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CM के साथ 4 निर्दलीय विधायकों की बैठक, रंजीत चौटाला बोले- सिर्फ रुटीन लंच

सोमवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 4 निर्दलीय विधायकों के साथ लंच किया. ये लंच बिजली मंत्री और निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला के घर पर आयोजित किया गया था. इसके बाद ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने बिजली मंत्री से खास बातचीत की.

independent mla meeting with manohar lal khattar
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Published : Jan 11, 2021, 6:17 PM IST

चंडीगढ़: कृषि कानूनों को लेकर लगातार बवाल देखने को मिल रहा है. वहीं करनाल में मुख्यमंत्री की तरफ से आयोजित महापंचायत के दौरान हुए बवाल के बाद आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है. इस बीच हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला के आवास पर लंच रखा गया. जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहुंचे और तीन अन्य निर्दलीय विधायक भी इस दौरान मौजूद थे.

रंजीत चौटाला के साथ खास बातचीत, देखें वीडियो

बिजली मंत्री रंजीत चौटाला ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. रंजीत चौटाला ने इसे रूटीन लंच बताया. रंजीत चौटाला ने कहा कि आज कमेटियों की बैठक हुई. जिसके बाद उन्होंने सीएम और विधायकों को लंच पर बुलाया था. इससे पहले रणधीर गोलन के घर लंच हुआ था. हालांकि रंजीत चौटाला से जब सभी विधायकों को ना बुलाने का सवाल पूछा गया तो रंजीत चौटाला ने कहा कि चार पांच निर्दलीय विधायक हैं जिनके साथ दुआ सलाम अच्छा है. रणजीत चौटाला ने कहा ग्रुप तो बन ही जाता है.

करनाल की घटना को कैसे देखते हैं?

रणजीत चौटाला ने कहा कि सभी को अपनी मर्यादा में रहना चाहिए. रणजीत चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश का मुखिया होता है जिसे इसी प्रदेश की जनता ने चुना है. रणजीत चौटाला ने कहा जब अमेरिका का राष्ट्रपति भी मर्यादाओं से बाहर गया तो उसकी पूरी दुनिया ने निंदा की.

रणजीत चौटाला ने कहा कि किसानों को अपनी बात कहने का अधिकार है. मगर मुख्यमंत्री को भी अपनी बात कहने का अधिकार है. रणजीत चौटाला ने कहा अगर अच्छा नहीं लगता तो नहीं जाना चाहिए था. जब कोई सभा बुलाई जाती है तो अपने समर्थकों को बुलाया जाता है, उन्हें नहीं जाना चाहिए था. चौटाला ने कहा कि कई बार विपक्षी भी सभा को सुनने के लिए आते हैं मगर इस तरह का तांडव कभी नहीं होता.

अभय चौटाला ने विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर कहा कि अगर कृषि कानून वापस नहीं हुए तो वो इसे इस्तीफा समझें. इस पर भी रणजीत चौटाला ने प्रतिक्रिया दी. रणजीत चौटाला ने कहा कि किसानों के मुद्दे का हल 26 जनवरी से पहले ही निकल जाएगा. उन्हें उम्मीद है कि 15 जनवरी तक ही समस्या का समाधान निकल जाएगा.

किसानों की मांगों पर आपका क्या स्टैंड है?

बिजली मंत्री ने कहा कि मैं भी किसान हूं और किसानों की बहुत सी बातों के समर्थन में हूं. पराली और एमएसपी समेत कई मांगों के हक में किसान हैं. प्रधानमंत्री भी इसके हक में हैं. रंजीत चौटाला ने कहा कि आज तक इतनी बड़ी कमेटी बनाकर कभी किसानों को इस तरह से सुना नहीं गया.

रणजीत चौटाला ने बताया कि उन्होंने खुद गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. करीब आधा घंटा अमित शाह से किसानों के मुद्दे को लेकर बातचीत की. वो भी चाहते हैं कि इसका हल जल्द से जल्द निकले.

ये भी पढे़ं- किसान संकट के बीच सीएम की निर्दलीय विधायकों के साथ लंच डिप्लोमेसी, सरकार बचाने की कवायद?

चंडीगढ़: कृषि कानूनों को लेकर लगातार बवाल देखने को मिल रहा है. वहीं करनाल में मुख्यमंत्री की तरफ से आयोजित महापंचायत के दौरान हुए बवाल के बाद आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है. इस बीच हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला के आवास पर लंच रखा गया. जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहुंचे और तीन अन्य निर्दलीय विधायक भी इस दौरान मौजूद थे.

रंजीत चौटाला के साथ खास बातचीत, देखें वीडियो

बिजली मंत्री रंजीत चौटाला ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. रंजीत चौटाला ने इसे रूटीन लंच बताया. रंजीत चौटाला ने कहा कि आज कमेटियों की बैठक हुई. जिसके बाद उन्होंने सीएम और विधायकों को लंच पर बुलाया था. इससे पहले रणधीर गोलन के घर लंच हुआ था. हालांकि रंजीत चौटाला से जब सभी विधायकों को ना बुलाने का सवाल पूछा गया तो रंजीत चौटाला ने कहा कि चार पांच निर्दलीय विधायक हैं जिनके साथ दुआ सलाम अच्छा है. रणजीत चौटाला ने कहा ग्रुप तो बन ही जाता है.

करनाल की घटना को कैसे देखते हैं?

रणजीत चौटाला ने कहा कि सभी को अपनी मर्यादा में रहना चाहिए. रणजीत चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश का मुखिया होता है जिसे इसी प्रदेश की जनता ने चुना है. रणजीत चौटाला ने कहा जब अमेरिका का राष्ट्रपति भी मर्यादाओं से बाहर गया तो उसकी पूरी दुनिया ने निंदा की.

रणजीत चौटाला ने कहा कि किसानों को अपनी बात कहने का अधिकार है. मगर मुख्यमंत्री को भी अपनी बात कहने का अधिकार है. रणजीत चौटाला ने कहा अगर अच्छा नहीं लगता तो नहीं जाना चाहिए था. जब कोई सभा बुलाई जाती है तो अपने समर्थकों को बुलाया जाता है, उन्हें नहीं जाना चाहिए था. चौटाला ने कहा कि कई बार विपक्षी भी सभा को सुनने के लिए आते हैं मगर इस तरह का तांडव कभी नहीं होता.

अभय चौटाला ने विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर कहा कि अगर कृषि कानून वापस नहीं हुए तो वो इसे इस्तीफा समझें. इस पर भी रणजीत चौटाला ने प्रतिक्रिया दी. रणजीत चौटाला ने कहा कि किसानों के मुद्दे का हल 26 जनवरी से पहले ही निकल जाएगा. उन्हें उम्मीद है कि 15 जनवरी तक ही समस्या का समाधान निकल जाएगा.

किसानों की मांगों पर आपका क्या स्टैंड है?

बिजली मंत्री ने कहा कि मैं भी किसान हूं और किसानों की बहुत सी बातों के समर्थन में हूं. पराली और एमएसपी समेत कई मांगों के हक में किसान हैं. प्रधानमंत्री भी इसके हक में हैं. रंजीत चौटाला ने कहा कि आज तक इतनी बड़ी कमेटी बनाकर कभी किसानों को इस तरह से सुना नहीं गया.

रणजीत चौटाला ने बताया कि उन्होंने खुद गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. करीब आधा घंटा अमित शाह से किसानों के मुद्दे को लेकर बातचीत की. वो भी चाहते हैं कि इसका हल जल्द से जल्द निकले.

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