चंडीगढ़: हरियाणा में इन दिनों बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को लेकर सियासी चर्चाएं जोरों पर है. यह चर्चाएं इसलिए भी हैं क्योंकि गठबंधन के दोनों सहयोगी दलों के नेताओं की इसको लेकर बयानबाजी करते रहे हैं. इस में विपक्ष भला कैसे इस मामले में चुप बैठ सकता है. उसे भी इस बहाने गठबंधन सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है.
'बीजेपी-जेजेपी का स्वार्थ का गठबंधन': जब गठबंधन सरकार चला रहे दोनों दलों के नेता अपने ही गठबंधन पर बयानबाजी से राजनीतिक माहौल गर्मा रहे हैं तो ऐसे में पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी इस पर निशाना साधने का मौका मिल गया. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा कहते हैं कि मैं तो पहले से ही कह रहा हूं कि यह नीतियों का गठबंधन नहीं है स्वार्थ का गठबंधन है, वे कहते हैं जो जनहित का गठबंधन नहीं है स्वार्थ का गठबंधन है.
'नहीं बन पाया जेजेपी-बीजेपी का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम': नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जब वो गठबंधन बना था तो कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की बात कही गई थी. जोकि कैबिनेट मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में बनाने की बात कही गई थी, कहां है वो, आज तक किसी ने सुना है कि कोई मीटिंग हुई है. उन्होंने कहा कि क्या आज तक अनिल विज ने कहा है कि हमने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बना लिया. ऐसा कुछ है ही नहीं, यह बताता है कि यह स्वार्थ का गठबंधन है.
सीएम के बीजेपी की सरकार के बयान पर हुड्डा ने किया वार: नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछा गया कि जब बीजेपी-जेजेपी की सरकार बनी थी तो आप कहते थे कि ऐसी सरकारें घिर जाया करती हैं, इस पर उन्होंने कहा कि यह तो घिरी से भी गई गुजरी सरकार है. वे कहते हैं कि अगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि यह सरकार बीजेपी की है जेजेपी की नहीं है, तो फिर उनका समर्थन क्यों ले रहे हैं? और जेजेपी क्यों समर्थन दे रही है.
'कांग्रेस में नहीं बीजेपी में है गुटबाजी': अपनी पार्टी की गुटबाजी पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा कहते हैं कि कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है, गुटबाजी तो बीजेपी में है. गुटबाजी पर कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भान भी कहते हैं कि मतभेद तो हर राजनीतिक पार्टी में रहते हैं यहां तक कि घर में भी रहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मतभेद हो सकते हैं पर मनभेद नहीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस से ज्यादा गुटबाजी बीजेपी में है.
'हमारी चिंता करने के बजाय अपनी पार्टी की चिंता करें हुड्डा': जब नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष ने निशाना बीजेपी पर और खासतौर पर अनिल विज पर साधा है तो फिर उनका जवाब देना तो बनता है. वे कहते हैं कि भूपेंद्र हुड्डा खुद तो अपनी पार्टी पर ध्यान नहीं देते हैं. वे कहते हैं कि पहले तो हुड्डा साहब यह बताएं कि उन्हें कुमारी शैलजा से बात किए हुए कितने दिन हो गए. इनको किरण चौधरी से बात किए हुए कितने दिन हो गए.
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि, 'हम तो रोज बातचीत करते हैं, मैं मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत और फोन पर भी बात करता हूं. हुड्डा साहब को हमारी चिंता करने के बजाय अपनी पार्टी की चिंता करनी चाहिए, जो कि टुकड़ों-टुकड़ों में पूरी तरह बंट चुकी है. रणदीप सुरजेवाला कुछ कहते हैं, किरण चौधरी कुछ कहती हैं, कुमारी शैलजा कुछ कहती हैं. हुड्डा साहब अपनी डफली अपना राग अलापते रहते हैं.'
'गठबंधन का पार्टनर संतुष्ट, तो हुड्डा साहब को किस बात की तकलीफ': वहीं, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर निशाना साधने पर अनिल विज कहते हैं कि, 'जेजेपी की जो अधिकतर मांगें थी वह हमने पूरी कर ली. जब हमारे गठबंधन का पार्टनर संतुष्ट है, तो फिर हुड्डा साहब को किस बात की तकलीफ है. यह जरूरी नहीं कि कोई मीटिंग हो जब हम उनके वादों को पूरा कर रहे हैं तो फिर कहीं ना कहीं तो हमारी चर्चा होती होगी.'
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