चंडीगढ़: हरियाणा यानी रीत-रिवाजों, मेलों और तीज-त्योहारों का प्रदेश. प्रदेश में तीज-त्योहारों को मनाने की परंपरा ही बेहद निराली है, क्योंकि यहां त्योहारों का जश्न धूम-धाम से मनाया जाता है. इस समय प्रदेश में हरियाली तीज (Hariyali Teej Celebration In Haryana) की धूम है. ये त्योहार खासकर महिलाओं का प्रमुख उत्सव है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और हरे रंग के कपड़े पहनती हैं.
हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं दिन भर व्रत-उपवास रखती हैं. इस त्योहार जुड़ी हुई एक मान्यता (Hariyali Teej Story) भी है. बताया जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए पूरे तन-मन से करीब 108 सालों तक घोर तपस्या की थी और फिर पार्वती के इस तप से खुश होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया. जिसके बाद यह तीज पार्वती को समर्पित है, जिन्हें 'तीज माता' कहा जाता है. इस त्योहार के मौके पर शादीशुदा औरतें स्वयं का पति के प्रति समर्पण भाव जाहिर करती हैं.
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इसी दिन वे सोलह श्रृंगार करती हैं, जिसमें हरी साड़ी और हरी चूड़ियों का विशेष महत्व होता है. स्त्रियां दिन भर तीज के गीत गाती हैं और नाचती हैं. हरियाली तीज पर झूला झूलने का भी परंपरा हैं. स्त्रियां अपनी सहेलियों के साथ झूला झूलती हैं. कहा जाता है कि इस दिन भगवान शंकर की पूजा (Hariyali Teej Lord Shiva Worship) करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. औरतें शाम के समय भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने के बाद चंद्रमा की भी पूजा की जाती है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं.
महिलाएं हरियाली तीज के मौके पर लोक गीतों पर डांस करती हैं. उसके बाद महिलाओं ने मंगल गीत गाते हुए बारी-बारी से झूले पर झूलने का आनंद उठाती हैं. हरियाली तीज के मौके पर हरियाणा में घेवर और पतंगों की भी धूम होती है. रेवाड़ी की बनी पतंगे दूर-दूर तक बिकती है. शहर में बहुत सारे पतंग निर्माता हैं, जो करीब दो दशक से पतंगों को बना रहे हैं और हरियाणा के सभी शहरों में बिकती है.