चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनोहर लाल ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 1 लाख 83 हजार 950 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. जो पिछले साल के मुकाबले 11.6 फीसदी ज्यादा है, लेकिन इस बजट में सरकार ने कोई भी कर नहीं लगाया है. यह इस बात का संकेत है कि कहीं न कहीं सरकार के मन में अगले साल होने वाले चुनाव भी हैं. फिर भले ही बजटीय घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है.
समाजिक सेवाओं पर सरकार का फोकस: हरियाणा सरकार का साल 2023-24 का बजट इस बात का संकेत देता है कि सरकार सामाजिक सेवाओं को प्राथमिकता में लेकर चल रही है. इस पर सरकार बजट का 30.51% खर्च करने जा रही है. जिसमें शिक्षा, समाज कल्याण और पोषण, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी और अन्य क्षेत्र आते हैं.
आर्थिक सेवाओं पर भी जोर: इसके साथ ही आर्थिक सेवाओं पर भी सरकार बजट का 24.13 फीसदी खर्च करने जा रही है. जिसमें कृषि सिंचाई व अन्य के साथ-सथ परिवहन, नागरिक उड्डयन, सड़कें और पुल के अलावा ग्रामीण विकास व पंचायतों के साथ अन्य क्षेत्र आते हैं. खास बात यह है कि कृषि प्रधान राज्य हरियाणा के इस साल के कृषि बजट में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. पिछली बार कृषि क्षेत्र का बजट 5758 करोड रुपए था जो इस बार साल 23-24 में 7342 करोड़ कर दिया गया.
सामान्य सेवाओं पर भी 14.5% खर्चों होगा बजट: इसके साथ ही हरियाणा सरकार के सामान्य सेवाओं जिसमें प्रशासनिक सेवाएं, पेंशन और अन्य खर्चे आते हैं उस पर भी बजट का 14.5% हिस्सा खर्च होगा. हालांकि बजट का बहुत बड़ा हिस्सा 30.86% हिस्सा ऋणों के भुगतान में जायेगा.
कई नई योजनाओं की भी हुई शुरुआत: प्रदेश सरकार नई योजनाएं भी शुरू की है जिसमें पशुपालन क्षेत्र के लिए हरियाणा पशुधन उत्थान मिशन शुरू किया गया है. इसके साथ ही सरकार ने दिव्या नगर योजना शहरी विकास विभाग ने शुरू की है. वहीं प्रदेश में खेल अकादमी स्थापित करने की भी योजना है. पीएम श्री योजना के तहत और ब्लॉक में दो स्कूल खोलने की भी तैयारी है. इसके साथ ही निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए निर्माण स्थलों पर क्रश प्ले स्कूल और साइट स्कूल खोले जाने की तैयारी है. इसके साथ ही हरियाणवी कलाकारों के लिए पंडित लख्मीचंद कलाकार सामाजिक सम्मान पेंशन योजना भी शुरू की गई है. वहीं सरकार का ग्रुप सी और डी में 65000 से अधिक नियमित पदों पर भर्ती करने का लक्ष्य है.
आर्थिक मामलों के जानकार की बता रहे हैं इसे चुनावी बजट: हरियाणा सरकार द्वारा इस बार टैक्स फ्री बजट पेश किया गया. इसको आर्थिक मामलों के जानकार बिमल अंजुम इसे चुनावी बजट के तौर पर ही देख रहे हैं. उनका कहना है कि जिस तरीके से लगभग 2000 करोड का इजाफा कृषि के बजट में किया गया है वह इस बात का संकेत है कि सरकार होने वाले चुनावों को भी ध्यान में रखे हुए हैं. वही उनका कहना है कि जिस तरीके से सामाजिक क्षेत्र पर अधिक जोर दिया गया है वह चुनावी मोड का भी संकेत है.
क्या कहते हैं राजनीतिक मामलों के जानकार?: राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि हरियाणा सरकार का साल 2023-24 का बजट में सरकार ने हर वर्ग को कुछ ना कुछ देने का प्रयास किया है. यह इस बात का संकेत है कि सरकार जानती है कि अगले साल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में वह किसी भी तरह का जोखिम उठाने के मूड में नहीं थी. हालांकि वे यह भी कहते हैं कि लोगों को अगर राहत मिल रही है तो फिर उसमें कोई गलत बात भी नहीं है. हालांकि वे यह भी कहते हैं कि हरियाणा सरकार ने बजट में कोई ऐसी लोक लुभावन घोषणा भी नहीं की है कि जिससे यह कहा जाए कि वह पूरी तरह से चुनाव के मोड में आ गई है. हालांकि किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगाया गया है वह बात अलग है.
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