करनाल: आज के जमाने में जब किसी के पास अपनों के लिए भी वक्त नहीं है. आगे बढ़ने की चाह में इंसानों में जैसे भावनाएं खत्म सी होन लगी है. इसी दौर में कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो दूसरों की सेवा अपनी जिंदगी का उद्देश्य बना देते हैं. करनाल में भी एक परिवार ऐसा है जिसे बेजुबान जानवरों से बेहद प्यार है. ये परिवार किसी भी जानवर का दुख नहीं सह पाता. इस परिवार के किसी भी सदस्य को जैसे ही पता चलता है कि कहीं कोई बेजुबान घायल है, वो उसकी मदद के लिए दौड़ पड़ता है.
इसी परिवार के एक सदस्य है राहुल सिंगला. राहुल को भी जानवरों से बेशुमार प्यार है. इसी प्यार के चलते राहुल ने बीमार और घायल जानवरों के इलाज के लिए 4idiot (फोर इडियट) नाम की संस्था रजिस्टर्ड करवाई है, ताकि लोग उनके बारे में जानें और ज्यादा से ज्यादा घायल-बीमार जानवरों के बारे में उन्हें जानकारी दें.
राहुल सिंगला और उनका पूरा परिवार इस काम को बिना किसी स्वार्थ के चला रहा है. राहुल की भाभी अर्चना का कहना है कि वो अपने निजी कोष से जानवरों का इलाज करवाते हैं. कई बार जानवर ज्यादा बीमार या चोटिल होता है, जिसे अस्पताल ले जाना पड़ता, वो उस खर्चे को भी सहन करते हैं.
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इस परिवार ने हाल ही में जानवरों के लिए अपने पैसों से एक एंबुलेंस भी खरीदी है. इस एंबुलेंस से वो शहर के दूर दराज क्षेत्रों में जाकर जानवरों का इलाज करते हैं. उन्होंने अब अपनी संस्था के नाम से सोशल मीडिया पेज भी बनाए हैं. वो उस पेज पर लोगों को हर अपडेट देते हैं. वहीं अब कुछ लोग भी उनकी मदद के लिए सामने आए हैं. कुछ लोगों ने उन्हें जानवरों की मदद के लिए आर्थिक रूप से मदद भी की है.
राहुल का कहना है कि वो बेजुबानों की मदद निस्वार्थ भाव से पशु प्रेमी होन के चलते करते हैं, लेकिन कई बार वन विभाग की तरफ से दिक्कतें सामने आती हैं. उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले उन्होंने एक बंदर के बच्चे का इलाज किया था, जिसकी मां को कुत्तों ने मार दिया था. उनका आरोप है कि वन विभाग की टीम ने उनके इस काम पर ऐतराज जताया और प्रताड़ित किया.
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कई मुश्किलों को झेलते हुए भी राहुल सिंगला का परिवार पशुओं के लिए अपनी निष्ठा बनाए हुए है. उनका कहना है कि हर जीव का जीवन अनमोल है. इश्वर ने इंसान के अंदर दूसरों का दूख महसूस करने की क्षमता दी है, ताकि इंसान में दूसरों के लिए दया और सेवा भाव रखे. इसलिए वो बेजुबानों की सेवा करना अपना कर्तव्य समझते हैं.