चंडीगढ: हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस्लामिक स्टूडेंट संगठन ने सभी राजनीतिक पार्टियों से शिक्षा और स्टूडेंट्स हित के मुद्दों को अपने मैनिफेस्टो में शामिल करने की मांग की है. इसके लिए संगठन ने चंडीगढ़ स्थित प्रेस क्लब में अपना मेनिफेस्टो भी जारी किया.
साथ ही उन्होंने रोजगार परक शिक्षा पर जोर देने की बात की वहीं, स्किल इंडिया का जिक्र करते हुए खान ने कहा कि हरियाणा में करीब 6 लाख युवाओं को ट्रेनिंग दी गई थी. जिनके पास अब डिग्रियां भी मौजूद हैं, बावजूद इस के अभी तक महज 12 फीसदी (72 हजार) को ही रोजगार ही मिल पाया है.
सैलरी पर खर्च होता 80 फीसदी बजट
संगठन के राष्ट्रीय सचिव सलमान खान ने बताया कि किसी भी सरकार ने अभी तक शिक्षा को गंभीरता से नहीं लिया है. इस कारण छात्रों का काफी नुकसान हो रहा है. हरियाणा में शिक्षा के लिए जो बजट हर साल निर्धारित किया जाता है, उसमें से 80 फीसदी बजट सैलरी पर ही खर्च हो जाता है. ऐसे में गुणात्मक शिक्षा की कल्पना एक बहुत दूर की बात साबित होती है.
नूंह में विश्वविद्यालय की मांग
देश में शिक्षा का अधिकार कानून लागू हुए 10 साल पूरे हो चुके हैं लेकिन आज तक इस को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है. मेवात हरियाणा का एक पिछड़ा जिला माना जाता है लेकिन अभी तक यहां पर कोई विश्वविद्यालय स्थापित नहीं किया गया. इस कारण यहां के युवाओं को उच्च शिक्षा ग्रहण करने में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
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नूंह में रेल की मांग
वहीं उन्होंने राजनीतिक पार्टियों से मांग करते हुए कहा है कि किसी भी पार्टी की प्रदेश में सरकार अगर बनती है तो वह मेवात में उच्च शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय और रेलवे की व्यवस्था जरूर करें ताकि मेवात के स्टूडेंट्स को आ रही दिक्कतों से निजात मिल सके.