चंडीगढ़: हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि भविष्य में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए चार टी यानि ट्रेसिंग, ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट पर ध्यान दिया जाना अति आवश्यक है.
इसके अलावा, श्रमिक भी अपने गृह राज्यों से काम पर लौट रहे हैं, ऐसे में और सतर्क रहने की आवश्यकता है. उन्होंने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि जो श्रमिक अपने गृह राज्यों से काम पर लौट कर आ रहे हैं उनकी टेस्टिंग की जानी अति आवश्यक है.
मुख्य सचिव ने कहा कि वर्तमान में पूरे देश में आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 लागू है और प्रदेश में इस अधिनियम की पालना पूरी निष्ठा से की जानी चाहिए. कोरोना संकट से निपटने के लिए सामाजिक दूरी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का अभिन्न हिस्सा है, इसलिए इसकी अनुपालना अनिवार्य है.
'दादरी, नूंह, जींद, सिरसा और पानीपत में बढ़ाएं कोरोना टेस्ट'
मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों और जिला उपायुक्तों के साथ संकट समन्वय समिति की बैठक की. उन्होंने अधिकारियों को कोविड-19 के प्रबंधन के लिए टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, क्लिनिकल मैनेजमेंट पर अधिक ध्यान केंद्रित करने, कंटेनमेंट जोन की कड़ी निगरानी पर जोर देने के साथ-साथ जन-जागरूकता गतिविधियों को बढ़ाने के निर्देश दिए.
मुख्य सचिव ने कहा कि चरखी दादरी, नूंह, जींद, सिरसा, पानीपत जिलों में टेस्ट बढ़ाए जाएं. उन्होंने कहा कि प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों को आरटी-पीसीआर परीक्षण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और आरटी-पीसीआर परीक्षण का पूरी तरह से उपयोग करने के बाद ही इसे रैपिड एंटीजन परीक्षण किट द्वारा पूरक किया जा सकता है.
'कोरोना के हर मामले पर कड़ी नजर रखना जरूरी'
उन्होंने बताया कि प्रदेश में संक्रमितों की मृत्यु दर 1.14 प्रतिशत है और इसे एक प्रतिशत तक कम करने के लिए कार्य किया जा रहा है. उन्हें ये भी बताया गया कि राज्य में परीक्षण दर के मुकाबले में कोरोना मामलों की दर घट कर 5.62 प्रतिशत हो गई है. मुख्य सचिव ने कहा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोरोना के प्रसार को रोका जाए. ऐसे में कोरोना के सभी मामलों पर कड़ी नजर रखा जाना अति आवश्यक है.
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