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बाढ़ जैसे हालात! शहरों में भरा पानी, घर छोड़ने को मजबूर हुए लोग - monsoon

रविवार से रुक-रुक कर हो रही बारिश से प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. मानसून के आते ही तेज बारिश ने लोगों की परेशानियां भी बढ़ा दी है. वहीं शहर में भरे बारिश के पानी ने प्रशासन के तमाम दावों की पोल खोल कर रख दी है.

जलभराव की अलग-अलग तस्वीरें
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Published : Jul 17, 2019, 8:51 PM IST

चंडीगढ़ः रविवार से रुक-रुक कर हो रही बारिश से प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. मानसून के आते ही तेज बारिश ने लोगों की परेशानियां भी बढ़ा दी है. वहीं शहर में भरे बारिश के पानी ने प्रशासन के तमाम दावों की पोल खोल कर रख दी है.

अंबाला में घर छोड़ने को मजबूर हुए लोग
अंबाला में तो हालात ये है कि लोगों को अपना घर छोड़कर वहां से पलायन करना पड़ रहा है. उसके बावजूद भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड प्रशासन या सरकार की तरफ से कोई मदद मिल रही थी. वहीं मामला मीडिया में आने के बाद आला अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए और अब वो लगातार जिले का दौरा कर लोगों के लिए राहत कार्य में जुटे हुए हैं.

'पानी के साथ हो सकती है बिजली की समस्या'
भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड अधिकारी नरेंद्र शर्मा ने बताया कि जिस कॉलोनी के अंदर पानी भरा है वहां पावर सप्लाई कंट्रोलपॉइंट बनाया गया है, जो अलार्मिंग स्टेज तक पहुंच चुका था. उन्होंने बताया कि अगर पानी उस लेबल से ऊपर चला जाता तो अंबाला के साथ-साथ कई और जिलों की बिजली गुल हो जाती.

बाढ़ जैसे हालात, देखें जलभराव की अलग-अलग तस्वीरें

रोहतक में कागजी तैयारी तक सीमित प्रशासन!
रोहतक में भी भारी बारिश ने प्रशासन के तमाम दावों को झूठा साबित कर दिया है. मंगलवार से हो रही बारिश के कारण लोगों को गर्मी से तो राहत मिली है लेकिन साथ ही ये मुसीबत का भी सबब बना है. स्थानीय लोगों का कहना है कि मानसून से पहले आला अधिकारियों ने बारिश से निपटने के कई दावे किए थे लेकिन लगता है सारी तैयारी केवल काजगों तक ही सीमित रह गए.

जींद में सरकारी दफ्तर नदियों में तब्दील
वहीं जींद में बारिश होने से जगह-जगह सीवर जाम हो गए हैं. जिससे नालियों का गंदा पानी सड़कों पर जमा हो गया है और लोगों को इसी पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है. यही नहीं नालियों का ये गंदा पानी लोगों के घरों में भी घुस रहा है तो वहीं सरकारी दफ्तर भी नदियों नें तब्दील हो गए हैं. आस-पास के लोगों ने प्रशासन से जल्द समस्या से निपटारे की गुहार लगाई है.

चरखी दादरी के भी बुरे हालात
बात करें चरखी दादरी की तो बारिश के चलते शहर में पानी निकासी के दावे भी धराशायी नजर आए. जहां पानी निकासी नहीं होने के चलते अधिकतर कालोनियों जलमग्न हो गई. इसके अलावा शहर की अन्य कई गलियों में सीवरेज संबंधी समस्या होने से लोग परेशान हो रहे हैं.

चंडीगढ़ः रविवार से रुक-रुक कर हो रही बारिश से प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. मानसून के आते ही तेज बारिश ने लोगों की परेशानियां भी बढ़ा दी है. वहीं शहर में भरे बारिश के पानी ने प्रशासन के तमाम दावों की पोल खोल कर रख दी है.

अंबाला में घर छोड़ने को मजबूर हुए लोग
अंबाला में तो हालात ये है कि लोगों को अपना घर छोड़कर वहां से पलायन करना पड़ रहा है. उसके बावजूद भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड प्रशासन या सरकार की तरफ से कोई मदद मिल रही थी. वहीं मामला मीडिया में आने के बाद आला अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए और अब वो लगातार जिले का दौरा कर लोगों के लिए राहत कार्य में जुटे हुए हैं.

'पानी के साथ हो सकती है बिजली की समस्या'
भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड अधिकारी नरेंद्र शर्मा ने बताया कि जिस कॉलोनी के अंदर पानी भरा है वहां पावर सप्लाई कंट्रोलपॉइंट बनाया गया है, जो अलार्मिंग स्टेज तक पहुंच चुका था. उन्होंने बताया कि अगर पानी उस लेबल से ऊपर चला जाता तो अंबाला के साथ-साथ कई और जिलों की बिजली गुल हो जाती.

बाढ़ जैसे हालात, देखें जलभराव की अलग-अलग तस्वीरें

रोहतक में कागजी तैयारी तक सीमित प्रशासन!
रोहतक में भी भारी बारिश ने प्रशासन के तमाम दावों को झूठा साबित कर दिया है. मंगलवार से हो रही बारिश के कारण लोगों को गर्मी से तो राहत मिली है लेकिन साथ ही ये मुसीबत का भी सबब बना है. स्थानीय लोगों का कहना है कि मानसून से पहले आला अधिकारियों ने बारिश से निपटने के कई दावे किए थे लेकिन लगता है सारी तैयारी केवल काजगों तक ही सीमित रह गए.

जींद में सरकारी दफ्तर नदियों में तब्दील
वहीं जींद में बारिश होने से जगह-जगह सीवर जाम हो गए हैं. जिससे नालियों का गंदा पानी सड़कों पर जमा हो गया है और लोगों को इसी पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है. यही नहीं नालियों का ये गंदा पानी लोगों के घरों में भी घुस रहा है तो वहीं सरकारी दफ्तर भी नदियों नें तब्दील हो गए हैं. आस-पास के लोगों ने प्रशासन से जल्द समस्या से निपटारे की गुहार लगाई है.

चरखी दादरी के भी बुरे हालात
बात करें चरखी दादरी की तो बारिश के चलते शहर में पानी निकासी के दावे भी धराशायी नजर आए. जहां पानी निकासी नहीं होने के चलते अधिकतर कालोनियों जलमग्न हो गई. इसके अलावा शहर की अन्य कई गलियों में सीवरेज संबंधी समस्या होने से लोग परेशान हो रहे हैं.

Intro:जलमग्न हुई अंबाला शहर की भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के स्टाफ की कॉलोनी को राहत मिलना हुई शुरू।


Body:बता दें कि बीते रविवार से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने यहां पर बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए थे जिसको लेकर लोगों को कॉलोनी से पलायन करना पढ़ा था। लेकिन नहीं तो भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड प्रशासन या फिर कहें सरकार की तरफ से कोई मदद मिल रही है लेकिन यह सारा का सारा मामला मीडिया में आने के बाद से कल शाम जिला उपायुक्त शरणदीप कौर बराड़ ने यहां का दौरा किया और उसके बाद आज सुबह भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के चेयरमैन डीके शर्मा ने भी यहां का दौरा किया और उन्होंने बाकायदा यहां पर चिश्ती में बैठकर सारी कॉलोनी का दौरा किया और राहत कार्यों को और तेजी से चलाने का कार्य किया।

भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के एक्सियन नरेंद्र शर्मा ने बताया कि इस कॉलोनी के अंदर पावर सप्लाई कंट्रोलपॉइंट बनाया गया है जो अलार्मिंग स्टेज तक पहुंच चुका था यदि पानी उस लेबल से ऊपर चला जाता तो अंबाला के साथ-साथ कई और जिलों की बिजली गुल हो जाती।

साथ ही उन्होंने बताया कि राहत कार्य में तेजी आई है हरियाणा सरकार प्रशासन के अधिकारी और साथ ही साथ भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के पदाधिकारी भी राहत पहुंचाने में भरपूर प्रयास कर रहे हैं


Conclusion:
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