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कांग्रेस ने खड़े किए स्पीकर पर सवालिया निशान, स्पीकर ने कहा- नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी सेफ - jjp

कांग्रेस ने एक फिर नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी को लेकर स्पीकर पर सवालिया निशान खड़े किए हैं

कंवरपाल गुर्जर, विधानसभा स्पीकर
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Published : Feb 23, 2019, 7:34 AM IST

चंडीगढ़: कांग्रेस ने एक फिर नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी को लेकर स्पीकर पर सवालिया निशान खड़े किए हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि जब इन हाउस नैना चौटाला ने माना है कि वो इनेलो पार्टी से अलग हैं तो ये अपने आप में खुद लिखित में ही है. जबकि स्पीकर ने नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी को सेफ बताया है.

वहीं, जब इस विषय पर विधानसभा के स्पीकर कंवर पाल गुर्जर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी तक नैना चौटाला व अन्य किसी की ओर से लिखित में नहीं दिया गया है. अगर लिखित में दिया जाता तो कोई कार्रवाई की जाती, इसलिए अभी स्थिति पुरानी जैसी ही बनी रहेगी.

चंडीगढ़: कांग्रेस ने एक फिर नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी को लेकर स्पीकर पर सवालिया निशान खड़े किए हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि जब इन हाउस नैना चौटाला ने माना है कि वो इनेलो पार्टी से अलग हैं तो ये अपने आप में खुद लिखित में ही है. जबकि स्पीकर ने नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी को सेफ बताया है.

वहीं, जब इस विषय पर विधानसभा के स्पीकर कंवर पाल गुर्जर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी तक नैना चौटाला व अन्य किसी की ओर से लिखित में नहीं दिया गया है. अगर लिखित में दिया जाता तो कोई कार्रवाई की जाती, इसलिए अभी स्थिति पुरानी जैसी ही बनी रहेगी.

https://drive.google.com/file/d/1meXbI5Bo-ovEgIZFsPT8bhWQuhfzfBWk/view?usp=sharing 

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एंकर - 
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जहाँ अपनी सरकार की उपलब्धियां और आने वाले समय में योजनाओ की कुछ जानकारी राखी वहीँ मुख्यमंत्री एक बार फिर विपक्ष पर अपने तरीके से बरसते नजर आये ।  मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में सतापक्ष व विपक्ष में अलोचना होना स्वाभाविक है , परंतु जब विपक्ष के लोग सरकार के काम-काज पर मोहर लगाते हैं तो अच्छा लगता है । मनोहर लाल ने  कहा कि पहले की सरकारों और वर्तमान सरकार में सियासत करने का अंतर है । पहले की सरकारें जहां सियासत की खातिर सरकार चलाती थी परंतु हम जनता के प्यार व सेवा की खातिर सियासत करते हैं और जनता ने हमें सार्थक समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा गठन के 48 वर्षों की सरकारों के नेता हार कर भी गरूर करते थे परंतु हम जीत कर भी विनम्र हैं। 
वीओ - 
पिछले चार वर्षों के दौरान हमारी सरकार के कार्यकाल में जितने भी चुनाव हुए हैं, चाहे वह फरीदाबाद और गुरुग्राम के नगरनिगमों केे चुनाव हों याह पंचायती राज संस्थानों के चुनाव हों या पहली बार पांच नगरनिगमों के मेयर पद का सीधा चुनाव हो या 22 वर्षों बाद छात्र संघ के चुनाव हो या अभी हाल ही में जींद विधानसभा का उपचुनाव हो, जनता ने हमें समर्थन दिया है। इसके अलावा, ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’, कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन या अंत्योदय की बात हो, विपक्ष के लोगों ने भी सरकार के कार्य की सराहना की है ।  मनोहर लाल ने कहा कि गरीब व किसान पर बजट खर्च हो यह उनका प्रयास है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों और वर्तमान सरकार में सियासत करने का अंतर है। पहले की सरकारें जहां सियासत की खातिर सरकार चलाती थी परंतु हम जनता के प्यार व सेवा की खातिर सियासत करते हैं और जनता ने हमें सार्थक समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा गठन के 48 वर्षों की सरकारों के नेता हार कर भी गरूर करते थे परंतु हम जीत कर भी विनम्र हैं । 
बाइट - मुख्यमंत्री मनोहर लाल 
वीओ - 


मुख्यमंत्री ने सदन में स्पष्ट किया कि 2019 के लोकसभा व हरियाणा विधानसभा के चुनाव निश्चित रूप से अपने निर्धारित समय पर ही होंगे । उन्होंने विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला द्वारा बाजरा खरीद में चार क्विंटल की सीमा प्रति एकड़ लगाने के आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि आठ क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा निर्धारित की गई थी और पहली बार 18.25 लाख क्विंटल बाजरे की खरीद 1950 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई। बाजार में 1500 से 1600 रुपये प्रति क्विंटल का भाव होने के बावजूद भी 1950 रुपये प्रति क्विंटल के अंतर को भावांतर भरपाई योजना में शामिल किया गया था और डीबीटी के माध्यम से पैसा किसानों के खातों में सीधा डाला गया और जब किसानों को इस बात की जानकारी मिली तो बैंकों में उनके चेहरे पर खुशी देखने को मिली । 
मनोहर लाल ने सदन को अवगत करवाया कि प्रदेश की 108 मंडियों में से 54 मंडियों में ई-खरीद के माध्यम से 11 करोड़ 50 लाख क्विंटल खाद्यान्नों की खरीद की गई और 26,528 करोड़ रुपये का भगुतान किया गया । उन्होंने कहा कि मंडियों में एचआरडीएफ के लिए आढ़ती से दो प्रतिशत तथा मार्किट फीस दो प्रतिशत 1985-86 से ही ली जा रही है और यह इससे ग्रामीण विकास के लिए लगभग 800 करोड़ रुपये और इतना ही मंडियों के रखरखाव के लिए सरकार को मिल जाता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की मंडियां अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर हैं और इसलिए वहां के किसान भी अपनी उपज बेचने के लिए यहां का रूख करते हैं। गेहूं व धान की खरीद भारतीय खाद्य निगम के लिए की जाती है और खरीद पर एचआरडीएफ व मार्किट फीस निगम की तरफ से मिलती है ।  
मनोहर लाल ने सदन को अवगत करवाया कि भावांतर भरपाई योजना के तहत पिछले वर्ष आलू, प्याज, टमाटर व गोभी के लिए 4 करोड़ 26 लाख रुपये की भुगतान किया गया और 4 लाख 55 हजार क्विंटल सब्जी की खरीद की गई और इस वर्ष जनवरी से अगेती किस्म के आलू को भी इस योजना में शामिल किया गया है, जबकि यह याजना एक फरवरी से लागू होती है । 
उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि खरीफ-2018 के फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को लगभग 132 करोड़ रुपये की राशि 5 मार्च, 2019 तक मिल जाएगी । उन्होंने बताया कि लगभग सब्सिडी के 13 करोड़ रुपये के लम्बित मामलों की राशि भी इस तिथि तक भेज दी जाएगी । मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हाल ही में पलवल जिले के 5, गुरुग्राम के 115, महेन्द्रगढ़ के 16 तथा झज्जर जिले के 2 गांवों में ओलावृष्टि के नुकसान का आंकलन भी तैयार किया जा रहा है । 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सभी 14 सहकारी व प्राईवेट गन्ना मिलों को 1400 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई है, जबकि पिछली सरकार के समय केवल 700 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई थी। उन्होंने बताया कि पिछले 48 वर्षों के दौरान गन्ने की खरीद का फरवरी माह तक हमेशा बकाया रहता था परंतु हमने जनवरी में ही भगुतान कर दिया है, जिसमें से लगभग 322 करोड़ रुपये की अदायगी हो चुकी है। पूरे देश के चीनी मिलें घाटे में चल रही हैं । इसलिए इसकी भरपाई के लिए पहली बार 16 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ना किसानों के खातों में डाले गए हैं । 
मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि पानीपत के डाहर में स्थापित की जा रही चीनी मिल की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो गई है और इसके टेंडर भी जारी कर दिये गए हैं । इस पर शीघ्र ही कार्य आरंभ हो जाएगा । इसी प्रकार, करनाल चीनी मिल की क्षमता बढ़ाने के लिए विशेष ऑडिट करवाया गया। उन्होंने कहा कि पराली प्रबन्धन के लिए भी आईओसी पानीपत के साथ समझौता हुआ है, जिसके अंतर्गत एथनॉल प्लांट लगाया जाएगा। पराली के लिए किसानों व कस्टम हॉयर सेंटर के लिए 17 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी दी गई । मुख्यमंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि एसवाईएल के लिए सरकार गंभीर है और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के शीघ्र क्रियान्वयन के लिए प्रयासरत है ।  
 
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