चंडीगढ़: हरियाणा के यमुनानगर में बीते दिनों एक व्यक्ति ने पैसों के ट्रांसफर को लेकर बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर फोन किया. दूसरी तरफ से फोन पर बात करने वाले शख्स ने खुद को कस्टमर केयर का कर्मी बताया और फिर व्यक्ति से उसके फोन पर आए ओटीपी की मांग की. जैसे ही व्यक्ति ने उसे ओटीपी बताया उसके अकाउंट से करीब 51 हजार की राशि कट गई. पीड़ित व्यक्ति का कहना है कि उसने कस्टमर केयर नंबर पर फोन किया था और कस्टमर केयर नंबर पर बात करने से ही उसके बैंक से पैसे चोरी हुए हैं.
आखिर इस तरह की ठगी को किस तरह से अंजाम दिया गया. इसे जानने के लिए ईटीवी भारत हरियाणा ने चंडीगढ़ के जानेमाने साइबर एक्सपर्ट राजेश राणा से खास बातचीत की. राजेश राणा ने कहा कि अगर आप बैंक या किसी मनी ट्रांसफर प्लेटफार्म के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करते हैं तो वो कभी आपसे ओटीपी नहीं मांगते, क्योंकि उन्हें आपकी सहायता करने के लिए किसी भी तरह के ओटीपी की जरूरत नहीं होती.
कौन और कैसे मांग सकता है ओटीपी?
साइबर एक्सपर्ट ने कहा कि पहले तो कोई आपसे ओटीपी मांगता नहीं है. अगर कोई कस्टमर केयर कर्मी आपसे ओटीपी मांगता भी है तो वो भी फोन पर ही टाइप करना होता है. वो किसी को बताना नहीं पड़ता. बैंकिंग सेक्टर में ऐसा कोई नियम नहीं है कि जब आपको ओटीपी बोलकर बताना पड़े. अगर कोई आपसे इस तरह से ओटीपी मांगता है तो समझ लीजिए आपके साथ फ्रॉड होने वाला है.
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