चंडीगढ़: शुक्रवार को हरियाणा सरकार की तरफ से राशन कार्ड धारकों को जून महीने में सरसों का तेल(mustard oil) नहीं देने के फैसले पर विपक्षी दलों ने मनोहर सरकार को आड़े हाथों लिया. हरियाणा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्षा कुमारी सैलजा(Kumari Selja) ने निशाना साधते हुए कहा कि गरीब परिवारों को राहत देने की बजाए सरकार प्रदेश के 11 लाख गरीब परिवारों पर अत्याचार कर रही है.
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कुमारी सैलजा ने कहा कि एक तरफ कोरोना महामारी के कारण सभी काम धंधे प्रभावित हैं और गरीब लोगों को दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, ऐसे में प्रदेश के गरीब परिवारों को राहत पहुंचाने की बजाए भाजपा-जजपा(BJP-JJP) गठबंधन सरकार ने तानाशाही करते हुए उनको सस्ते दामों में मिलने वाले सरसों के तेल और नमक पर ही डाका डाल दिया है.
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सरकार इस महीने गरीब परिवारों को राशन के तौर पर 20 रूपए प्रति लीटर मिलने वाला सरसों का तेल और नमक नहीं देगी. इससे पहले सरकार द्वारा गरीबों को मिलने वाला मिट्टी का तेल और पिछले वर्ष दाल का वितरण भी बंद कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों को मिलने वाले राशन को बंद करने की साजिश रच रही है.
कुमारी सैलजा ने आरोप लगाया कि गठबंधन सरकार के इस रवैये से साफ हो गया है कि ये सरकार न गरीबों की है, न किसानों की, न व्यापारियों की और न ही आम जनता की. ये सरकार केवल अपने हितों और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए है.
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हालांकि अब हरियाणा सरकार ने लाभार्थियों को सरसों के तेल की एवज में प्रदेश के 11 लाख लाभार्थी परिवारों के खाते में 250 रुपये डालने का फैसला लिया है. साथ ही सरकार की तरफ से ये भी कहा गया है कि जून माह में नमक का वितरण भी नहीं किया जाएगा.