चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने रविवार को जारी अपने एक बयान में कहा कि हरियाणा के प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए बीजेपी-जेजेपी सरकार की तरफ से तय किए गए रेट आम आदमी की पहुंच से बाहर हैं.
उन्होंने कहा कि हरियाणा में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के रेट पड़ोसी राज्य राजस्थान से दोगुने हैं. सरकार तुरंत प्रभाव से कोरोना मरीजों के रेट राजस्थान की कांग्रेस सरकार की तर्ज पर तय करे और मौजूदा रेट आधे कर प्रदेशवासियों को राहत प्रदान करे.
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कुमारी सैलजा ने कहा कि महामारी के बीच सरकार की विफल नीतियों के कारण आज प्रदेशवासी भारी आर्थिक तंगी में हैं. हरियाणा का बेरोजगारी दर पूरे देश में सबसे अधिक है, महंगाई लगातार आसमान छू रही है और ऐसे समय में कोरोना पीड़ित लोगों से भारी भरकम राशि वसूलना आम जनता के लिए मुसीबतें बढ़ाने वाला है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षा ने बयान जारी कर कहा कि सरकार से काफी पहले मांग की गई थी कि सरकार हरियाणा प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों को मुफ्त इलाज और दवाइयों प्रदान करे. लेकिन सरकार द्वारा इस तरफ कोई भी ध्यान नहीं दिया गया, यदि सरकार कोरोना संक्रमितों के लिए मुफ्त इलाज और दवाइयों का इंतजाम नहीं कर सकती है तो कम से कम राजस्थान की कांग्रेस सरकार की तर्ज पर रेट तय करे.
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सैलजा ने सरकार द्वारा ऑक्सीजन के साथ आइसोलेशन बेड के लिए 8 से 10 हजार और बिना वेंटीलेटर के आईसीयू बेड के लिए 13 हजार से 15 हजार रु, वहीं वेंटिलेटर के साथ आईसीयू बेड के लिए 15 हजार से 18 हजार रु प्रतिदिन के हिसाब से तय किए गए हैं.
सैलजा ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार का उदाहरण देते हुए कहा कि राजस्थान सरकार ने ऑक्सीजन वाले आइसोलेशन बेड का रेट 5 हजार से 5500 रू प्रतिदिन तय किया हुआ है. इसी के साथ बिना वेंटीलेटर के आईसीयू बेड के रेट 7500रु से 8,250 रु रखे गए हैं, वहीं वेंटीलेटर के साथ आईसीयू बेड का प्रतिदिन का चार्ज 9 हजार रु से 9900 रू रखा गया है.
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कुमारी सैलजा ने सरकार से मांग करती हुए कहा है कि प्राइवेट अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार जिला स्तर पर कमेटियों का गठन करे और जिन मरीजों से ज्यादा पैसे वसूले गए हैं उनकी जांच कर उन्हें वो पैसे वापस लौटाए जाएं और ज्यादा पैसे वसूलने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.