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Haryana Assembly Elections: क्यों है इंडियन नेशनल लोकदल के नेताओं के निशाने पर जननायक जनता पार्टी? - Vote percentage of INLD and JJP in Haryana

लोकसभा चुनाव 2024 और हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश की सियासत अभी से चरम पर पहुंच चुकी है. चुनाव से पहले इंडियन नेशनल लोकदल और जननायक जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग दिन-प्रतिदिन तेज होने लगी है. आखिर इनेलो जेजेपी के नेता इनेलो नेताओं के निशाने पर क्यों हैं जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर. (Inld leaders on jjp leaders)

Inld leaders on jjp leaders
इंडियन नेशनल लोकदल के नेताओं के निशाने पर जननायक जनता पार्टी
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Published : Jun 18, 2023, 7:32 AM IST

Updated : Nov 13, 2023, 1:54 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में पिछले विधानसभा चुनाव में यानी 2019 में इंडियन नेशनल लोकदल से अलग होकर बनी पार्टी जननायक जनता पार्टी हरियाणा की सत्ता में बीजेपी के साथ भागीदार बन गई. जबकि इंडियन नेशनल लोकदल मात्र एक विधायक की पार्टी रह गई. अब चुनाव 2024 के चुनाव नजदीक आ गए हैं, ऐसे में चुनाव से पहले इंडियन नेशनल लोकदल के निशाने पर ने दलों से ज्यादा जननायक जनता पार्टी के नेता आगे हैं.

ये भी पढ़ें: इनेलो नेता अर्जुन चौटाला ने जेजेपी को कहा चमगादड़, चचेरे भाई और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर दिया ये बड़ा बयान

इनेलो नेताओं के निशाने पर जेजेपी के नेता: चुनाव 2024 को लेकर हरियाणा में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. सभी दलों के नेता एक दूसरे पर बयानों के जरिए निशाना साथ रहे हैं. लेकिन, इन सब में दिलचस्प जुबानी जंग इंडियन नेशनल लोकदल और जननायक जनता पार्टी के बीच चल रही है. इनेलो नेता अर्जुन चौटाला कह चुके चुके हैं कि दिग्विजय चौटाला गठबंधन में होकर यही बात करते हैं कि दुष्यंत चौटाला को मुख्यमंत्री बनाना है. वे जुबानी वार करते हुए कहते हैं कि इस बात को भला बीजेपी वाले कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं. ये (जेजेपी) जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं. यह तक की अर्जुन चौटाला आरोप लगाते हैं कि जेजेपी वाले कभी भी बीजेपी से गठबंधन नहीं तोडेंगे, क्योंकि फिर 10% कमीशन कहां से आएगा.

इनेलो नेता अर्जुन चौटाला ने जेजेपी को कहा चमगादड़: इतना ही नहीं इससे पहले भी अर्जुन चौटाला जननायक जनता पार्टी पर निशाना साध चुके हैं. वे जननायक जनता पार्टी की तुलना चमगादड़ से कर चुके हैं. वहीं, अभय चौटाला भी जननायक जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कह चुके हैं कि जेजेपी गठबंधन नहीं तोड़ सकती. क्योंकि इनके घोटालों की लंबी फेहरिस्त तैयार पड़ी है. जिस दिन भी जेजेपी ने गठबंधन से अलग होने की सोची, इन्हें जेल की हवा खानी पड़ेगी.

ये भी पढ़ें: Haryana Assembly Election: क्या 2024 में BJP और JJP के अलग-अलग या साथ चुनाव लड़ने से पड़ेगा कोई असर?

आखिर क्यों जननायक जनता पार्टी इनेलो के निशाने पर?: जननायक जनता पार्टी का गठन साल 2018 में 9 दिसंबर को इनेलो से अलग होगा हुआ था. इनेलो से अलग होकर पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जननायक जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. यही वजह रही कि 2019 के विधानसभा चुनाव जननायक जनता पार्टी को 10 सीटें मिली,जबकि इनेलो मात्र एक विधायक की पार्टी बन कर रह गई. यानी यह साफ है कि इंडियन नेशनल लोकदल और जननायक जनता पार्टी का जो वोट बैंक है वह एक ही है. यानी इंडियन नेशनल लोकदल से अलग होकर जो लोग जननायक जनता पार्टी के साथ हो लिए वे भी कभी इंडियन नेशनल लोकदल में थे.

Vote percentage of INLD and JJP in Haryana
हरियाणा में आईएनएलडी और जेजेपी का वोट परसेंटेज

हरियाणा में इनेलो और जेजेपी नेताओं के बीच जुबानी जंग: इनेलो नेता इस बात को जानते हैं इसलिए वे सीधे-सीधे जननायक जनता पार्टी के प्रमुख नेताओं को निशाने पर ले रहे हैं. इनेलो की कोशिश है कि उनका जो वोट बैंक जननायक जनता पार्टी के साथ चला गया है उसको वापस किसी भी हालत में लाया जाए. लेकिन, वह तभी संभव है जब वे जननायक जनता पार्टी के खिलाफ प्रदेश में माहौल बनाने में कामयाब होंगे. इसलिए इनेलो के नेताओं के निशाने पर जननायक जनता पार्टी के नेता हैं.

क्या कहते हैं राजनीतिक मामलों के जानकार?: राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि, इंडियन नेशनल लोकदल से अलग होकर जननायक जनता पार्टी बनी और चुनाव 2019 में वह कामयाब भी रही. वे कहते हैं कि अब चुनाव 2024 आने वाले हैं, ऐसे में इनेलो की कोशिश है कि जो वोट बैंक जननायक जनता पार्टी के साथ चला गया है उसे वापस लाया जाए. वे कहते हैं कि पिछले यानी 2019 के चुनाव के वोटों के आंकड़े भी यह दिखाते हैं कि कैसे इनेलो का पूरा का पूरा वोट बैंक जननायक जनता पार्टी की ओर शिफ्ट हुआ था. जिसकी वजह से जेजेपी 10 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी.

ये भी पढ़ें: इनेलो में दुष्यंत के लिए कोई जगह नहीं, उनकी सभाओं का होता है विरोध- ओपी चौटाला

क्या कहते हैं 2014 और 2019 के चुनावी आंकड़े?: इनेलो के वोट बैंक का जननायक जनता पार्टी की तरफ शिफ्ट होना आंकड़ों के जरिए आसानी से समझा जा सकता है. 2014 के विधानसभा चुनाव में इनेलो को 24.73% वोट मिले थे. इसी वोट बैंक के सहारे इनेलो ने इस चुनाव में 19 सीटें जीती थी. लेकिन, 2019 के विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा ऐसा पलटा कि इनेलो एक विधायक की पार्टी रह गई. 2019 में इनेलो को मात्र 2.45 फ़ीसदी वोट मिले. वहीं, 2019 के चुनाव में पहली बार मैदान में उतरी जेजेपी का प्रदर्शन शानदार रहा. इस चुनाव में जेजेपी को 27.34 फीसदी वोट मिले.

खोया हुआ वोट बैंक वापस पाने की कोशिश में इनेलो!: यह आंकड़े साफ तौर पर बताते हैं कि इनेलो का वोट बैंक शिफ्ट होकर सीधा जेजेपी को मिल गया था. इंडियन नेशनल लोकदल के नेता भी अब आप जानते हैं, इसलिए अगर भी जननायक जनता पार्टी के नेताओं को निशाने पर नहीं लेंगे तो फिर उसे वह खोया हुआ वोट बैंक वापस मिल पाना आसान नहीं होगा. इसलिए इनेलो के नेता उस वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं.

चंडीगढ़: हरियाणा में पिछले विधानसभा चुनाव में यानी 2019 में इंडियन नेशनल लोकदल से अलग होकर बनी पार्टी जननायक जनता पार्टी हरियाणा की सत्ता में बीजेपी के साथ भागीदार बन गई. जबकि इंडियन नेशनल लोकदल मात्र एक विधायक की पार्टी रह गई. अब चुनाव 2024 के चुनाव नजदीक आ गए हैं, ऐसे में चुनाव से पहले इंडियन नेशनल लोकदल के निशाने पर ने दलों से ज्यादा जननायक जनता पार्टी के नेता आगे हैं.

ये भी पढ़ें: इनेलो नेता अर्जुन चौटाला ने जेजेपी को कहा चमगादड़, चचेरे भाई और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर दिया ये बड़ा बयान

इनेलो नेताओं के निशाने पर जेजेपी के नेता: चुनाव 2024 को लेकर हरियाणा में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. सभी दलों के नेता एक दूसरे पर बयानों के जरिए निशाना साथ रहे हैं. लेकिन, इन सब में दिलचस्प जुबानी जंग इंडियन नेशनल लोकदल और जननायक जनता पार्टी के बीच चल रही है. इनेलो नेता अर्जुन चौटाला कह चुके चुके हैं कि दिग्विजय चौटाला गठबंधन में होकर यही बात करते हैं कि दुष्यंत चौटाला को मुख्यमंत्री बनाना है. वे जुबानी वार करते हुए कहते हैं कि इस बात को भला बीजेपी वाले कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं. ये (जेजेपी) जिस थाली में खाते हैं, उसी में छेद करते हैं. यह तक की अर्जुन चौटाला आरोप लगाते हैं कि जेजेपी वाले कभी भी बीजेपी से गठबंधन नहीं तोडेंगे, क्योंकि फिर 10% कमीशन कहां से आएगा.

इनेलो नेता अर्जुन चौटाला ने जेजेपी को कहा चमगादड़: इतना ही नहीं इससे पहले भी अर्जुन चौटाला जननायक जनता पार्टी पर निशाना साध चुके हैं. वे जननायक जनता पार्टी की तुलना चमगादड़ से कर चुके हैं. वहीं, अभय चौटाला भी जननायक जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कह चुके हैं कि जेजेपी गठबंधन नहीं तोड़ सकती. क्योंकि इनके घोटालों की लंबी फेहरिस्त तैयार पड़ी है. जिस दिन भी जेजेपी ने गठबंधन से अलग होने की सोची, इन्हें जेल की हवा खानी पड़ेगी.

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आखिर क्यों जननायक जनता पार्टी इनेलो के निशाने पर?: जननायक जनता पार्टी का गठन साल 2018 में 9 दिसंबर को इनेलो से अलग होगा हुआ था. इनेलो से अलग होकर पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जननायक जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. यही वजह रही कि 2019 के विधानसभा चुनाव जननायक जनता पार्टी को 10 सीटें मिली,जबकि इनेलो मात्र एक विधायक की पार्टी बन कर रह गई. यानी यह साफ है कि इंडियन नेशनल लोकदल और जननायक जनता पार्टी का जो वोट बैंक है वह एक ही है. यानी इंडियन नेशनल लोकदल से अलग होकर जो लोग जननायक जनता पार्टी के साथ हो लिए वे भी कभी इंडियन नेशनल लोकदल में थे.

Vote percentage of INLD and JJP in Haryana
हरियाणा में आईएनएलडी और जेजेपी का वोट परसेंटेज

हरियाणा में इनेलो और जेजेपी नेताओं के बीच जुबानी जंग: इनेलो नेता इस बात को जानते हैं इसलिए वे सीधे-सीधे जननायक जनता पार्टी के प्रमुख नेताओं को निशाने पर ले रहे हैं. इनेलो की कोशिश है कि उनका जो वोट बैंक जननायक जनता पार्टी के साथ चला गया है उसको वापस किसी भी हालत में लाया जाए. लेकिन, वह तभी संभव है जब वे जननायक जनता पार्टी के खिलाफ प्रदेश में माहौल बनाने में कामयाब होंगे. इसलिए इनेलो के नेताओं के निशाने पर जननायक जनता पार्टी के नेता हैं.

क्या कहते हैं राजनीतिक मामलों के जानकार?: राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि, इंडियन नेशनल लोकदल से अलग होकर जननायक जनता पार्टी बनी और चुनाव 2019 में वह कामयाब भी रही. वे कहते हैं कि अब चुनाव 2024 आने वाले हैं, ऐसे में इनेलो की कोशिश है कि जो वोट बैंक जननायक जनता पार्टी के साथ चला गया है उसे वापस लाया जाए. वे कहते हैं कि पिछले यानी 2019 के चुनाव के वोटों के आंकड़े भी यह दिखाते हैं कि कैसे इनेलो का पूरा का पूरा वोट बैंक जननायक जनता पार्टी की ओर शिफ्ट हुआ था. जिसकी वजह से जेजेपी 10 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी.

ये भी पढ़ें: इनेलो में दुष्यंत के लिए कोई जगह नहीं, उनकी सभाओं का होता है विरोध- ओपी चौटाला

क्या कहते हैं 2014 और 2019 के चुनावी आंकड़े?: इनेलो के वोट बैंक का जननायक जनता पार्टी की तरफ शिफ्ट होना आंकड़ों के जरिए आसानी से समझा जा सकता है. 2014 के विधानसभा चुनाव में इनेलो को 24.73% वोट मिले थे. इसी वोट बैंक के सहारे इनेलो ने इस चुनाव में 19 सीटें जीती थी. लेकिन, 2019 के विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा ऐसा पलटा कि इनेलो एक विधायक की पार्टी रह गई. 2019 में इनेलो को मात्र 2.45 फ़ीसदी वोट मिले. वहीं, 2019 के चुनाव में पहली बार मैदान में उतरी जेजेपी का प्रदर्शन शानदार रहा. इस चुनाव में जेजेपी को 27.34 फीसदी वोट मिले.

खोया हुआ वोट बैंक वापस पाने की कोशिश में इनेलो!: यह आंकड़े साफ तौर पर बताते हैं कि इनेलो का वोट बैंक शिफ्ट होकर सीधा जेजेपी को मिल गया था. इंडियन नेशनल लोकदल के नेता भी अब आप जानते हैं, इसलिए अगर भी जननायक जनता पार्टी के नेताओं को निशाने पर नहीं लेंगे तो फिर उसे वह खोया हुआ वोट बैंक वापस मिल पाना आसान नहीं होगा. इसलिए इनेलो के नेता उस वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं.

Last Updated : Nov 13, 2023, 1:54 PM IST
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