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भवन निर्माण कामगारों के लिए कोरोना बनी आफत, Lockdown में भुखमरी की नौबत - हरियाणा हिंदी न्यूज

हरियाणा में असंगठित मजदूरों को इस लॉकडाउन की वजह से काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. सरकार की ओर से इनको सहायता देने के दावे तो किए जा रहे हैं लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. लोगों को भरपेट खाना भी नहीं मिल पा रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

norganized workers in haryana
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Published : Apr 11, 2020, 6:49 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में कोरोना वायरस के चलते स्थिति सभी के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. कोरोना वायरस को लेकर किए गए लॉकडाउन के चलते जहां उद्योग धंधे बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं, वहीं प्रदेश के श्रमिकों को भी इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है.

हरियाणा में असंगठित मजदूर

असंगठित श्रमिकों के लिए भी परिवार का लालन-पालन करना चुनौती भरा हो गया है. हरियाणा में सरकारी आंकड़े के अनुसार 18 लाख के करीब असंगठित मजदूर या बीपीएल परिवार है. सरकार के इस आंकड़े से इतर भी ऐसे कई परिवारों से हमने बात की जिनका मानना है कि ये समय उनके लिए बहुत कठिनाई लेकर आया है.

भवन निर्माण कामगारों के लिए कोरोना बनी आफत, देखिए रिपोर्ट

हरियाणा में भवन कामगार मजदूर जोकि मजदूरी या मिस्त्री का काम करके अपने परिवार को किसी तरह से पाल रहे थे. उनका भी काम बंद होने के चलते परेशानियां बढ़ गई हैं. ऐसे ही कई परिवारों से अलग-अलग तरह के काम कर रहे लोगों से हमने भी बातचीत की तो उन्होंने बताया कि ये समय उनके लिए कितना मुश्किलों भरा है.

ठप हुआ भवन निर्माण का काम

भवनों के निर्माण का काम करने वाले मजदूरों ने बताया कि काम कुछ दिन पहले से ठप हो चुका है. पहले किए गए काम का मेहनताना मिलेगा या नहीं इस पर भी अभी संशय है. इसके बाद बिना काम किए जो दिन बीत रहे हैं. उनमें परिवार चलाना मुश्किल भरा हो गया है. सरकार की तरफ से गरीब परिवारों को मासिक सहायता राशि देने के सवाल पर अधिकतर लोगों का कहना था कि उन्हें कोई राशि नहीं मिली है और ना ही सरकार की तरफ से दिए जा रहे किसी तरह के लाभ के बारे में उन्हें जानकारी है.

norganized workers in haryana
भवन निर्माण रुकने से मजदूर हैं परेशान

वहीं मजदूरों के साथ-साथ भवन निर्माण के कार्य में लगे मिस्त्री ने भी लॉकडाउन के चलते हो रही परेशानियों के बारे में अपने हालात साझा किए. इन लोगों का कहना था कि रोजाना खाना खाने के लिए यहां वहां से उधार लेकर किसी तरह परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं. वहीं महिलाओं ने भी इस समय में आ रही मुश्किलों के बारे में बताया.

'मजदूरों को परिवार का गुजारा चलाने में दिक्कत आ रही है'

माली और दूसरे काम करने वाले लोगों से हमने लॉकडाउन के दौरान आ रही दिक्कतों के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि परिवार को चलाना बेहद मुश्किल हो गया है. लोगों की तरफ से खाना दिया जाता है जिसे खाकर परिवार का गुजारा चल रहा है. वेतन रुक चुका है और उसके आने की भी उम्मीदें कम नजर आ रही है. ऐसे में आने वाला समय भी बहुत कठिनाइयों भरा नजर आ रहा है.

norganized workers in haryana
वेतन नहीं मिलने की वजह से परेशान हैं माली

फिलहाल हरियाणा सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत लगभग 6.50 लाख परिवारों को 15 मार्च से 31 मार्च तक 4000 रुपये प्रति परिवार की सहायता प्रदान की है. मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत नहीं आने वाले परिवारों में भवन निर्माण में लगे श्रमिकों के 3.50 लाख परिवारों, 6. 50 लाख बीपीएल परिवारों, 1. 50 लाख असंगठित क्षेत्र के मजदूरों सहित 18 लाख परिवारों को सहायता प्रदान की गई है.

हालांकि हरियाणा सरकार के तहत 18 लाख परिवार ऐसे हैं जिन्हें सरकार की तरफ से सहायता मुहैया करवाई जा रही है. इसके दूसरी तरफ कई कामगार मजदूर और छोटा मोटा काम कर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले परिवार ऐसे भी हैं जो सरकार की गिनती में नहीं है. ऐसे ही कुछ लोगों से हमने बात की जिन्होंने खाता तक न होने की बात कहते हुए सरकार के किसी भी लाभ से वंचित रहने का दावा किया है.

चंडीगढ़: हरियाणा में कोरोना वायरस के चलते स्थिति सभी के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. कोरोना वायरस को लेकर किए गए लॉकडाउन के चलते जहां उद्योग धंधे बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं, वहीं प्रदेश के श्रमिकों को भी इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है.

हरियाणा में असंगठित मजदूर

असंगठित श्रमिकों के लिए भी परिवार का लालन-पालन करना चुनौती भरा हो गया है. हरियाणा में सरकारी आंकड़े के अनुसार 18 लाख के करीब असंगठित मजदूर या बीपीएल परिवार है. सरकार के इस आंकड़े से इतर भी ऐसे कई परिवारों से हमने बात की जिनका मानना है कि ये समय उनके लिए बहुत कठिनाई लेकर आया है.

भवन निर्माण कामगारों के लिए कोरोना बनी आफत, देखिए रिपोर्ट

हरियाणा में भवन कामगार मजदूर जोकि मजदूरी या मिस्त्री का काम करके अपने परिवार को किसी तरह से पाल रहे थे. उनका भी काम बंद होने के चलते परेशानियां बढ़ गई हैं. ऐसे ही कई परिवारों से अलग-अलग तरह के काम कर रहे लोगों से हमने भी बातचीत की तो उन्होंने बताया कि ये समय उनके लिए कितना मुश्किलों भरा है.

ठप हुआ भवन निर्माण का काम

भवनों के निर्माण का काम करने वाले मजदूरों ने बताया कि काम कुछ दिन पहले से ठप हो चुका है. पहले किए गए काम का मेहनताना मिलेगा या नहीं इस पर भी अभी संशय है. इसके बाद बिना काम किए जो दिन बीत रहे हैं. उनमें परिवार चलाना मुश्किल भरा हो गया है. सरकार की तरफ से गरीब परिवारों को मासिक सहायता राशि देने के सवाल पर अधिकतर लोगों का कहना था कि उन्हें कोई राशि नहीं मिली है और ना ही सरकार की तरफ से दिए जा रहे किसी तरह के लाभ के बारे में उन्हें जानकारी है.

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भवन निर्माण रुकने से मजदूर हैं परेशान

वहीं मजदूरों के साथ-साथ भवन निर्माण के कार्य में लगे मिस्त्री ने भी लॉकडाउन के चलते हो रही परेशानियों के बारे में अपने हालात साझा किए. इन लोगों का कहना था कि रोजाना खाना खाने के लिए यहां वहां से उधार लेकर किसी तरह परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं. वहीं महिलाओं ने भी इस समय में आ रही मुश्किलों के बारे में बताया.

'मजदूरों को परिवार का गुजारा चलाने में दिक्कत आ रही है'

माली और दूसरे काम करने वाले लोगों से हमने लॉकडाउन के दौरान आ रही दिक्कतों के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि परिवार को चलाना बेहद मुश्किल हो गया है. लोगों की तरफ से खाना दिया जाता है जिसे खाकर परिवार का गुजारा चल रहा है. वेतन रुक चुका है और उसके आने की भी उम्मीदें कम नजर आ रही है. ऐसे में आने वाला समय भी बहुत कठिनाइयों भरा नजर आ रहा है.

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वेतन नहीं मिलने की वजह से परेशान हैं माली

फिलहाल हरियाणा सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत लगभग 6.50 लाख परिवारों को 15 मार्च से 31 मार्च तक 4000 रुपये प्रति परिवार की सहायता प्रदान की है. मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत नहीं आने वाले परिवारों में भवन निर्माण में लगे श्रमिकों के 3.50 लाख परिवारों, 6. 50 लाख बीपीएल परिवारों, 1. 50 लाख असंगठित क्षेत्र के मजदूरों सहित 18 लाख परिवारों को सहायता प्रदान की गई है.

हालांकि हरियाणा सरकार के तहत 18 लाख परिवार ऐसे हैं जिन्हें सरकार की तरफ से सहायता मुहैया करवाई जा रही है. इसके दूसरी तरफ कई कामगार मजदूर और छोटा मोटा काम कर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले परिवार ऐसे भी हैं जो सरकार की गिनती में नहीं है. ऐसे ही कुछ लोगों से हमने बात की जिन्होंने खाता तक न होने की बात कहते हुए सरकार के किसी भी लाभ से वंचित रहने का दावा किया है.

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