चंडीगढ़: पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है, हर रोज नए मामले सामने आ रहे हैं. चारों तरफ बस कोरोना-कोरोना ही चर्चा में है, लेकिन इन सबसे के बीच जो एक और शब्द चर्चा में है वो है वेंटिलेटर्स. पिछले तीन-चार दिनों से दुनियाभर में वेंटिलेटर्स को लेकर चिंता बढ़ गई है.
वेंटिलेटर एक ऐसी मशीन है जो ऐसे मरीजों की जिंदगी बचाती है. जिन्हें सांस लेने में तकलीफ है या खुद सांस नहीं ले पा रहे हैं. समान्य तौर पर बीमारी की वजह से फेफड़े अपना काम नहीं कर पाते हैं तो वेंटिलेटर सांस लेने की प्रक्रिया को संभालता है. इस बीच डॉक्टर इलाज के जरिए फेफड़ों को दोबारा काम करने लायक बनाते हैं.
कोरोना संक्रमित मरीज के लिए वेंटिलेशन मशीन कितनी जरूरी है?
डॉक्टर्स ने ये साफ कहा है कि वेंटिलेशन मशीन से कोरोना वायरस का इलाज नहीं होता है. ये मशीन बस सांस लेने की प्रकिया में मदद करती है, स्टडी में ये सामने आया है कि कोरोना वायरस बुजुर्ग और बच्चों पर तेजी से असर करता है... शारीरिक रुप से कमजोर संक्रमित मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. ऐसे में वेंटिलेशन मशीन की जरूरत होती है. हालांकि 80 प्रतिशत युवा मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत नहीं होती है, क्वारंटाइन पीरियड के दौरान ही मरीज ठीक हो रहे हैं. आपको बता दें कि आम इंसान 21 से 22 प्रतिशत ऑक्सीजन खुली हवा से प्राप्त करता है, लेकिन वेंटिलेशन मशीन मरीज को 21 से 100 प्रतिशत तक शुद्ध ऑक्सीजन उसके शरीर में पहुंचाने में मदद करती है...
प्रदेश में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए क्या इंतजाम हैं?
इस बारे में प्रदेश सरकार की तरफ से कई अहम प्रबंध किए जाने का दावा किया जा रहा है. प्रदेश में 190 मेडिकल कॉलेज और 40 सिविल हॉस्पिटल में कुल 230 वेंटिलेटर सरकारी तौर पर प्रबंध किए गए हैं. इसके अलावा भी प्राइवेट हॉस्पिटल में भी वेंटिलेटर्स को रखा गया है. राज्य सरकार की तरफ से 722 वेंटिलेटर को कोविड-19 के लिए आरक्षित रखा गया है. लगभग 300 नए वेंटिलेटर के लिए ऑर्डर किए जा चुके हैं. वहीं पूरे हरियाणा में फिलहाल 3,555 आइसोलेशन बेड्स है, अनुपात के अनुसार हर जिले के हिसाब से 150 बेड्स मौजूद है. हेल्थ डायरेक्टर का कहना है कि जरूरत पड़ने पर एक्सटेंड भी किया जा सकता है.
अभी प्रदेश में कितनी लैब हैं?
इस संबंध में डायरेक्टर हेल्थ ने बताया कि राज्य सरकार ने पीजीआईएमएस- रोहतक, भगत फूल सिंह मेडिकल कॉलेज, खानपुर कलां, शहीद हसन खान मेवाती सरकारी मेडिकल कॉलेज- नलहर, कल्पना चावला गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, करनाल और महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज- अग्रोहा में नई प्रयोगशालाएं शुरू करने का फैसला लिया है.
- पीजीआईएमएस रोहतक में वेंटिलेटर की संख्या: 116
- सोनीपत भगत फूल सिंह मेडिकल कॉलेज: 40
- सोनीपत जिला अस्पताल: 0
- रोहतक जिला अस्पताल वेंटिलेटर: 3
- झज्जर जिला अस्पताल वेंटिलेटर: 18
- भिवानी जिला अस्पताल: 0
भारी संख्या में वॉलिंटियर्स आगे आए हैं!
22 मार्च से 26 मार्च तक 33,000 वॉलिंटियर्स ने अपना पंजीकरण करवाया है, जिनमें 546 सेवानिवृत डॉक्टर, 255 नर्स, 1100 पेरामेडिकल स्टाफ, 4700 होम डिलीवरी कर्मी, 5700-5700 सोशल डिस्टेसिंग व कम्यूनिटी कम्यूनिकेशन के बारे जानकारी देने वाले एकस्पर्ट और 6200 जिला मेजिस्ट्रेट को सहयोग देने वाले लोग शामिल हैं.
आपातकाल के लिए सरकार के उपाय
- हरियाणा सरकार ने COVID-19 का मुकाबला करने के प्रयासों को तेज करते हुए, राज्य के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी मेडिकल कॉलेजों को कम से कम 25 प्रतिशत बेड आरक्षित करने और अनन्य COVID-19 अस्पताल बनाने के लिए कहा है.
- साथ ही, सरकारी या निजी अस्पताल में COVID -19 पॉजिटिव मरीजों के इलाज पर खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा.
- एन-95 मास्क और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट का पर्याप्त स्टॉक राज्य में उपलब्ध है. जबकि, ऐसे 15,000 मास्क की डिलीवरी प्राप्त की जा चुकी है, अतिरिक्त 20,000 N-95 मास्क लगाने का आदेश दिया गया है.
- स्वास्थ्य विभाग द्वारा 22 लाख 3-प्लाई फेस मास्क लगाने का आदेश दिया गया है. इसके अलावा, 800 बॉडी सूट की आपूर्ति प्राप्त हुई है. यह सीएमओ द्वारा अपने स्तर पर आयोजित 200-300 बॉडीसूट के अतिरिक्त है.
- 722 वेंटिलेटर को COVID-19 के लिए रिजर्व रखा गया है और लगभग 300 नए वेंटिलेटर के लिए ऑर्डर दिया गया है.
स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, भविष्य के लिए भी हर संभव प्रयास किए गए. ईटीवी भारत हरियाणा भी सभी प्रदेशवासियों से अपील करता है कि कोरोना वायरस से इस जंग में जागरुक बनें और सुरक्षित रहें.
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