चंडीगढ़: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल (JP Dalal statement on DAP Problem) ने कहा कि प्रदेश में पिछले वर्ष सितंबर, अक्तूबर व 30 नवंबर तक 2 लाख 78 हजार मीट्रिक टन डीएपी की बिक्री हुई थी जबकि इस वर्ष सितंबर, अक्तूबर व नवंबर माह में 21 नवंबर 2022 तक राज्य में 3 लाख 6 हजार मीट्रिक टन डीएपी की बिक्री हो चुकी है. राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार से डीएपी की अतिरिक्त उपलब्धता के बारे में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं.
हरियाणा में आज के दिन 23 हजार मीट्रिक टन डीएपी, 52 हजार मीट्रिक टन एसएसपी और 7 हजार मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा राज्य में हर रोज 2 से 3 हजार मीट्रिक टन डीएपी-एनपीके उपलब्ध करवाया जा रहा है. भारत सरकार द्वारा खाद की बिक्री पीओएस मशीन से की जानी सुनिश्चित की गई है, इसलिए किसान भाईयों से अपील है कि किसी प्रकार की अव्यवस्था न फैलने दे और खाद की खरीद के समय सयम रखें.
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कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा में सरसों की बिजाई हो चुकी है और गेहूं की बिजाई जोरों पर है. जिसमें डीएपी खाद की उपलब्धता बिजाई के समय किसान भाईयों के लिए जरूरी है. कृषि मंत्री ने किसान किसानों से यह भी अपील की है कि अगर डीएपी खाद की उपलब्धता उनके जिले में कम हो तो गेहूं की बिजाई के लिए दूसरे उर्वरकों से भी फास्फोरस प्राप्त कर सकते हैं. चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के अनुसार एक बैग डीएपी या 3 बैग एसएसपी या 1.5 बैग एनपीके (12:32:16) का प्रयोग करके फास्फोरस की आपूर्ति पूर्ण कर सकते हैं.