चंडीगढ़: महाराणा प्रताप की जयंती आज देशभर में धूमधाम से मनाई जा रही है. अंग्रेजी कलेण्डर के हिसाब से महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को हुआ था. लेकिन राजपूत समाज उनका जन्म पंचाग तिथि के अनुसार मानते हैं. महाराणा प्रताप की 479वीं जयंती मनाई जा रही है. जयंती पर निकलने वाली शौर्य यात्रा में राजपूत ठाठ बाट में नजर आएंगे.
महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के कुंभलगढ़ में हुआ था. महाराणा प्रताप राजपूतों में सिसोदिया वंश के वंशज थे. उन्होंने अपनी आखिरी सांस तक प्रजा की रक्षा की थी. इनके पिता का नाम राणा उदय सिंह और माता का नाम जयवंता बाई था. महाराणा प्रताप की मृत्यृ 29 जनवरी 1597 को हुई थी. देशभर में उनकी जयंती पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.
महाराणा प्रताप को घोड़े चेतक से था लगाव
चेतक महाराणा प्रताप का सबसे प्रिय घोड़ा था. इसका रंग नीला था. चेतक ऐसा घोड़ा था जो बहुत ही संवेदनशील, वफादार और बहादुर था. प्रताप की कहानियों में चेतक का अपना विशेष महत्व है. प्रताप चेतक से अपने पुत्र की तरह प्रेम करता था.
बताया जाता है जब युद्ध के दौरान मुगल सेना उनके पीछे पड़ी थी तो चेतक ने महाराणा प्रताप को अपनी पीठ पर बैठाकर कई फीट लंबे नाले को पार किया था.आज भी चित्तौड़ की हल्दी घाटी में चेतक की समाधि बनी हुई है.
महाराणा प्रताप से जुड़े रोचक तथ्य
- हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की तरफ से लडने वाले सिर्फ एक मुस्लिम सरदार थे जिनका नाम - हकीम खां सूरी था.
- मेवाड़ को बचाने के लिए आखिरी सांस तक लड़ने वाले महाराणा प्रताप 6 बार अकबर को बादशाह मानकर मेवाड़ में राज चलाने की पेशकश ठुकराई. उन्हें किसी 'विदेशी' का राज स्वीकार नहीं था.
- हल्दीघाटी की लड़ाई में उनका वफादार घोड़ा चेतक गंभीर रूप से जख्मी होने की वजह से मारा गया. लेकिन इस शहादत ने उसे खासी शोहरत दिलाई.
- महाराणा प्रताप के 17 बेटे और 5 बेटियां थीं. महारानी अजाब्दे से पैदा हुए अमर सिंह उनके उत्तराधिकारी बने.
- उनके अपने ही बेटे ने दगा दिया और महाराणा प्रतापकी मौत के बाद मेवाड़ अकबर को सौंप दिया.
- महाराणा प्रताप ने 11 शादियां की थी, बताया जाता है कि उन्होंने ये सभी शादियां राजनीतिक कारणों से की थी.
- महाराणा की सेना में एक राजा, तीन राव, सात रावत, 15000 अश्वरोही, 100 हाथी, 20000 पैदल और 100 वाजित्र थे.
- महाराणा प्रताप का भाला 81 किलो वजन का था. वहीं जिस कवच को वो छाती पर पहनते थे वो 72 किलो का था. उनके भाला, कवच, ढाल और साथ में दो तलवारों का वजन मिलाकर 208 किलो था.
- महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था.
- चित्तौड़ को मुक्त कराना उनका सपना था. इसलिए उन्होंने एक प्रतिज्ञा की कि वह एक पत्ती की थाली में खाएंगे और जब तक वह चित्तौड़ वापस नहीं जीत लेते तब तक एक तिनके के बिस्तर पर सोएंगे.
इस मौके पर देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर महान सपूत और वीर योद्धा महाराणा प्रताप को उनकी जयंती पर शत-शत नमन किया.
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देश के महान सपूत और वीर योद्धा महाराणा प्रताप को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। उनकी जीवन-गाथा साहस, शौर्य, स्वाभिमान और पराक्रम का प्रतीक है, जिससे देशवासियों को सदा राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा मिलती रहेगी।
— Narendra Modi (@narendramodi) June 6, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर महान सपूत और वीर योद्धा महाराणा प्रताप को उनकी जयंती पर याद किया.
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महाराणा प्रताप की जयंती पर मैं उन्हें स्मरण एवं नमन करता हूँ। उन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। मान, सम्मान एवं स्वाभिमान की भावना उनमें बहुत बलवती थी।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 6, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
महाराणा प्रताप का व्यक्तित्व एवं कृतित्व आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।
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महाराणा प्रताप का व्यक्तित्व एवं कृतित्व आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।महाराणा प्रताप की जयंती पर मैं उन्हें स्मरण एवं नमन करता हूँ। उन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। मान, सम्मान एवं स्वाभिमान की भावना उनमें बहुत बलवती थी।
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महाराणा प्रताप का व्यक्तित्व एवं कृतित्व आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।
हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भी ट्वीट कर महाराणा प्रताप को उनकी जयंती पर शत-शत नमन किया.
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Tributes to Maharana Pratap, one of the bravest & most inspiring warriors of our country on his birth anniversary. His life symbolises courage, gallantry, "never-say-die" spirit, patriotism & self-sacrifice.#MaharanaPratapJayanti pic.twitter.com/lHCLKhOJrz
— Manohar Lal (@mlkhattar) June 6, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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वहीं हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी ट्वीट किया.
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भारत माता के वीर सपूत महाराणा प्रताप जी की जयंती पर शत्-शत् नमन। #MaharanaPratapJayanti pic.twitter.com/kWXigSjtVu
— Bhupinder S Hooda (@BhupinderSHooda) June 6, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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रोहतक के पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी ट्वीट कर याद किया.
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चेतक पर चढ़ जिसने, भाले से दुश्मन संघारे थे।
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) June 6, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
मातृ भूमि की खातिर, जंगल में कई साल गुजारे थे।।
मातृभूमि की रक्षा और सम्मान के लिये अदम्य साहस और पराक्रम के साथ अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले महाराणा प्रताप जी की जयंती पर उनको शत्-शत् नमन। #MaharanaPratapJayanti pic.twitter.com/2cd8owowlw
">चेतक पर चढ़ जिसने, भाले से दुश्मन संघारे थे।
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) June 6, 2019
मातृ भूमि की खातिर, जंगल में कई साल गुजारे थे।।
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मातृ भूमि की खातिर, जंगल में कई साल गुजारे थे।।
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हिसार से नवनिर्वाचित बृजेंद्र सिंह ने भी ट्वीट किया.
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वीर सम्राट स्वाभिमान और स्वावलंबन के मान रक्षक महाराणा प्रताप जी की 479वीं जयंती पर उनका भावपूर्ण नमन।#MaharanaPratapJayanti
— Brijendra Singh (@BrijendraSpeaks) June 6, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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