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कृषि अध्यादेशों पर जेपी दलाल ने फिर रखी अपनी बात, इस बार पेश किए आंकड़े

हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों के हित में तीन नए अध्यादेश लेकर आई है. इन अध्यादेशों के लागू होने से किसानों को काफी फायदा होगा. किसानों को अपनी फसल बिक्री के लिए छूट दी गई है और किसी भी प्रकार से एमएसपी कम नहीं होगा.

jp dalal on agriculture ordinance
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Published : Sep 13, 2020, 7:28 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों पर आंच नहीं आने देगी. विपक्षी पार्टियां किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन प्रदेश का किसान जागरूक और समझदार है. वो विपक्ष के बहकावे में आने वाला नहीं है.

जेपी दलाल ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों के हित में तीन नए अध्यादेश लेकर आई है. इन अध्यादेशों के लागू होने से किसानों को काफी फायदा होगा. किसानों को अपनी फसल बिक्री के लिए छूट दी गई है और किसी भी प्रकार से एमएसपी कम नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अब 'वन नेशन वन मार्केट' की तर्ज पर किसानों को अपनी उपज किसी भी राज्य में ले जाकर बेचने की आजादी होगी. इससे कृषि उपज का बाधा मुक्त अंतर-राज्य व्यापार संभव हो सकेगा.

जेपी दलाल ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1956 में संशोधन कर अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू जैसी वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाने का फैसला किया गया है. इस फैसले से उत्पादन, भंडारण, ढुलाई और वितरण करने की आजादी से व्यापक स्तर पर उत्पादन करना संभव होगा.

केन्द्र सरकार ने मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश 2020 को भी स्वीकृति दे दी है. ये अध्यादेश किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर सामानों की खरीद बिक्री की आजादी देगा. उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों के लिए 'एक देश एक बाजार' की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है.

ये भी पढ़ें- जींद में हुई भाकियू की बैठक, 15 सितंबर से पूरे हरियाणा में होंगे धरने

कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 किसानों को उनकी उपज देश में किसी भी व्यक्ति या संस्था को बेचने की इजाजत देता है. अब ये सचमुच वन नेशन वन मार्केट होगा. उन्होंने विस्तार से आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रदेश में वर्ष 2013-14 में खाद्यान उत्पादन जहां 153.54 लाख मी.टन था वहीं 2018-19 में किसानों को समय पर बीज खाद, कीटनाशक दवाइयों और समुचित मात्रा में नहरी पानी मिलने पर उत्पादन बढ़कर 181.44 लाख मी.टन हो गया.

जेपी दलाल ने कहा कि प्रदेश में फसल बीमा के नाम पर किसानों को वर्ष 2005 से 2014 तक महज 164.30 करोड़ रुपये दिए गए, जबकि 2016 से 2019 तक किसानों को 2545.96 करोड़ रुपये देकर प्रदेश की भाजपा सरकार ने किसान हितैषी होने का प्रमाण दिया है.

जेपी दलाल ने कहा कि बिजली की सरचार्ज माफी योजना की बात की जाए तो भाजपा सरकार ने फरवरी 2020 तक 1,11,877 उपभोक्ताओं के 23.79 करोड़ रुपये सरचार्ज माफ किया है. इसी प्रकार, वर्ष 2013-14 किसानों को बिजली सब्सिडी के रूप में 4853.40 करोड़ रुपये का लाभ मिला, जबकि वर्ष 2019-20 में 6856.02 करोड़ करोड़ रुपये का लाभा मिला है.

दूध उत्पादन पर कृषि मंत्री ने रखे आंकड़े

कृषि मंत्री दलाल ने बताया कि दूध उत्पादन की बात की जाए तो वर्ष 2013 में प्रदेश में 74.42 लाख टन दूध का उत्पादन होता था जबकि 2018-19 में 107.28 लाख टन दूध का उत्पादन हुआ है. प्रति व्यक्ति की उपलब्धता की बात की जाए तो वर्ष 2013 में 800 ग्राम उपलब्धता थी जो 2018-19 में बढ़कर 1087 ग्राम हुई है. इसी प्रकार से किसानों के हित के लिए पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है.

प्रदेश में कितने किसानों को मिला पुश किसान क्रेडिट कार्ड?

प्रदेश में 5000 किसानों को पशु किसान क्रेडिट कार्ड बांटे गए हैं. 52 हजार किसानों के पशु किसान क्रेडिट कार्ड को बैंक द्वारा मंजूरी प्रदान की जा चुकी है. प्रदेश में 86 लाख सॉयल हेल्थ कार्ड बनाए गए हैं. किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए कस्टमर हायर सेंटर स्थापित किए गए हैं. प्रदेश में तालाब प्राधिकरण की स्थापना की गई है और एफपीओ बनाए गए हैं. प्रदेश में पशुधन बीमा योजना के तहत 2.72 लाख पशुओं का बीमा किया गया है. कोरोना काल के दौरान भी प्रदेश में 50 लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया है.

आंकड़ों के अनुसार सरकार ने पशुपालन व कृषि के साथ-साथ मच्छली पालन को भी बढ़ावा दिया. प्रदेश में फिलहाल 166794.40 मी.टन मच्छली का उत्पादन है. प्रदेश में 10332 सीधे तौर पर मच्छली पालन व्यवसाय से जुड़े हैं, जबकि 12168 किसान अन्य व्यवसाय के साथ अप्रत्यक्ष रूप से मछली पालन कर रहे हैं.

हरियाणा प्रदेश देश का ऐसा पहला प्रदेश है जहां पर ड्रिप इरीगेशन पर आधे हरियाणा में 100 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. शेष क्षेत्र में करीब 85 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज में से ढाई लाख करोड़ रुपये केसीसी के लिए मंजूर किए हैं. इस दौरान कृषि मंत्री ने नागरिकों की समस्याएं भी सुनी और उनके समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए.

ये भी पढ़ें- मुकदमों से डरकर आंदोलन बंद नहीं करेंगे: गुरनाम चढूनी

चंडीगढ़: हरियाणा के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों पर आंच नहीं आने देगी. विपक्षी पार्टियां किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन प्रदेश का किसान जागरूक और समझदार है. वो विपक्ष के बहकावे में आने वाला नहीं है.

जेपी दलाल ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों के हित में तीन नए अध्यादेश लेकर आई है. इन अध्यादेशों के लागू होने से किसानों को काफी फायदा होगा. किसानों को अपनी फसल बिक्री के लिए छूट दी गई है और किसी भी प्रकार से एमएसपी कम नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अब 'वन नेशन वन मार्केट' की तर्ज पर किसानों को अपनी उपज किसी भी राज्य में ले जाकर बेचने की आजादी होगी. इससे कृषि उपज का बाधा मुक्त अंतर-राज्य व्यापार संभव हो सकेगा.

जेपी दलाल ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1956 में संशोधन कर अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू जैसी वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाने का फैसला किया गया है. इस फैसले से उत्पादन, भंडारण, ढुलाई और वितरण करने की आजादी से व्यापक स्तर पर उत्पादन करना संभव होगा.

केन्द्र सरकार ने मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश 2020 को भी स्वीकृति दे दी है. ये अध्यादेश किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर सामानों की खरीद बिक्री की आजादी देगा. उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों के लिए 'एक देश एक बाजार' की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है.

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कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020 किसानों को उनकी उपज देश में किसी भी व्यक्ति या संस्था को बेचने की इजाजत देता है. अब ये सचमुच वन नेशन वन मार्केट होगा. उन्होंने विस्तार से आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि प्रदेश में वर्ष 2013-14 में खाद्यान उत्पादन जहां 153.54 लाख मी.टन था वहीं 2018-19 में किसानों को समय पर बीज खाद, कीटनाशक दवाइयों और समुचित मात्रा में नहरी पानी मिलने पर उत्पादन बढ़कर 181.44 लाख मी.टन हो गया.

जेपी दलाल ने कहा कि प्रदेश में फसल बीमा के नाम पर किसानों को वर्ष 2005 से 2014 तक महज 164.30 करोड़ रुपये दिए गए, जबकि 2016 से 2019 तक किसानों को 2545.96 करोड़ रुपये देकर प्रदेश की भाजपा सरकार ने किसान हितैषी होने का प्रमाण दिया है.

जेपी दलाल ने कहा कि बिजली की सरचार्ज माफी योजना की बात की जाए तो भाजपा सरकार ने फरवरी 2020 तक 1,11,877 उपभोक्ताओं के 23.79 करोड़ रुपये सरचार्ज माफ किया है. इसी प्रकार, वर्ष 2013-14 किसानों को बिजली सब्सिडी के रूप में 4853.40 करोड़ रुपये का लाभ मिला, जबकि वर्ष 2019-20 में 6856.02 करोड़ करोड़ रुपये का लाभा मिला है.

दूध उत्पादन पर कृषि मंत्री ने रखे आंकड़े

कृषि मंत्री दलाल ने बताया कि दूध उत्पादन की बात की जाए तो वर्ष 2013 में प्रदेश में 74.42 लाख टन दूध का उत्पादन होता था जबकि 2018-19 में 107.28 लाख टन दूध का उत्पादन हुआ है. प्रति व्यक्ति की उपलब्धता की बात की जाए तो वर्ष 2013 में 800 ग्राम उपलब्धता थी जो 2018-19 में बढ़कर 1087 ग्राम हुई है. इसी प्रकार से किसानों के हित के लिए पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई है.

प्रदेश में कितने किसानों को मिला पुश किसान क्रेडिट कार्ड?

प्रदेश में 5000 किसानों को पशु किसान क्रेडिट कार्ड बांटे गए हैं. 52 हजार किसानों के पशु किसान क्रेडिट कार्ड को बैंक द्वारा मंजूरी प्रदान की जा चुकी है. प्रदेश में 86 लाख सॉयल हेल्थ कार्ड बनाए गए हैं. किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए कस्टमर हायर सेंटर स्थापित किए गए हैं. प्रदेश में तालाब प्राधिकरण की स्थापना की गई है और एफपीओ बनाए गए हैं. प्रदेश में पशुधन बीमा योजना के तहत 2.72 लाख पशुओं का बीमा किया गया है. कोरोना काल के दौरान भी प्रदेश में 50 लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया है.

आंकड़ों के अनुसार सरकार ने पशुपालन व कृषि के साथ-साथ मच्छली पालन को भी बढ़ावा दिया. प्रदेश में फिलहाल 166794.40 मी.टन मच्छली का उत्पादन है. प्रदेश में 10332 सीधे तौर पर मच्छली पालन व्यवसाय से जुड़े हैं, जबकि 12168 किसान अन्य व्यवसाय के साथ अप्रत्यक्ष रूप से मछली पालन कर रहे हैं.

हरियाणा प्रदेश देश का ऐसा पहला प्रदेश है जहां पर ड्रिप इरीगेशन पर आधे हरियाणा में 100 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. शेष क्षेत्र में करीब 85 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज में से ढाई लाख करोड़ रुपये केसीसी के लिए मंजूर किए हैं. इस दौरान कृषि मंत्री ने नागरिकों की समस्याएं भी सुनी और उनके समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए.

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