चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (manohar lal chief minister haryana) ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भविष्य में शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थानों को फंड का हस्तांतरण राज्य वित्त आयोग व केन्द्रीय वित्त आयोग द्वारा सात प्रतिशत के निर्धारित मानदंड के अनुरूप हो. उन्होंने कहा कि इसके लिए वित्त विभाग द्वारा जारी आवंटित बजट तथा 31 दिसम्बर, 2021 तक के परिवार पहचान पत्र के सत्यापित आंकड़ों से जनसंख्या की गणना की जाए.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीरवार को चंडीगढ़ में शहरी स्थानीय निकायों व पंचायती राज संस्थानों (urban local bodies and panchayati raj institutions) को आवंटित बजट व फंड के हस्तांतरण पर बुलाई गई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में शहरी स्थानीय मंत्री डॉक्टर कमल गुप्ता तथा विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने ये स्पष्ट किया कि राज्य वित्त आयोग व केन्द्रीय वित्त आयोग द्वारा निर्धारित सात प्रतिशत के फण्ड का हस्तांतरण व गणना सही तरीके से नहीं हो पा रही है.
इसलिए आगे से फंड का आवंटन जनगणना के अनुरूप व संस्थान अनुसार किया जाए. आवंटित फण्ड पंचायतों को 75 प्रतिशत, ब्लॉक समिति को 15 प्रतिशत व जिला परिषद को 10 प्रतिशत के अनुरूप होता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों संस्थाएं चाहे वह शहरी स्थानीय निकाय हो या पंचायती राज संस्थान हो इनको धीर-धीरे अपने वित्तीय संसाधन बढ़ाने होंगे. प्रदेश में 92 शहरी स्थानीय निकाय हैं. जिनमें 11 नगर निगम, 22 नगर परिषद व 59 नगरपालिका शामिल हैं. इनमें 6 क्लस्टर हैं और लगभग 2800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र हैं. लगभग 1.04 करोड़ की जनसंख्या रहती है. ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 1.82 करोड़ जनसंख्या रहने का अनुमान है. हलांकि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या के आकड़ें भिन्न थे.
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