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Haryana Budget 2022 : विधायक जगबीर मलिक बोले- पुरानी घोषणाएं ही अभी अधूरी पड़ी हैं तो अगली घोषणाओं से नहीं कर सकते उम्मीद - हरियाणा बजट 2022

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को बतौर वित्त मंत्री अपना तीसरा बजट पेश किया. जिस पर विधायक (Jagbir Singh Malik on Haryana budget) ने प्रतिक्रिया दी है.

Jagbir Singh Malik news
विधायक जगबीर मलिक
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Published : Mar 9, 2022, 9:09 AM IST

Updated : Mar 9, 2022, 12:59 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश का बजट पेश कर दिया (HARYANA BUDGET 2022) है. इस बार सीएम ने एक लाख 77 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है. सरकार की ओर से जो आंकड़े जारी किए गए हैं उनमें बताया गया है कि लगभग हर क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले इस साल बजट में बढ़ोतरी की गई है. प्रदेश सरकार के इस बजट को लेकर ईटीवी भारत ने वरिष्ठ नेता और गोहाना से विधायक जगबीर मलिक से खास बातचीत की.

जगबीर मलिक ने बताया कि हम सभी को बजट से बड़ी उम्मीदें थी. कई ऐसी घोषणाओं का इंतजार भी किया जा रहा था. जिन्हें बजट में शामिल किए जाने की पूरी उम्मीद थी लेकिन मुख्यमंत्री के पिटारे से एकदम नीरस बजट निकला है. बजट में ऐसी कोई खासियत नहीं है जिसके बारे में चर्चा की जा सके. हमने एक बार फिर से हरियाणा के लोगों को धोखा देने की कोशिश की है. हर वर्ग को बजट से काफी उम्मीदें थी लेकिन बजट में किसी वर्ग को कुछ भी नहीं दिया.

Haryana Budget 2022 : विधायक जगबीर मलिक बोले- पुरानी घोषणाएं ही अभी अधूरी पड़ी हैं तो अगली घोषणाओं से नहीं कर सकते उम्मीद

उन्होंने कहा कि सरकार घोषणा तो कर देती है लेकिन उन्हें पूरा नहीं कर पाती. इस बजट में भी ऐसा ही किया गया है. सरकार ने जो घोषणाएं की है उसको लेकर बिल्कुल भी उम्मीद नहीं किया जा सकता है कि वह घोषणाएं पूरी हो पाएंगी या नहीं. उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में खानपुर में मेडिकल कॉलेज बनाया गया था. हालांकि कॉलेज तो बन गया लेकिन वहां पर मेडिकल स्टाफ उपलब्ध नहीं है. वह मेडिकल कॉलेज एक रेफरल अस्पताल बनकर रह गया है. जहां पर मरीज आते हैं और उन्हें दूसरे अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है. क्योंकि वहां पर विशेषज्ञ और मेडिकल स्टाफ की भारी कमी है. मेडिकल कॉलेज बनाने का क्या फायदा.

जगबीर मलिक ने कहा कि सरकार ने किसानों को भी कुछ नहीं दिया. अगर किसानों को सरकार सिर्फ मुआवजा ही दे दे तो यह भी बड़ी बात होगी. बेमौसम की बारिश की वजह से किसानों की फसलें खराब हो चुकी हैं. गांवों में पानी भरा पड़ा है लेकिन न तो सरकार समय से फसलों की गिरदावरी करवा पाई ने किसानों को मुआवजा दे पाए. पानी को निकालने का भी कोई बंदोबस्त नहीं किया गया. प्रदेश में सड़कों की हालत बेहद खराब है. सरकार में सड़कों के लिए भी विशेष पैकेज की घोषणा की है लेकिन हम उस पैकेज पर कैसे उम्मीद करें जब सड़कों की हालत को सुधारने वाला कोई नहीं है.

अकेले उनके हलके में 50 से ज्यादा सड़कें टूटी पड़ी हैं जिन्हें आज तक बनाने की कोशिश नहीं की गई. इसलिए सरकार की घोषणाओं पर यकीन नहीं किया जा सकता. मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कई नए कॉलेज महिला कॉलेज और स्कूल खोलने की बात भी की है लेकिन कोई मंत्री बताए जो कॉलेज पहले खोले गए थे. उनकी आज क्या दशा है. बरोदा इलेक्शन के समय भी तीन कॉलेज खोलने की बात की गई थी. उनमें से किसी भी कॉलेज के पास अपनी इमारत आज तक नहीं है. कॉलेजों में प्रिंसिपल नहीं है. टीचिंग स्टाफ की भारी कमी है. स्कूलों में अध्यापकों की भारी कमी है. अगर स्कूल और कॉलेजों में प्रिंसिपल और टीचर नहीं होंगे तो ऐसे स्कूल कॉलेज किसी काम के नहीं.

ये भी पढ़ें-मुख्यमंत्री ने सिर्फ अपना भाषण पढ़ा, इसे बजट नहीं कहा जा सकता- भूपेंद्र सिंह हुड्डा

मलिक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी बात की उन्होंने कहा कि नए अस्पताल खोले जाएंगे और रोहतक पीजीआई में किडनी ट्रांसप्लांट की सेवा शुरू की जाएगी अगर ऐसा किया जाता है तो यह अच्छी बात है लेकिन इन घोषणाओं पर यकीन कैसे करें क्योंकि आज तक प्रदेश में जो मेडिकल कॉलेज खुले हैं वहां पर स्टाफ की कमी है. अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है. इस घोषणा पर कैसे विश्वास किया जाए. उन्होंने कहा कि बजट सत्र 22 मार्च तक चलेगा. इस बीच हमारे पास कई दिन है जिसमें हम सदन में इस बात पर विचार विमर्श करेंगे कि सरकार ने पिछले बजटों में कौन-कौन सी घोषणा की थी जो अभी तक पूरी नहीं हो पाई. इसके अलावा सरकार ने जो घोषणा की है. हम सरकार से यह जवाब मांगेंगे कि सरकार इन घोषणाओं को कैसे पूरा करेगी यह भी हमें बताए.

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चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश का बजट पेश कर दिया (HARYANA BUDGET 2022) है. इस बार सीएम ने एक लाख 77 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है. सरकार की ओर से जो आंकड़े जारी किए गए हैं उनमें बताया गया है कि लगभग हर क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले इस साल बजट में बढ़ोतरी की गई है. प्रदेश सरकार के इस बजट को लेकर ईटीवी भारत ने वरिष्ठ नेता और गोहाना से विधायक जगबीर मलिक से खास बातचीत की.

जगबीर मलिक ने बताया कि हम सभी को बजट से बड़ी उम्मीदें थी. कई ऐसी घोषणाओं का इंतजार भी किया जा रहा था. जिन्हें बजट में शामिल किए जाने की पूरी उम्मीद थी लेकिन मुख्यमंत्री के पिटारे से एकदम नीरस बजट निकला है. बजट में ऐसी कोई खासियत नहीं है जिसके बारे में चर्चा की जा सके. हमने एक बार फिर से हरियाणा के लोगों को धोखा देने की कोशिश की है. हर वर्ग को बजट से काफी उम्मीदें थी लेकिन बजट में किसी वर्ग को कुछ भी नहीं दिया.

Haryana Budget 2022 : विधायक जगबीर मलिक बोले- पुरानी घोषणाएं ही अभी अधूरी पड़ी हैं तो अगली घोषणाओं से नहीं कर सकते उम्मीद

उन्होंने कहा कि सरकार घोषणा तो कर देती है लेकिन उन्हें पूरा नहीं कर पाती. इस बजट में भी ऐसा ही किया गया है. सरकार ने जो घोषणाएं की है उसको लेकर बिल्कुल भी उम्मीद नहीं किया जा सकता है कि वह घोषणाएं पूरी हो पाएंगी या नहीं. उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में खानपुर में मेडिकल कॉलेज बनाया गया था. हालांकि कॉलेज तो बन गया लेकिन वहां पर मेडिकल स्टाफ उपलब्ध नहीं है. वह मेडिकल कॉलेज एक रेफरल अस्पताल बनकर रह गया है. जहां पर मरीज आते हैं और उन्हें दूसरे अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है. क्योंकि वहां पर विशेषज्ञ और मेडिकल स्टाफ की भारी कमी है. मेडिकल कॉलेज बनाने का क्या फायदा.

जगबीर मलिक ने कहा कि सरकार ने किसानों को भी कुछ नहीं दिया. अगर किसानों को सरकार सिर्फ मुआवजा ही दे दे तो यह भी बड़ी बात होगी. बेमौसम की बारिश की वजह से किसानों की फसलें खराब हो चुकी हैं. गांवों में पानी भरा पड़ा है लेकिन न तो सरकार समय से फसलों की गिरदावरी करवा पाई ने किसानों को मुआवजा दे पाए. पानी को निकालने का भी कोई बंदोबस्त नहीं किया गया. प्रदेश में सड़कों की हालत बेहद खराब है. सरकार में सड़कों के लिए भी विशेष पैकेज की घोषणा की है लेकिन हम उस पैकेज पर कैसे उम्मीद करें जब सड़कों की हालत को सुधारने वाला कोई नहीं है.

अकेले उनके हलके में 50 से ज्यादा सड़कें टूटी पड़ी हैं जिन्हें आज तक बनाने की कोशिश नहीं की गई. इसलिए सरकार की घोषणाओं पर यकीन नहीं किया जा सकता. मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कई नए कॉलेज महिला कॉलेज और स्कूल खोलने की बात भी की है लेकिन कोई मंत्री बताए जो कॉलेज पहले खोले गए थे. उनकी आज क्या दशा है. बरोदा इलेक्शन के समय भी तीन कॉलेज खोलने की बात की गई थी. उनमें से किसी भी कॉलेज के पास अपनी इमारत आज तक नहीं है. कॉलेजों में प्रिंसिपल नहीं है. टीचिंग स्टाफ की भारी कमी है. स्कूलों में अध्यापकों की भारी कमी है. अगर स्कूल और कॉलेजों में प्रिंसिपल और टीचर नहीं होंगे तो ऐसे स्कूल कॉलेज किसी काम के नहीं.

ये भी पढ़ें-मुख्यमंत्री ने सिर्फ अपना भाषण पढ़ा, इसे बजट नहीं कहा जा सकता- भूपेंद्र सिंह हुड्डा

मलिक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी बात की उन्होंने कहा कि नए अस्पताल खोले जाएंगे और रोहतक पीजीआई में किडनी ट्रांसप्लांट की सेवा शुरू की जाएगी अगर ऐसा किया जाता है तो यह अच्छी बात है लेकिन इन घोषणाओं पर यकीन कैसे करें क्योंकि आज तक प्रदेश में जो मेडिकल कॉलेज खुले हैं वहां पर स्टाफ की कमी है. अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है. इस घोषणा पर कैसे विश्वास किया जाए. उन्होंने कहा कि बजट सत्र 22 मार्च तक चलेगा. इस बीच हमारे पास कई दिन है जिसमें हम सदन में इस बात पर विचार विमर्श करेंगे कि सरकार ने पिछले बजटों में कौन-कौन सी घोषणा की थी जो अभी तक पूरी नहीं हो पाई. इसके अलावा सरकार ने जो घोषणा की है. हम सरकार से यह जवाब मांगेंगे कि सरकार इन घोषणाओं को कैसे पूरा करेगी यह भी हमें बताए.

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Last Updated : Mar 9, 2022, 12:59 PM IST
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