चंडीगढ़: हरियाणा सरकार में गठबंधन दल आमने सामने आते नजर आ रहे है. अनिल विज ने एसईटी की रिपोर्ट सामने रखते हुए दोषी अधिकारियों का नाम सार्वजनिक किया, तो उपमुख्यमंत्री ने अपने अधिकारी बचाव किया. जिसपर मुख्यमंत्री ने बड़ा बयान दे दिया है. वहीं इनेलो के विधायक अभय सिंह चौटाला ने इस मामले में गठबंधन सरकार के साथ-साथ पूर्व सीएम पर भी बड़ा आरोप लगाया है.
इनेलो नेता अभय चौटाला ने कहा कि सरकार ने हमारे टैक्स के पैसे को अपनी जेब मे डालने का काम किया है. शराब घोटाले में उन्होंने सीबीआई से इन घोटालों की जांच की मांग पहले भी रखी थी. अभय ने कहा 3 सदस्यों की एसईटी शराब घोटाले की जांच की जिम्मेवारी सौंपी थी, जिसका काम सच को उजागर करना था. एसईटी की जांच से ग्रह मंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों से ही संतुष्ठ नहीं है. जबकि पहले उन्होंने खुलासा किया कि 40 ट्रक रोजाना डिशलरी से निकलते है. जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं होता था, जबकि 1 करोड़ 10 लाख बोतलों का कोई रिकॉर्ड नहीं है, ये जांच रिपोर्ट में भी लिखा है जिसकी जांच होनी चाहिए.
अभय चौटाला ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर आरोप लगाया कि पहले दिन से दस्तावेज नहीं दिए गए. इससे पहले दिन से स्पष्ट हो गया था कि मंत्री का भी इसमें हाथ है. इसका सीधा मतलब है कि मुख्यमंत्री को चुनौती दी जा रही है. सीएम की बनाई कमेटी का विभाग ने महत्व समाप्त कर दिया. अभय ने मांग की कि इसकी सीबीआई से जांच करवानी चाहिए या हाइकोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवानी जानी चाहिए. ऐसा समय कभी नहीं रहा जब भ्रष्टाचार करने वाले नहीं डरते हों.
उन्होंने कहा कि आज भ्रष्टाचारी केवल बयान देकर लीपापोती करके सरकार को बचाने का काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री को सख्त कदम उठाकर संदेश देना चाहिए कि वो भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं. अभय ने कहा मुख्यमंत्री आज भी भ्रष्ट लोगों को बचाने के लिए लीपापोती कर रहे हैं. दोनों के बीच तल्खी नहीं है, केवल बचने के लिए रास्ते निकाल रहे हैं. अभय ने कहा हरियाणा की शराब उत्तरप्रदेश, बिहार और राजस्थान में पकड़ी जाती है. इसका मतलब ये लोग शामिल हैं जो खुद चोरी करवाते हैं.
विज पर निशाना
अभय ने कहा अनिल विज ने पुलिस के पहरे लगा रखे थे, तो फिर किस तरह से शराब बाहर से आई. अनिल विज को सोचना चाहिए कि उनका विभाग भी निक्कमा है जितना एक्साइज विभाग है. विज केवल विजिलेंस जांच की बात कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकते. दोनों ही इसके लिए जिम्मेवार हैं इनपर कार्रवाई की जानी चाहिए.
पूर्व सीएम हुड्डा पर लगाए गंभीर आरोप
अभय ने कहा भूपेंद्र सिंह हुड्डा का खास व्यक्ति इसका सरगना है. उससे इनके सम्पर्क हैं. इसलिए वो नहीं बोल रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि शराब घोटाले के मुख्य आरोपी ने सोनीपत में लोकसभा चुनाव के दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 31 लाख रुपये दिए थे.
सीबीआई या सिटिंग जज से हो जांच
अभय चौटाला ने इस पूरे विवाद पर सीबीआई या सिटिंग जज से जांच की मांग की है. एसइटी जांच पर अभय चौटाला ने कहा कि 9 महीने नई बनी सरकार में 9 महीने में 9 घोटाले हुए हैं. लॉकडाउन में आम आदमी की मदद करने की जगह परेशान किया और अपने चहेते लोगों से घोटाले करवाये. अभय ने फिर सीबीआई से जांच की मांग की. वहीं अभय ने दुष्यंत पर आरोप लगाया कि क्लीन चिट देने वाला व्यक्ति भी इसमें लिप्त है.
गृह मंत्री ने गुरुवार को दी रिपोर्ट की जानकारी
आपको बता दें कि लॉकडाउन के दौरान हुई शराब तस्करी की जांच को लेकर गठित की गई एसईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट गृह मंत्री अनिल विज को सौंप दी है. जिसमें आबकारी एवं कराधान विभाग से जुड़े अधिकारियों के ऊपर उंगली उठाई गई है. एसईटी ने 31 जुलाई 2020 को अपनी रिपोर्ट सौंपी. एसईटी ने अपनी 6 चैप्टर और 2000 पेज की रिपोर्ट में अनेक सिफारिश दी हैं. जिसको विज ने स्वीकार कर लिया है.
इस मामले में खुद गृह मंत्री ने कहा कि टीम ने पाया कि तत्कालीन आबकारी एवं कराधान आयुक्त शेखर विद्यार्थी ने जांच में कोई समुचित सहयोग नहीं किया. इतना ही नहीं सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान ठेके बंद करने के आदेश दिए थे, जिसके लिए उन्होंने कोई लिखित आदेश जारी नहीं किए. इसके अलावा विभाग की आबकारी नीति 2011-12 के अनुसार शराब की डिस्टलरी पर सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए थे, लेकिन आज तक इनकी कोई फीडबैक प्राप्त नहीं हुई.
क्या है शराब घोटाला?
सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी. लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गईं. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. ठेकेदार भूपेंद्र ने बाद में खरखौदा थाने में सरेंडर कर दिया था.
कैसे हुई तस्करी?
सोनीपत के एसपी जशनदीप सिंह रंधावा के मुताबिक, खरखौदा में बाईपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. ये गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया.
उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम यह रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा. जबकि ऑन रिकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात थी. अब शराब तस्करी की जांच को लेकर गठित की गई एसईटी अपनी जांच रिपोर्ट गृह मंत्री अनिल विज को सौंप दी है.
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