चंडीगढ़: देश में आज मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है. श्रद्धालु सूर्य की अराधना कर गंगा में डुबकी लगा रहे हैं. हिंदू धर्म में मकर संक्रांति की काफी मान्यता है. इस दिन दान, पुण्य कर देवी-देवताओं को याद किया जाता है.
इसलिए मनाई जाती है संक्रांति
सूर्य अपनी स्वाभाविक गति से प्रत्येक वर्ष 12 राशियों में 360 अंश पर परिक्रमा करते हैं. एक राशि में 30 अंश का भोग करते हुए सूर्य दूसरे राशि में जाते हैं. धनु राशि को छोड़कर जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो मकर संक्रांति मनाई जाती है. मकर संक्राति के पर्व को उत्तरायण भी कहा जाता है. मकर संक्राति के दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और सूर्य की उपासना करने का विशेष महत्त्व है.
कब है स्नान का शुभ समय?
इस बार सूर्य, मकर राशि में 14 जनवरी की रात 02:07 बजे प्रवेश करेगा, इसलिए संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जा रही है.
मकर संक्रांति- 15 जनवरी 2020
संक्रांति काल - 07:19 बजे (15 जनवरी 2020)
पुण्यकाल - 07:19 से 17:42 बजे तक
महापुण्य काल - 07:19 से 09:03 बजे तक
संक्रांति स्नान - प्रात:काल, 15 जनवरी 2020
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कैसे करें पूजा ?
संगम पर तिल के तेल का जलाएं दीपक: सूर्य के संक्रमण से बचने के लिए संगम तट पर तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए. द्वादश माधव के तहत भगवान वेणी माधव को प्रमुख तीर्थ के रूप में माना जाता है, इसलिए उन्हें दीप दान अवश्य करना चाहिए.
खिचड़ी, तिल का दान फलदायी: मकर संक्रांति पर खिचड़ी, तिल, गुड़, चावल, नीबू, मूली, उड़द दाल और द्रव्य का दान करना चाहिए. इस दिन सूर्य को आराध्य मानकर पितरों को भी तिल, दान करना पुण्यदायी है.