अंबाला: हरियाणा की दलित नेता कांता ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी (new political party in haryana) का गठन किया है. नए राजनीतिक दल का नाम मिशन एकता पार्टी (Mission Ekta Party) रखा है. इस बारे में कांता आलड़िया ने कहा कि हमारी पार्टी का मिशन ही संविधान को देश में पूरी तरह से लागू करवाना है, ताकि देशवासी जाति-धर्म के भेदभाव से ऊपर उठकर मानवता को ही अपना कर्म मानें.
मिशन एकता पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष कांता आलड़िया ने कहा कि जब देश के संविधान को हर भारतीय अपनी शान के रूप में समझना शुरू कर देगा, तो पूरे देश में जात-पांत, ऊंच-नीच का भेदभाव करने वाले राजनीतिक नेताओं के मुंह पर तमाचा लग जाएगा. कांता ने मिशन एकता पार्टी की टैगलाइन न जाति न धर्म मानवता ही कर्म रखी है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का घोषणापत्र संविधान पर आधारित है, जोकि भारतीयों को समानता का अधिकार प्रदान करने वाला ग्रंथ है.
संविधान हमें मानवता के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है. कांता ने कहा कि जब भारत में मानवता की पूजा होने लगेगी तो देश में अपराध भी कम होंगे. उन्होंने कहा कि ज्यादातर राजनैतिक दलों ने भारतवासियों को का शोषण किया है, ताकि उनकी तानाशाही चलती रहे और उनका साम्राज्य कायम रहे. कांता ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा भी की. जिसमें कृष्णा राणा और महेंद्र बागड़ी को महासचिव, कृष्णा माजरा को प्रवक्ता और रवींद्र खुंडिया को खजांची बनाया गया है.
इसी तरह, प्रदेश कार्यकारिणी में, करनैल सिंह औढ़ा को अध्यक्ष, राजपाल प्रजापति एवं बलजीत सिंह रंगा को उपाध्यक्ष, मनीषा बोहत को महासचिव तथा नवीन मेहरा एवं विजय काम्बोज को सचिव नियुक्त किया गया है. कांता ने कहा कि यदि इन राजनैतिक दलों के नेताओं ने भारत की गरीब, शोषित, दलित, पिछड़ी जनता को शिक्षित किया होता तो पूरी दुनिया में भारत एक महाशक्ति बन गया होता.
भाजपा, कांग्रेस व अन्य दलों को निशाने पर लेते हुए, उन्होंने कहा कि ये दल फूट डालो और राज करो के सिद्धांत पर चलते हैं. ये अपने मंसूबों में कामयाब इसलिए हो जाते हैं क्योंकि देश की अधिकांश जनता अशिक्षित है. ये राजनेता जानते हैं कि जिस दिन भारत की युवाशक्ति शिक्षित हो जाएगी, उसी दिन से इन नेताओं का ढोंग समाप्त कर देगी. तब एक बार फिर से भारत सोने की चिड़िया बन जाएगा.
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