चंडीगढ: हरियाणा बजट सत्र का आज आखिरी दिन रहा. सत्र के दौरान कई विधेयक पारित हुए, लेकिन सरकार का एक महत्वपूर्ण विधेयक नहीं पारित हुआ, जिससे हरियाणा के गृह मंत्री को काफी निराशा हुई होगी. 'लव जिहाद' उर्फ 'धर्मांतरण के खिलाफ कानून' को इस बार पेश नहीं किया गया. चर्चा है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि गठबंधन के सहयोगी दुष्यंत चौटाला इस विधेयक के खिलाफ थे.
बता दें कि 5 मार्च से शुरू हुए हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में गृह मंत्री अनिल विज लव जिहाद कानून को लेकर खासे उत्साहित थे, इसको लेकर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज भी बयान जारी कर चुके थे, लेकिन इस बीच लव जिहाद के कानून पर हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विरोध में बयान देकर सरकार को बड़ा झटका दिया.
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डिप्टी सीएम ने समर्थन नहीं देने का दिया था संकेत
दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि अगर लव जिहाद का नाम लेकर कानून आता है तो इस पर हमारे विधायक विचार करेंगे, लेकिन जेजेपी धर्म जबरन धर्मांतरण पर कानून के साथ हैं. दुष्यंत चौटाला ने कहा अगर किसी जाति विशेष शब्द इसमें लिखा होगा तो इस पर विचार किया जाएगा.
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'धर्मांतरण कानून' के नाम से पेश होना था विधेयक
बजट सत्र के पहले ही दिन सीएम मनोहर लाल ने लव जिहाद को लेकर कानून के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने साफ कह दिया था कि लव जिहाद के नाम से कोई कानून नहीं बनाया जाएगा. जहां इस तरह का कोई कानून बना है. इसका नाम लव जिहाद नहीं रखा गया है, लेकिन जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून जरूर लाया जाएगा. क्योंकि अगर किसी लालच के चलते लोगों का धर्मांतरण करवाया जाता है, तो ये किसी भी धर्म और किसी भी समाज में स्वीकार्य नहीं है.
यूपी के बाद हरियाणा में भी कानून बनाना चाहते थे विज
बता दें कि, उत्तर प्रदेश में लव-जिहाद और धर्म धर्मांतरण की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानून बना चुके हैं. इस कानून के तहत छल-कपट और जबरन धर्मांतरण के मामलों में एक से दस वर्ष तक की सजा हो सकती है. यूपी में कानून बनने के बाद हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज घोषणा की थी कि उनके विभाग की तरफ से लव जिहाद को लेकर ड्राफ्ट बना लिया गया. जिसे आगामी बजट सत्र में इन दोनों बिलों को पास करवाने की कोशिश की जाएगी.
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