चंडीगढ़: देश का बजट पेश होने के बाद अब हरियाणा का बजट पेश (haryana budget 2022) होने का समय आ गया है. इस महीने के आखिर में या मार्च की शुरूआत में बजट आने की उम्मीद है. इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal Khattar) ने कहा कि हमारा प्रयास ऐसा लोकतांत्रिक बजट बनाना है जिससे प्रदेश में सबकी भागीदारी से सर्वांगीण विकास हो. इसी के चलते सभी मंत्रियों व सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों से बजट पूर्व परामर्श किया गया है.
मुख्यमंत्री सोमवार को चंडीगढ़ न्यायिक अकादमी में बजट पूर्व परामर्श बैठक में बोल रहे थे. इस दौरान उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के साथ-साथ अन्य मंत्रियों व मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी वी एसएन प्रसाद समेत अन्य प्रशासनिक सचिवों ने बजट पर अपने बहुमूल्य सुझाव दिए. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि उन्होंने 3 वर्ष पहले एक नया प्रयोग किया था. जिसके तहत सभी मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों तथा अन्य हित धारकों से बातचीत करके आम बजट तैयार करने की परंपरा शुरू की थी.
पिछले 2 वर्ष में कोरोना महामारी की वजह से प्रत्यक्ष रूप से बैठक करके बजट पर सुझाव तो नहीं लिए जा सके, लेकिन लिखित रूप से जरूर बजट के संदर्भ में सुझाव लिए गए. इसके साथ-साथ महत्वपूर्ण सुझावों को हरियाणा के आम बजट में शामिल भी किया गया. सरकार के इन प्रयासों की प्रदेश भर में सराहना हुई. आज की बैठक इसी कड़ी में बजट पूर्व परामर्श के तौर पर आयोजित की गई, जिसमें सामने आए सुझावों को बजट 2022-23 में शामिल करने की कोशिश की जाएगी. बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बारी-बारी से प्रदेश के सभी विभागों के मंत्रियों व प्रशासनिक सचिवों से उनके विभाग से संबंधित सुझाव लिए. अधिकारियों ने नई योजनाओं को शुरू करने के संबंध में भी सुझाव दिए, मुख्यमंत्री ने इन्हें सकारात्मक तौर पर सुनते हुए इन सुझावों को हरियाणा के आम बजट में शामिल करने का आश्वासन दिया.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि पैसे की कमी की वजह से किसी भी योजना को रुकने नहीं दिया जाएगा. प्रदेश का चहुंमुखी विकास करना उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि नई योजनाओं को आम आदमी के लिए बाधारहित व बेहतर तकनीक पर आधारित बनाया जाना चाहिए, ताकि ईज ऑफ लिविंग का कंसेप्ट चरितार्थ हो सके. मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को किसानों, कृषि, पशुपालन, मछली पालन, सिंचाई, स्वास्थ्य, परिवहन समेत अन्य विभागों पर विशेष ध्यान देते हुए कल्याणकारी योजनाएं बनाने के निर्देश दिए.
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