चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. पांच मार्च से शुरू हुआ बजट सत्र 18 मार्च तक चला. वहीं 12 मार्च को सीएम मनोहर लाल ने बजट पेश किया था. बजट सत्र के दौरान विधानसभा में जनता से जुड़े कुछ अहम अहम फैसले लिए गए.
1,55,645 करोड़ रुपये का बजट पेश
12 मार्च को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बतौर वित्त मंत्री बजट पेश किया जो पिछले बजट के मुकाबले 13 फीसदी की बढोतरी के साथ लाया गया. इस बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 7,731 करोड़, राजस्व विभाग के लिए 1,302 और आबकारी कराधान विभाग के लिए 285 करोड़ देने का प्रस्ताव पेश किया गया.
बजट में लिए गए ये बड़े फैसले
- सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन में 250 रुपये की वृद्धि की. अब यह पेंशन 2,500 रुपये कर दी गई है. यह वृद्धि एक अप्रैल से लागू होगी.
- पिंजौर व गुरुग्राम फिल्म सिटी के तौर पर विकसित किए जाएंगे.
- कृषि कल्याण के लिए 2,998 करोड़ रुपयों का बजट. आम, अमरूद और सिट्रस फलों के बागों पर सब्सिडी की सीमा 16 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रति एकड़ की गई है.
विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिरा
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया था जो गिर गया. सरकार के पक्ष में 55 विधायकों ने वोट किया जबकि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 32 विधायकों ने वोट किया, लेकिन विपक्ष ने इसे अपनी जीत बताते हुए कहा कि किसानों के साथ जो लोग हैं अब जनता के सामने हैं.
1057 मिडिल और प्राइमरी स्कूल बंद करने का फैसला
सरकार ने सदन में जानकारी दी कि वो प्रदेश में ऐसे स्कूलों को बंद करने जा रही है जिनमें 25 से कम छात्र हैं. बाकी 1057 में से 314 स्कूल ऐसे हैं जिनके बच्चों को दूसरों स्कूलों में समायोजित किया जाएगा क्योंकि इन स्कूलों में भी बच्चों की संख्या काफी कम है.
हरियाणा में अब जेबीटी की जरुरत नहीं
हरियाणा सरकार ने बजट सत्र के आखिरी दिन बड़ा फैसला लिया. सीएम ने सदन में कहा कि प्रदेश में जेबीटी की जरूरत नहीं है, वहीं उन्होंने H-TET की वैधता को भी सात साल कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जॉब ओरिएंट जो ट्रेनिंग होती है उसका एक प्लान होता है
संपत्ति क्षति वसूली विधेयक-2021 पास
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन गुरुवार को संपत्ति क्षति वसूली विधेयक-2021 पास किया गया. इस दौरान कांग्रेस ने सदन में जोरदार हंगामा भी किया. यहां तक की कांग्रेस के विधायकों ने स्पीकर की वेल में आकर भी हंगामा किया. इस विधेयक के अनुसार प्रदेश में विरोध-प्रदर्शनों के दौरान सरकारी व निजी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने वालों से ही भरपाई की जाएगी. इसके अनुसार, यदि कोई व्यक्ति सरकारी व निजी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाता है तो हर्जाना उसी से वसूला जाएगा. हर्जाना ना देने पर जेल के साथ जुर्माना भी हो सकता है.
बजट सत्र के लिए भेजा गया एकमात्र निजी विधेयक नामंजूर
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ‘हरियाणा कृषि उत्पाद बाजार (हरियाणा संशोधन) विधेयक-2021' नाम से विधेयक भेजा था जिसे गैरजरूरी बताते हुए नामंजूर कर दिया. इस बिल में एमएसपी से नीचे खरीद करने वालों को तीन साल तक की सजा का प्रावधान था.
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