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Inflation in Haryana: महंगाई में नंबर वन बना हरियाणा, सभी राज्यों से महंगा हुआ रहन-सहन, राष्ट्रीय औसत से ज्यादा पहुंची मुद्रास्फीति

बेरोजगारी के बाद अब महंगाई को लेकर हरियाणा सरकार मुश्किल में पड़ गई है. भारत सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा महंगाई (Inflation in Haryana) में देश में पहले नंबर पर है. हैरानी की बात ये है कि हरियाणा में मुद्रास्फीति की दर आरबीआई के तय स्तर से भी ज्यादा पहुंच गई है.

inflation rate in haryana
Bhupinder Singh Hooda on inflation
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Published : Jun 15, 2023, 5:59 PM IST

Updated : Jun 15, 2023, 7:54 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में महंगाई आसमान छू रही है, ये आरोप अभी तक विपक्ष लगाता था लेकिन अब ये बात भारत सरकार की एक रिपोर्ट से पुख्ता हो गई है. हरियाणा महंगाई में देश के सभी राज्यों में पहले नंबर पर है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में मुद्रास्फीति (Inflation Rate in Haryana) की दर मई महीने में सबसे ज्यादा 6.04 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई, जो कि देश में सबसे ज्यादा है. हरियाणा के पड़ोसी राज्य पंजाब और हिमाचल भी हरियाणा से बेहतर स्थिति में है.

ये भी पढ़ें- Retail inflation rises: खुदरा महंगाई दर तीन महीने के उच्चतम स्तर 6.52 प्रतिशत पर

इस साल मई के महीने में हरियाणा में महंगाई दर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा तय उच्च महंगाई दर के स्तर को भी पार कर गई है. महंगाई दर बढ़ने का सीधा मतलब है कि हरियाणा में रहने की लागत बढ़ गई है. देशभर में इस समय मुद्रास्फीति लगभग 25 महीने के निचले स्तर 3.48 पर आ गई है लेकिन हरियाणा ने मुद्रास्फीति की दर में हैरतअंगेज उछाल दर्ज किया है, जो राष्ट्रीय औसत को भी पार कर गया है. हरियाणा की तुलना में पड़ोसी राज्य पंजाब और हिमाचल प्रदेश बेहतर स्थिति में हैं. हरियाणा में लोगों की मूलभूत जरूरतों की चीजें जैसे- सब्जी, दूध, फल और खाद्य पदार्थों की कीमत बढ़ने से उनका घरेलू बजट भी बढ़ गया, जिससे जीवन यापन बहुत महंगा हो गया.

inflation rate in haryana
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने सीएम मनोहर लाल पर महंगाई को लेकर हमला बोला है.

भारत सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी किये गये आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा के ग्रामीण और शहरी इलाके में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) और उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) के हिसाब से 6.04% की मुद्रास्फीति दर पाई गई है, जो कि आरबीआई द्वारा निर्धारित 6 प्रतिशत से भी ज्यादा है. हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति की दर 7.12% है. दरअसल मुद्रास्फीति दर एक निश्चित अवधि में रोजमर्रा की चीजों के दामों में होने वाली वृद्धि को दर्शाती है. बढ़ती मुद्रास्फीति उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति को कम करती है और जीवन यापन की लागत को बढ़ाती है. यानि महंगाई दर बढ़ने से आम आदमी का घर चलाना मुश्किल हो जाता है.

ये भी पढ़ें- बेरोजगारी में हरियाणा नंबर वन, CMIE ने जारी की मार्च 2023 की रिपोर्ट

महंगाई दर की ये रिपोर्ट आने के बाद हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार पर विरोधी दलों ने हमला बोल दिया है. चुनाव से पहले महंगाई की ये रिपोर्ट सरकार के लिए मुश्किल बन सकती है. हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Hooda on Inflation) ने हरियाणा में ताजा महंगाई दर का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. भूपेंद्र हुड्डा ने खट्टर सरकार को ट्वीट करते हुए कहा है कि- बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अपराध के साथ हरियाणा एक बार फिर महंगाई में टॉप पर पहुंच गया है.

भूपेंद्र हुड्डा ने आगे लिखा है कि हरियाणा में महंगाई इस कदर विकराल हो गई है कि उसने तमाम राज्यों के साथ ही RBI द्वारा तय महंगाई के उच्चतम स्तर को भी पार कर लिया है. आज प्रदेश में महंगाई दर 6.04% है, जो ग्रामीण क्षेत्र में 7.12% आंकी गई है. NSO रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश में दूध, सब्जी, फल से लेकर रोजमर्रा की चीजों के रेट पूरे देश में सबसे ज्यादा हैं. गरीब और मध्यम वर्ग के लिए रसोई का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है. प्रदेश की जनता महंगाई की चक्की में पिस रही है.

inflation rate in haryana
इनेलो नेता अभय चौटाला ने भी सरकार पर निशाना साधा है.

उधर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के विधायक अभय चौटाला ने भी प्रदेश की सरकार पर महंगाई को लेकर हमला किया है. अभय चौटाला ने कहा है कि बेरोजगारी, अपराध के बाद महंगाई में भी हरियाणा नंबर वन, दिन प्रतिदिन बढ़ती महंगाई और ऊपर से बेरोजगारी की मार ने प्रदेशवासियों की कमर तोड़कर रख दी है, प्रदेश में महंगाई दर 6.04 प्रतिशत है जो कि देश की दर 4.25 प्रतिशत से कहीं ज्यादा है. ग्रामीण क्षेत्रों के हालात तो और भी (7.12 प्रतिशत) बद्दतर हैं. जबकि शहरों में 4.69 प्रतिशत है, ग्रामीण क्षेत्रों के साथ खट्टर सरकार का भेदभाव अन्याय की पराकाष्ठा है.

महंगाई के अलावा हरियाणा बेरोजगारी में भी देश के बाकी राज्यों की तुलना में पहले नंबर पर रहता है. इसी साल अप्रैल महीने में जारी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनमी यानी CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा पाई गई है. सीएमआईई की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में बेरोजगारी दर 26.8 फीसदी दर्ज की गई. हरियाणा के बाद 26.4 फीसदी के साथ राजस्थान दूसरे नंबर पर रहा है. भारत में बेरोजगारी दर इस साल मार्च महीने में तीन महीने के उच्चतम स्तर 7.8 प्रतिशत पहुंच गई थी.

ये भी पढ़ें- WPI Inflation : तीन साल के निचले स्तर पर पहुंची थोक महंगाई, जानें आम जन-जीवन पर इसका असर

चंडीगढ़: हरियाणा में महंगाई आसमान छू रही है, ये आरोप अभी तक विपक्ष लगाता था लेकिन अब ये बात भारत सरकार की एक रिपोर्ट से पुख्ता हो गई है. हरियाणा महंगाई में देश के सभी राज्यों में पहले नंबर पर है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में मुद्रास्फीति (Inflation Rate in Haryana) की दर मई महीने में सबसे ज्यादा 6.04 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई, जो कि देश में सबसे ज्यादा है. हरियाणा के पड़ोसी राज्य पंजाब और हिमाचल भी हरियाणा से बेहतर स्थिति में है.

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इस साल मई के महीने में हरियाणा में महंगाई दर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा तय उच्च महंगाई दर के स्तर को भी पार कर गई है. महंगाई दर बढ़ने का सीधा मतलब है कि हरियाणा में रहने की लागत बढ़ गई है. देशभर में इस समय मुद्रास्फीति लगभग 25 महीने के निचले स्तर 3.48 पर आ गई है लेकिन हरियाणा ने मुद्रास्फीति की दर में हैरतअंगेज उछाल दर्ज किया है, जो राष्ट्रीय औसत को भी पार कर गया है. हरियाणा की तुलना में पड़ोसी राज्य पंजाब और हिमाचल प्रदेश बेहतर स्थिति में हैं. हरियाणा में लोगों की मूलभूत जरूरतों की चीजें जैसे- सब्जी, दूध, फल और खाद्य पदार्थों की कीमत बढ़ने से उनका घरेलू बजट भी बढ़ गया, जिससे जीवन यापन बहुत महंगा हो गया.

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नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने सीएम मनोहर लाल पर महंगाई को लेकर हमला बोला है.

भारत सरकार के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी किये गये आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा के ग्रामीण और शहरी इलाके में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) और उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) के हिसाब से 6.04% की मुद्रास्फीति दर पाई गई है, जो कि आरबीआई द्वारा निर्धारित 6 प्रतिशत से भी ज्यादा है. हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति की दर 7.12% है. दरअसल मुद्रास्फीति दर एक निश्चित अवधि में रोजमर्रा की चीजों के दामों में होने वाली वृद्धि को दर्शाती है. बढ़ती मुद्रास्फीति उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति को कम करती है और जीवन यापन की लागत को बढ़ाती है. यानि महंगाई दर बढ़ने से आम आदमी का घर चलाना मुश्किल हो जाता है.

ये भी पढ़ें- बेरोजगारी में हरियाणा नंबर वन, CMIE ने जारी की मार्च 2023 की रिपोर्ट

महंगाई दर की ये रिपोर्ट आने के बाद हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार पर विरोधी दलों ने हमला बोल दिया है. चुनाव से पहले महंगाई की ये रिपोर्ट सरकार के लिए मुश्किल बन सकती है. हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Hooda on Inflation) ने हरियाणा में ताजा महंगाई दर का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. भूपेंद्र हुड्डा ने खट्टर सरकार को ट्वीट करते हुए कहा है कि- बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अपराध के साथ हरियाणा एक बार फिर महंगाई में टॉप पर पहुंच गया है.

भूपेंद्र हुड्डा ने आगे लिखा है कि हरियाणा में महंगाई इस कदर विकराल हो गई है कि उसने तमाम राज्यों के साथ ही RBI द्वारा तय महंगाई के उच्चतम स्तर को भी पार कर लिया है. आज प्रदेश में महंगाई दर 6.04% है, जो ग्रामीण क्षेत्र में 7.12% आंकी गई है. NSO रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश में दूध, सब्जी, फल से लेकर रोजमर्रा की चीजों के रेट पूरे देश में सबसे ज्यादा हैं. गरीब और मध्यम वर्ग के लिए रसोई का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है. प्रदेश की जनता महंगाई की चक्की में पिस रही है.

inflation rate in haryana
इनेलो नेता अभय चौटाला ने भी सरकार पर निशाना साधा है.

उधर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के विधायक अभय चौटाला ने भी प्रदेश की सरकार पर महंगाई को लेकर हमला किया है. अभय चौटाला ने कहा है कि बेरोजगारी, अपराध के बाद महंगाई में भी हरियाणा नंबर वन, दिन प्रतिदिन बढ़ती महंगाई और ऊपर से बेरोजगारी की मार ने प्रदेशवासियों की कमर तोड़कर रख दी है, प्रदेश में महंगाई दर 6.04 प्रतिशत है जो कि देश की दर 4.25 प्रतिशत से कहीं ज्यादा है. ग्रामीण क्षेत्रों के हालात तो और भी (7.12 प्रतिशत) बद्दतर हैं. जबकि शहरों में 4.69 प्रतिशत है, ग्रामीण क्षेत्रों के साथ खट्टर सरकार का भेदभाव अन्याय की पराकाष्ठा है.

महंगाई के अलावा हरियाणा बेरोजगारी में भी देश के बाकी राज्यों की तुलना में पहले नंबर पर रहता है. इसी साल अप्रैल महीने में जारी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनमी यानी CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा पाई गई है. सीएमआईई की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में बेरोजगारी दर 26.8 फीसदी दर्ज की गई. हरियाणा के बाद 26.4 फीसदी के साथ राजस्थान दूसरे नंबर पर रहा है. भारत में बेरोजगारी दर इस साल मार्च महीने में तीन महीने के उच्चतम स्तर 7.8 प्रतिशत पहुंच गई थी.

ये भी पढ़ें- WPI Inflation : तीन साल के निचले स्तर पर पहुंची थोक महंगाई, जानें आम जन-जीवन पर इसका असर

Last Updated : Jun 15, 2023, 7:54 PM IST
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