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सांसद किरण खेर ने संसद में उठाया अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों का मुद्दा

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Published : Nov 27, 2019, 10:38 PM IST

सांसद किरण खेर ने गृह मंत्रालय से आग्रह किया कि चंडीगढ़ में भी पंजाब की तर्ज पर पांच प्रतिशत की अधिकतम सीमा को खत्म किया जाए. इस तरह से मृतक के परिवार वालों को राहत दी जा सकती है.

MP Kiran Kher
सांसद किरण खेर ने संसद में उठाया अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों का मुद्दा

चंडीगढ़: सांसद किरण खेर ने यूटी में अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों के मुद्दे को बुधवार को लोकसभा में उठाया. खेर ने लोकसभा के शून्य काल में कहा कि अनुकंपा के आधार पर होने वाली नियुक्ति का उद्देश्य परिवार के आश्रित सदस्य को नियुक्ति देना है.

किरण खेर ने उठाया अनुकंपा का मुद्दा
जिसका सरकारी सेवा में रहते हुए या तो निधन हो गया, या 55 साल की आयु से पहले वो स्वास्थ्य कारणों से रिटायर हो गया, ऐसे मामलों में वर्तमान में चंडीगढ़ में अनुकंपा के आधार पर जो नियुक्ति की जाती है. इसके लिए चंडीगढ़ में 5% की अधिकतम सीमा तय की गई है और इस सीमा की वजह से अधिकांश आवेदकों को अनुकंपा नियुक्तियों का लाभ नहीं मिल पाता है.

सांसद किरण खेर ने संसद में उठाया अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों का मुद्दा

'पंजाब का नियम चंडीगढ़ में हो लागू'
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब स्टेट सिविल सर्विसेज नियमों को अपनाया है. चंडीगढ़ के कर्मचारी अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति को छोड़कर पंजाब के कर्मचारियों के समान वेतन, भत्ते, सेवानिवृत्ति की आयु और पेंशन लाभ आदि की तरह अन्य लाभों के हकदार हैं. अगर बाकी सब मामलों में पंजाब के नियम चंडीगढ़ में लागू है, तो अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों के नियम भी पंजाब सरकार के ही लागू होने चाहिए.

ये भी पढ़ें- सीएम के मीडिया सलाहकार अमित आर्य ने संभाला कार्यभार, कल सीएमओ में हुई थी नियुक्ति

सांसद किरण खेर ने गृह मंत्रालय से आग्रह किया कि चंडीगढ़ में भी पंजाब की तर्ज पर पांच प्रतिशत की अधिकतम सीमा को खत्म किया जाए. इस तरह से मृतक के परिवार वालों को राहत दी जा सकती है.

चंडीगढ़: सांसद किरण खेर ने यूटी में अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों के मुद्दे को बुधवार को लोकसभा में उठाया. खेर ने लोकसभा के शून्य काल में कहा कि अनुकंपा के आधार पर होने वाली नियुक्ति का उद्देश्य परिवार के आश्रित सदस्य को नियुक्ति देना है.

किरण खेर ने उठाया अनुकंपा का मुद्दा
जिसका सरकारी सेवा में रहते हुए या तो निधन हो गया, या 55 साल की आयु से पहले वो स्वास्थ्य कारणों से रिटायर हो गया, ऐसे मामलों में वर्तमान में चंडीगढ़ में अनुकंपा के आधार पर जो नियुक्ति की जाती है. इसके लिए चंडीगढ़ में 5% की अधिकतम सीमा तय की गई है और इस सीमा की वजह से अधिकांश आवेदकों को अनुकंपा नियुक्तियों का लाभ नहीं मिल पाता है.

सांसद किरण खेर ने संसद में उठाया अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों का मुद्दा

'पंजाब का नियम चंडीगढ़ में हो लागू'
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब स्टेट सिविल सर्विसेज नियमों को अपनाया है. चंडीगढ़ के कर्मचारी अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति को छोड़कर पंजाब के कर्मचारियों के समान वेतन, भत्ते, सेवानिवृत्ति की आयु और पेंशन लाभ आदि की तरह अन्य लाभों के हकदार हैं. अगर बाकी सब मामलों में पंजाब के नियम चंडीगढ़ में लागू है, तो अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों के नियम भी पंजाब सरकार के ही लागू होने चाहिए.

ये भी पढ़ें- सीएम के मीडिया सलाहकार अमित आर्य ने संभाला कार्यभार, कल सीएमओ में हुई थी नियुक्ति

सांसद किरण खेर ने गृह मंत्रालय से आग्रह किया कि चंडीगढ़ में भी पंजाब की तर्ज पर पांच प्रतिशत की अधिकतम सीमा को खत्म किया जाए. इस तरह से मृतक के परिवार वालों को राहत दी जा सकती है.

Intro:चंडीगढ़। शहर की सांसद किरण खेर ने यूटी, चंडीगढ़ में अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों के मुद्दे को बुधवार को लोकसभा में उठाया। Body:खेर ने लोकसभा में शून्य काल में कहा कि अनुकंपा आधार पर होने वाली नियुक्ति का उद्देश्य परिवार के आश्रित सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देना है जिसका सरकारी सेवा में रहते हुए या तो निधन हो गया या 55 वर्ष की आयु प्राप्त करने से पहले वह स्वास्थ्य कारणों से रिटायर हो गया। वर्तमान में चंडीगढ़ अनुकंपा के आधार पर जो नियुक्ति की जाती है इसके लिए चंडीगढ़ में 5% की अधिकतम सीमा तय की गई है और इस सीमा की वजह से अधिकांश आवेदकों को अनुकंपा नियुक्तियों का लाभ नहीं मिल पाता है।
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन ने पंजाब स्टेट सिविल सर्विसेज नियमों को अपनाया है चंडीगढ़ के कर्मचारी अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति को छोड़कर पंजाब के कर्मचारियों के समान वेतन, भत्ते, सेवानिवृत्ति की आयु और पेंशन लाभ आदि की तरह अन्य लाभों के हकदार हैं। अगर बाकी सब मामलों में पंजाब के नियम चंडीगढ़ में लागू हैं तो अनुकंपा आधार पर नियुक्तियों के नियम भी पंजाब सरकार के ही लागू होने चाहिए। उन्होंने गृह मंत्रालय से आग्रह किया कि चंडीगढ़ में भी पंजाब की तर्ज पर पांच प्रतिशत की अधिकतम सीमा को खत्म किया जाए। इस तरह से मृतक के परिवार वालों को राहत दी जा सकती है।Conclusion:
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