चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में सरकार बनाने को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है. चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत न होने से सरकार बनाने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन अब ये कयासों के बादल छट गए और प्रदेश में सरकार बनने की घोषणा हो गई.
बीजेपी को विधायकों को सपोर्ट
इस पर जब ईटीवी भारत नें निर्दलीय विधायक रंजीत चौटाला से खास बातचीत की तो रंजीत चौटाला ने कहा कि बीजेपी को बड़ी संख्या में विधायकों का सपोर्ट में मिला है. इस बार सभी अच्छे लोग चुनकर आए हैं. ये गठबंधन सरकार के लिए बहुत रचनात्मक रहेगा. सरकार अच्छे से चलेगी.
'बिना शर्त निर्दलीय विधायकों का समर्थन'
सरकार प्रदेश हित के लिए अच्छे से काम करे, अच्छी-अच्छी नीतियां बनाए, इसके लिए उनका पूरा सहयोग रहेगा. वहीं जेजेपी के गठबंधन पर उन्होंने कहा कि हम सात लोगों ने बिना किसी शर्त के समर्थन दिया है. जेजेपी का पता नहीं. जेजेपी की अपनी शर्त होगी जिसको लेकर वो बीजेपी के साथ आए हैं.
दुष्यंत चौटाला बनें किंगमेकर
वहीं अगर सरकार बनने की स्थित को देखा जाए तो इस चुनाव का परिणाम बहुत ही पेचीदा रहा है. एक ओर दुष्यंत चौटाला अपने आप को किंग मेकर के रूप में दिखा रहे थे. कह रहे थे कि सरकार बनाने के चाबी उनके हाथ में है, लेकिन निर्दलीय विधायकों की संख्या अधिक होने और अचानक उनका बीजेपी पार्टी को समर्थन देने से उनका सत्ता रथ थम सा गया था.
बीजेपी के पक्ष में निर्दलीय विधायक
परिणामों की घोषणा होने के तुरंत बाद सभी निर्दलीय विधायक बीजेपी पार्टी को सपोर्ट करने के लिए दिल्ली के रवाना हो गए थे. इन विधायकों में गोपाल कांडा, रंजीत चौटाला भी शामिल थे. इन विधायकों के सहयोग से बीजेपी की सरकार बनाने की राह पूरी तरह से साफ हो गई, लेकिन लोकतंत्र में मजबूत सरकार और स्थाई सरकार बनाने के लिए शायद ये सहयोग काफी नहीं था.
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बीजेपी और जेजेपी में गठबंधन
स्थाई सरकार बनने को लेकर दिल्ली में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की बैठक हुई. इसमें अमित शाह सहित बीजेपी के की नेता मौजूद रहे. सभी ने इस बैठक में दुष्यंत चौटाला को बुलाया. आखिरकार दुष्यंत ने बीजेपी को समर्थन दे दिया. इस गठबंधन को लेकर दुष्यंत ने कुछ शर्तें रखी जिनको बीजेपी की ओर से मान लिया गया. प्रदेश में उपमुख्यमंत्री जेजेपी पार्टी की ओर से और मुख्यमंत्री बीजेपी पार्टी का होना तय हुआ है.