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आम बजट से ये है चंडीगढ़ के उद्योगपतियों की उम्मीदें, सुनिए खुद उनकी जुबानी

5 जुलाई को केंद्र सरकार बजट पेश करने जा रही है. पूरे देश के साथ-साथ हरियाणा के लोग भी बजट से कई उम्मीदें लगाए बैठे हैं.

आम बजट से ये है चंडीगढ़ के उद्योगपतियों की उम्मीदें, सुनिए खुद उनकी जुबानी
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Published : Jul 3, 2019, 10:13 PM IST

चंडीगढ़: मोदी सरकार दूसरी बार सरकार बनाने के बाद 5 जुलाई को बजट पेश करने जा रही है. इस बार के बजट से जनता को काफी उम्मीदें हैं. अगर बात हरियाणा के उद्योगपतियों की करें तो वो भी सरकार से कई उम्मीदें लगाए बैठे हैं.

आम बजट से उद्योगपतियों की उम्मीदें

छोटे उद्योगों पर ध्यान दे सरकार
अगर बात चंडीगढ़ के उद्योगपतियों की करें तो उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि इस बार के बजट में छोटे उद्योगों पर ध्यान दिया जाए. दरअसल देश में छोटे उद्योग सबसे ज्यादा है और छोटे उद्योगों से ही सबसे ज्यादा लोग जुड़े है. ऐसे में बजट मे छोटे उद्योगों के लिए कुछ खास जरूर होना चाहिए.

'कॉरपोरेट टैक्स में हो कटौती'
उद्योगपतियों ने ये भी कहा कि वो चाहते हैं कि बड़े उद्योगों के लिए भी सरकार कॉरपोरेट टैक्स में कटौती करे. इस वक्त मध्यम स्तर के उद्योगों पर 25% कॉरपोरेट टैक्स लगता है, इसलिए बड़े स्तर के उद्योगों पर भी टैक्स में कटौती होनी चाहिए.

चंडीगढ़: मोदी सरकार दूसरी बार सरकार बनाने के बाद 5 जुलाई को बजट पेश करने जा रही है. इस बार के बजट से जनता को काफी उम्मीदें हैं. अगर बात हरियाणा के उद्योगपतियों की करें तो वो भी सरकार से कई उम्मीदें लगाए बैठे हैं.

आम बजट से उद्योगपतियों की उम्मीदें

छोटे उद्योगों पर ध्यान दे सरकार
अगर बात चंडीगढ़ के उद्योगपतियों की करें तो उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि इस बार के बजट में छोटे उद्योगों पर ध्यान दिया जाए. दरअसल देश में छोटे उद्योग सबसे ज्यादा है और छोटे उद्योगों से ही सबसे ज्यादा लोग जुड़े है. ऐसे में बजट मे छोटे उद्योगों के लिए कुछ खास जरूर होना चाहिए.

'कॉरपोरेट टैक्स में हो कटौती'
उद्योगपतियों ने ये भी कहा कि वो चाहते हैं कि बड़े उद्योगों के लिए भी सरकार कॉरपोरेट टैक्स में कटौती करे. इस वक्त मध्यम स्तर के उद्योगों पर 25% कॉरपोरेट टैक्स लगता है, इसलिए बड़े स्तर के उद्योगों पर भी टैक्स में कटौती होनी चाहिए.

Intro:चंडीगढ़ के जाने-माने उद्योगपति गुरसेवक सिंह और गुरजीत सिंह बीर ने बजट को लेकर ईटीवी भारत से बात की । उन्होंने कहा कि उद्योग जगत को बजट से काफी उम्मीदें हैं क्योंकि देश के उद्योगपतियों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को फ्री बजट मेमोरेंडम सौंपा है जिसमें उनसे बजट को लेकर कई मांगे की गई है ।


Body:गुरसेवक सिंह ने कहा की प्री बजट मेमोरेंडम में मुख्यतः कारपोरेट टैक्स की बात की गई है ।उद्योगपति चाहते हैं कि बड़े उद्योगों के लिए भी सरकार कारपोरेट टैक्स में कटौती करें। क्योंकि इस समय मध्यम स्तर के उद्योगों पर 25% कारपोरेट टैक्स लगता है। इसलिए बड़े स्तर के उद्योगों पर भी कर पर टैक्स में कटौती की जाए । साथ में उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार इस साल इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान देगी और इस बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 5 लाख करोड़ का बजट पास करेगी ।साथ ही उन्होंने कहा कि देश में रोजगार का संकट भी काफी है। देश का युवा रोजगार की तलाश में विदेशों में जा रहा है । जिसे रोकना बेहद जरूरी है । इसलिए सरकार रोजगार की तरफ भी गंभीरता से काम करें ।
गुरसेवक सिंह ने कहा कि सरकार अभी तक लोगों से टैक्स वसूलने में भी पूरी तरह सफल नहीं हो पाई है ।क्योंकि देश में इस समय 6.5 करोड़ करदाता है। लेकिन फिर भी इतना टैक्स जमा नहीं हो पा रहा है ।जितनी कि करदाताओं की संख्या है ।इसलिए सभी करदाताओं से टैक्स वसूल करना भी सरकार की जिम्मेदारी है।
वहीं गुरजीत सिंह बीर ने कहा की सरकार इंडस्ट्री पर काफी ध्यान दे रही है। इस समय सबसे ज्यादा जरूरत मध्यम और छोटे उद्योगों की सहायता करने की है । क्योंकि सरकार की कई योजनाओं के बावजूद छोटे और मध्यम स्तर के उद्योग सफल नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा अगर बड़े उद्योगों पर कोई संकट आता है इससे ऊपर जाते हैं। लेकिन अगर छोटे उद्योग पर भी आर्थिक संकट आता है तो वह इससे उबर नहीं पाते। ऐसे में उन्हें संभालने की जरूरत है ।साथ में मैंने कहा की बजट को उद्योगों से ज्यादा कृषि पर आधारित होना चाहिए तभी हर वर्ग का विकास हो पाएगा।

बाइट 1- गुरसेवक सिंह, उद्योगपति
बाइट2 - गुरजीत सिंह बीर, उद्योगपति


Conclusion:
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