुड्डा ने कहा कि डीजल, पेट्रोल के भाव में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है, जिससे किसान का खर्च दोगुना और आमदनी आधी रह गई है.

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किसान भी फैसले से नाखुश

किसान नेताओं ने केंद्र सरकार के इस फैसले को हास्यास्पद बताया है. किसान नेता स्वामी इंद्र का कहना है कि हर साल एमएसपी पर केवल 6 प्रतिशत की ही खरीद होती है. जब तक सरकार एमएसपी पर गारंटी का कानून नहीं बनाती, तब तक किसानों को इसका कोई लाभ नहीं होगा. किसान नेता ने ये भी कहा कि सरकार सिर्फ अपना मुनाफा देख रही है और डीजल के दाम में बढ़ोतरी हो रही है.

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