चंडीगढ़: पूरे विश्व में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. भारत में भी कोविड-19 महामारी ने हाहाकार मचा रखा है. भारत में कोरोना टेस्टिंग को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं. इसी बीच कोरोना संक्रमित मामलों की तेजी से पता लगाने की आवश्यकता को देखते हुए गुरुग्राम में रैपिड टेस्ट किट तैयार की गई है.
गुरुग्राम के आईएमटी मानेसर में स्थित दक्षिण कोरियाई कंपनी मैसर्स एसडी बायोसेंसर ने रैपिड टेस्ट किट तैयार किया है. इसे 380 रुपये प्रति किट की दर से मुहैया करवाने की पेशकश की है, जो चीन से आयातित रैपिड टेस्ट किट से लगभग 400 रुपये सस्ती है.
इस रैपिड किट से हरियाणा के साथ-साथ अन्य राज्यों को भी लाभ होगा. प्रदेश सरकार के प्रयास से इस रैपिड टेस्ट किट के उत्पादन के लिए आवश्यक स्वीकृति 15 दिन से कम समय में मिल गई है, जिसमें आमतौर पर पांच महीने से अधिक का समय लगता है.
बता इस स्वीकृति के लिए इसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे, उसके बाद भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के पास भेजना होता है, जिसके बाद औषध महानियंत्रक से इसके उत्पादन की स्वीकृति लेनी होती थी. ये सब प्रक्रिया 15 दिन में पूरी ही गई. साथ ही कम्पनी ने 25000 टेस्ट किट की पहली खेप हरियाणा सरकार को सौंप दी है.
ये भी जानें- CORONA के खिलाफ जंग में पंचायतों ने करोड़ों रुपये दान करने का किया ऐलान
मेसर्स एसडी बायोसेंसर का एक महीने में लगभग 10 मिलियन रैपिड टेस्ट किट तैयार करने का लक्ष्य है और अगले कुछ दिनों में लगभग 1 से 1.5 मिलियन रैपिड टेस्ट किट का उत्पादन होने की संभावना है, जो संकट की इस घड़ी में रैपिड टेस्ट किट की मांग को पूरा करने में अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा.
इसलिए जरूरी है ये किट
आपको बता दें कि हरियाणा में कोरोना मरीजों की संख्या लगभग 241 हो गई है. इसमें कई मरीज ठीक होकर घर भी जा चुके हैं. हरियाणा में सबसे ज्यादा कोरोना केस नूंह जिले में हैं. स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि जितने ज्यादा टेस्ट होंगे उतनी ही जल्दी कोरोना महामारी से निपट सकेंगे. इस रैपिड टेस्टिंग किट से कोरोना की रिपोर्ट मात्र 15 मिनट में ही आ जाएंगे.
ये है रुकावट
गौरतलब है कि देश में जारी कोरोना संकट के बीच रैपिड टेस्टिंग किट को लेकर शीर्ष मेडिकल रिसर्च बॉडी ICMR ने राज्यों के लिए परामर्श जारी किया है. ICMR ने टेस्टिंग किट को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद राज्यों से अगले 2 दिनों के लिए COVID-19 रैपिड किट का उपयोग नहीं करने को कहा है. बता दें कि राजस्थान सहित कई राज्यों ने इस टेस्टिंग किट की शिकायत की थी. राजस्थान ने आज इस किट का उपयोग करना भी बंद कर दिया था.