चंडीगढ़: कांग्रेस विधायक जगबीर मलिक ने सुप्रीम कोर्ट की तरफ से किसान आंदोलन को लेकर दिए गए फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोर्ट ने किसानों की बात सुनने के लिए अच्छा कदम उठाया है, लेकिन जो कमेटी का गठन किया गया है उसमें किसानों की मेजोरिटी होनी चाहिए, ताकि सरकार किसानों के साथ गलत ना कर सके.
चंडीगढ़ में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कांग्रेसी विधायक जगबीर मलिक ने कई सवालों के जवाब दिए. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कृषि कानूनों पर लगाए गए स्टे पर जगबीर मलिक ने कहा की लगातार 15 दिन इसकी सुनवाई करके फैसला कर देना चाहिए. 15 दिन के अंदर ये फैसला हो जाना चाहिए कि कानून रद्द होंगे ना फिर नहीं. ऐसा करके किसानों के लिए भी साफ हो जाएगा कि उन्हें आंदोलन को आगे और बढ़ाना है या फिर नहीं.
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अविश्वास प्रस्ताव लाने के सवाल पर जगबीर मलिक ने कहा कि जो विधायक किसानों के वोट लेकर विधायक बने हैं. उन्हें विधानसभा में बताना पड़ेगा कि वो किसके साथ हैं. जगबीर मलिक ने कहा कि इस्तीफा देना कोई हल नहीं है. अगर सभी कांग्रेसी विधायक इस्तीफा दे देंगे तो फिर सरकार का मुकाबला कौन करेगा.
'खुद डरी हुई है हरियाणा सरकार'
इसके साथ ही जगबीर मलिक ने दावा किया कि बीजेपी के विधायक डरे हुए हैं. अगर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो किसी की भी हिम्मत नहीं होगी कि किसानों के खिलाफ वोट करें. सरकार खुद इस पूरे मामले में डरी हुई है. हरियाणा के राज्यपाल ने तीसरी दफा मिलने का समय देने से इनकार कर दिया है.