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IAS रानी नागर के इस्तीफे से दुखी केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर - rani nagar resignation

हरियाणा की आईएएस अधिकारी रानी नागर के इस्तीफे से केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर काफी दुखी हैं. उन्होंने ट्वीट कर रानी नागर से इस्तीफा वापस लेने की अपील की है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

rani nagar
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Published : May 4, 2020, 11:03 PM IST

चंडीगढ़: 2014 बैच की आईएएस अधिकारी रानी नागर ने सोमवार को अपना इस्तीफा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भेज दिया है. उनके इस्तीफे की खबर से केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर काफी दुखी हैं.

कृष्णपाल गुर्जर ने ट्वीट कर लिखा कि हरियाणा की आईएएस अधिकारी रानी नागर के नौकरी से इस्तीफ़ा देने की खबर मेरे लिए अत्यंत निराशाजनक और पीड़ादायक है. बिटिया रानी नागर गुर्जर समाज की पहली महिला आईएएस अधिकारी होने के कारण युवाओं, ख़ासकर लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं.

उन्होंने इस ट्वीट के साथ एक बाद एक चार और ट्वीट किए. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि जो लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं उन्हें बाज आना चाहिए. उन्होंने विपक्ष के नेताओं से इस पर राजनीति करने की अपील की.

  • हरियाणा की आईएएस अधिकारी रानी नागर के नौकरी से इस्तीफ़ा देने की खबर मेरे लिए अत्यंत निराशाजनक और पीड़ादायक है। बिटिया रानी नागर गुर्जर समाज की पहली महिला आईएएस अधिकारी होने के कारण युवाओं, ख़ासकर लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं।

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    — Krishan Pal Gurjar (@KPGBJP) May 4, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कृष्णपाल गुर्जर ने ट्वीट कर लिखा कि मैं रानी बिटिया से इस्तीफ़ा वापस लेने की अपील करता हूं. मैं इस बारे में हरियाणा सरकार, बिटिया रानी नागर, उनके परिजनों और अपने समाज के लोगों से बातचीत कर इस मामले के समाधान में सक्रियता से लगा हूं.

सूत्रों के हवाले से खबर है कि केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के हस्तक्षेप के बाद भी आईएएस रानी नागर को सुरक्षा नहीं दी गई थी. इसी बात से अब कृष्णपाल गुर्जर काफी नाराज हैं. अब उन्होंने रानी नागर के इस्तीफे के संबंध में हरियाणा सरकार से बात करनी शुरू कर दी है.

रानी नागर ने 17 अप्रैल को इस्तीफे की कर दी थी घोषणा

आपको बता दें कि आईएएस रानी नागर ने अपने फेसबुक अकाउंट पर 17 अप्रैल को पोस्ट डालकर इसकी जानकारी दी थी. आईएएस अधिकारी रानी नागर अपनी सुरक्षा को लेकर लगातार चिंतित थी और हरियाणा में एक मामले को लेकर हाईकोर्ट में भी रानी नागर ने शिकायत लगा रखी थी.उन्होंने अपनी और बहन रीमा नागर की जान को खतरा भी बताया है. वो दिसंबर 2019 से बहन के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर-6 स्थित यूटी गेस्ट हाउस में कमरा नंबर-311 में किराये पर रह रही हैं. रानी नागर ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक वीडियो भी शेयर किया था. इसमें उन्होंने और रीमा नागर ने जान को खतरा बताते हुए लोगों से अपील की है.रानी नागर के साथ रहे कई विवादजब-जब रानी नागर का विवाद सामने आया है. तो उनकी मनोस्थिति पर भी दूसरे पक्ष ने सवाल उठाएं हैं. रानी नागर कई विवादों के कारण सुर्खियों में रही हैं. रानी नागर ने ACS स्तर के एक अधिकारी पर दुर्व्यवहार का भी आरोप लगाया. ये मामला सीएम दरबार तक गया था. इसके बाद कैब ड्राइवर पर भी रानी नागर ने बदतमीजी का आरोप लगाया. डबवाली में एसडीएम रहते हुए रानी नागर ने अपनी जान को खतरा भी बताया था.

आईएएस रानी नागर ने फेसबुक पर क्या लिखा था ?

उन्होंने लिखा, ''मैं रानी नागर, पुत्री रतन सिंह नागर निवासी गाजियाबाद, गांव बादलपुर, तहसील दादरी, जिला गौतमबुद्ध नगर. आप सभी को सूचित करना चाहती हूं, मैंने ये निर्णय लिया है कि आईएएस के पद से इस्तीफा दूंगी. अभी चंडीगढ़ में कर्फ्यू लगा हुआ है, इस कारण मैं और मेरी बहन रीमा नागर चंडीगढ़ से बाहर नहीं निकल सकते. चंडीगढ़ से आगे गाजियाबाद तक रास्ते भी बंद हैं.लॉकडाउन और कर्फ्यू खुलने के बाद अपने कार्यालय में इस्तीफा देकर व सरकार से नियमानुसार अनुमति लेकर बहन रीमा नागर के साथ मैं वापस अपने पैतृक शहर गाजियाबाद आऊंगी. हम आपके आशीर्वाद व साथ के आभारी रहेंगे.''

BSP सुप्रीमो मायावती ने किया था समर्थन

आपको बता दें कि रानी नागर के समर्थन में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ट्वीट किया था. मायावती ने ट्वीट में लिखा है कि रानी नागर के आरोप बेहद गंभीर हैं. सरकार को इन पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए.

मायावती ने अपने ट्वीट के जरिए कहा कि 'यूपी के जिला गौतम बुद्ध नगर की मूल निवासी व हरियाणा कैडर की आईएएस-2014 अधिकारी रानी नागर द्वारा, अपने कुछ उच्च अधिकारियों पर उत्पीड़न व बहन सहित इन्हें जान को खतरे के विरोध में, अन्ततः इस्तीफा देने की जो बात कही है यह अति-गंभीर मामला है. सरकार इसका तुरन्त उचित संज्ञान ले, अनेकों शिकायतों के बावजूद उक्त महिला आईएएस अधिकारी के खिलाफ जारी अत्पीड़न मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, यह बी.एस.पी. की हरियाणा व केन्द्र सरकार से भी माँग है'.

चंडीगढ़: 2014 बैच की आईएएस अधिकारी रानी नागर ने सोमवार को अपना इस्तीफा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भेज दिया है. उनके इस्तीफे की खबर से केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर काफी दुखी हैं.

कृष्णपाल गुर्जर ने ट्वीट कर लिखा कि हरियाणा की आईएएस अधिकारी रानी नागर के नौकरी से इस्तीफ़ा देने की खबर मेरे लिए अत्यंत निराशाजनक और पीड़ादायक है. बिटिया रानी नागर गुर्जर समाज की पहली महिला आईएएस अधिकारी होने के कारण युवाओं, ख़ासकर लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं.

उन्होंने इस ट्वीट के साथ एक बाद एक चार और ट्वीट किए. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि जो लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं उन्हें बाज आना चाहिए. उन्होंने विपक्ष के नेताओं से इस पर राजनीति करने की अपील की.

  • हरियाणा की आईएएस अधिकारी रानी नागर के नौकरी से इस्तीफ़ा देने की खबर मेरे लिए अत्यंत निराशाजनक और पीड़ादायक है। बिटिया रानी नागर गुर्जर समाज की पहली महिला आईएएस अधिकारी होने के कारण युवाओं, ख़ासकर लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं।

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    — Krishan Pal Gurjar (@KPGBJP) May 4, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कृष्णपाल गुर्जर ने ट्वीट कर लिखा कि मैं रानी बिटिया से इस्तीफ़ा वापस लेने की अपील करता हूं. मैं इस बारे में हरियाणा सरकार, बिटिया रानी नागर, उनके परिजनों और अपने समाज के लोगों से बातचीत कर इस मामले के समाधान में सक्रियता से लगा हूं.

सूत्रों के हवाले से खबर है कि केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के हस्तक्षेप के बाद भी आईएएस रानी नागर को सुरक्षा नहीं दी गई थी. इसी बात से अब कृष्णपाल गुर्जर काफी नाराज हैं. अब उन्होंने रानी नागर के इस्तीफे के संबंध में हरियाणा सरकार से बात करनी शुरू कर दी है.

रानी नागर ने 17 अप्रैल को इस्तीफे की कर दी थी घोषणा

आपको बता दें कि आईएएस रानी नागर ने अपने फेसबुक अकाउंट पर 17 अप्रैल को पोस्ट डालकर इसकी जानकारी दी थी. आईएएस अधिकारी रानी नागर अपनी सुरक्षा को लेकर लगातार चिंतित थी और हरियाणा में एक मामले को लेकर हाईकोर्ट में भी रानी नागर ने शिकायत लगा रखी थी.उन्होंने अपनी और बहन रीमा नागर की जान को खतरा भी बताया है. वो दिसंबर 2019 से बहन के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर-6 स्थित यूटी गेस्ट हाउस में कमरा नंबर-311 में किराये पर रह रही हैं. रानी नागर ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक वीडियो भी शेयर किया था. इसमें उन्होंने और रीमा नागर ने जान को खतरा बताते हुए लोगों से अपील की है.रानी नागर के साथ रहे कई विवादजब-जब रानी नागर का विवाद सामने आया है. तो उनकी मनोस्थिति पर भी दूसरे पक्ष ने सवाल उठाएं हैं. रानी नागर कई विवादों के कारण सुर्खियों में रही हैं. रानी नागर ने ACS स्तर के एक अधिकारी पर दुर्व्यवहार का भी आरोप लगाया. ये मामला सीएम दरबार तक गया था. इसके बाद कैब ड्राइवर पर भी रानी नागर ने बदतमीजी का आरोप लगाया. डबवाली में एसडीएम रहते हुए रानी नागर ने अपनी जान को खतरा भी बताया था.

आईएएस रानी नागर ने फेसबुक पर क्या लिखा था ?

उन्होंने लिखा, ''मैं रानी नागर, पुत्री रतन सिंह नागर निवासी गाजियाबाद, गांव बादलपुर, तहसील दादरी, जिला गौतमबुद्ध नगर. आप सभी को सूचित करना चाहती हूं, मैंने ये निर्णय लिया है कि आईएएस के पद से इस्तीफा दूंगी. अभी चंडीगढ़ में कर्फ्यू लगा हुआ है, इस कारण मैं और मेरी बहन रीमा नागर चंडीगढ़ से बाहर नहीं निकल सकते. चंडीगढ़ से आगे गाजियाबाद तक रास्ते भी बंद हैं.लॉकडाउन और कर्फ्यू खुलने के बाद अपने कार्यालय में इस्तीफा देकर व सरकार से नियमानुसार अनुमति लेकर बहन रीमा नागर के साथ मैं वापस अपने पैतृक शहर गाजियाबाद आऊंगी. हम आपके आशीर्वाद व साथ के आभारी रहेंगे.''

BSP सुप्रीमो मायावती ने किया था समर्थन

आपको बता दें कि रानी नागर के समर्थन में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ट्वीट किया था. मायावती ने ट्वीट में लिखा है कि रानी नागर के आरोप बेहद गंभीर हैं. सरकार को इन पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए.

मायावती ने अपने ट्वीट के जरिए कहा कि 'यूपी के जिला गौतम बुद्ध नगर की मूल निवासी व हरियाणा कैडर की आईएएस-2014 अधिकारी रानी नागर द्वारा, अपने कुछ उच्च अधिकारियों पर उत्पीड़न व बहन सहित इन्हें जान को खतरे के विरोध में, अन्ततः इस्तीफा देने की जो बात कही है यह अति-गंभीर मामला है. सरकार इसका तुरन्त उचित संज्ञान ले, अनेकों शिकायतों के बावजूद उक्त महिला आईएएस अधिकारी के खिलाफ जारी अत्पीड़न मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, यह बी.एस.पी. की हरियाणा व केन्द्र सरकार से भी माँग है'.

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