चंडीगढ़: मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चल रही खबरों के बीच मुख्यमंत्री ने बुधवार रात विधायकों को डिनर पर बुलाया. डिनर से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आवास पर चंडीगढ़ में विधायकों की मीटिंग हई.
इस बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला और संगठन मंत्री सुरेश भट्ट शामिल हुए. हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल विज भी इस बैठक में मौजूद रहे. साथ ही बैठक में निर्दलीय विधायकों ने भी हिस्सा लिया.
निर्दलीय प्रत्याशी नयनपाल रावत
फरीदाबाद के पृथला विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी नयनपाल रावत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. नयनपाल रावत ने कहा कि ये बैठक विधायकों की समस्या, उनके क्षेत्र में हो रही समस्याओं से संबंधित थी. इस बैठक में सीएम ने विधायकों की बात सुनी. कुछ विधायकों की समस्या को वहीं सुलझा लिया गया, कुछ को सुलझाने के निर्देश दे दिए गए हैं.
बीजेपी की बैठक
साथ ही मंत्रिमंडल के विस्तार पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि सभी मंत्री पद के लिए सोचते तो हैं, सात निर्दलीय, 10 जेजेपी और 40 बीजेपी सोचते तो सब हैं कि उनको बराबर का दर्जा मिले लेकिन ये संभव नहीं है. लेकिन सबको भरोसा है जो मुख्यमंत्री और हरियाणा सरकार करेगी वो सभी के लिए अच्छा होगा.
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साथ ही जब मीडिया ने उनसे पूछा कि अगर सरकार आपको मंत्री बनाती है तो आप तैयार हैं, इस पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार चाहे मंत्री पद दे या कोई भी पद दे. सरकार से जुड़ी कोई जिम्मेदारी दी जाए वो हर जिम्मेदारी को बखूबी निभाने के लिए तैयार हैं.
हरियाणा में नहीं हुआ मंत्रिमंडल का गठन
बता दें कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए 2 हफ्ते से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अभी तक सीएम और डिप्टी सीएम को छोड़कर और मंत्री नहीं बना है. हरियाणा का पहला विधानसभा सत्र भी हो गया है. मंत्रिमंडल का विस्तार ना होने के पीछे कई वजह बताई जा रही है, जिसमें सबसे बड़ा कारण किसी के पास पूर्ण बहुमत न होना है.
विभागों के बंटवारे पर फंसा पेंच !
इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 40 सीटें मिली हैं, कांग्रेस को 31 और अन्य को 9 सीटें मिली हैं. इस सबके बावजूद 10 सीटें जीतने वाली जेजेपी सरकार बनाने को लेकर मुख्य भूमिका में है. बीजेपी और जेजेपी ने गठबंधन करके सरकार तो बना ली है, लेकिन अभी भी पेंच मंत्रालय के बंटवारे को लेकर फंसा हुआ है.