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लॉकडाउनः चंडीगढ़ में होटल संचालकों पर आर्थिक संकट! महीने भर में हुआ करोड़ों का नुकसान

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Published : May 1, 2020, 9:00 PM IST

Updated : May 2, 2020, 1:04 PM IST

रेलवे स्टेशन के आसपास बने होटलों में काम पूरी तरह ठप है. यात्रियों की आवाजाही रुकने के चलते होटल संचालकों को लाखों-करोड़ों का नुकसान हो रहा है. इन होटलों में काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारियों के भविष्य पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. ईटीवी भारत पर चंडीगढ़ के होटल संचालकों ने अपनी कुछ मांगे सरकार के सामने रखी है.

Hotel operators in chandigarh facing economic crisis due to coronavirus lockdown
चंडीगढ़ में होटल संचालकों पर आर्थिक संकट का खतरा! महीने भर में हुआ करोड़ों का नुकसान

चंडीगढ़ः देशभर में लगे लॉकडाउन के चलते कामकाज पूरी तरह से ठप है. विभिन्न उद्योगों और कारोबारों पर भी लॉकडाउन का गहरा असर पड़ा है. वहीं विभिन्न कारोबारों के साथ-साथ होटल भी पूरी तरह से ठप्प पड़े हैं. बात करें चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन और इसके आसपास चलने वाले होटल की तो रेल सेवा बंद होने के चलते रेलवे स्टेशन पर पसरे सन्नाटे का असर आसपास बने होटलों पर भी देखने को मिल रहा है. ईटीवी भारत ने इस दौरान कई होटल संचालकों से बातचीत भी की है.

1 साल तक दिखेगा असर

चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के साथ लगते इलाकों में 50 से अधिक होटल हैं. जिनमें हजारों कर्मचारियों के भविष्य पर भी संकट मंडरा रहा है. होटल संचालकों पर मंडरा रहे इस खतरे के बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम भी उनके बीच पहुंची. इस दौरान होटल मालिकों ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें लाखों का घाटा झेलना पड़ रहा है. होटल संचालकों के अनुसार आने वाले 1 साल में भी इसका असर उनके कामकाज पर रहेगा.

लॉकडाउनः चंडीगढ़ में होटल संचालकों पर आर्थिक संकट! महीने भर में हुआ करोड़ों का नुकसान

कस्टमर्स का आंकड़ा हुआ शून्य

रेलवे स्टेशन के पास लगते दिडवा में ही 40 से अधिक होटल है. इसके साथ मनीमाजरा और इंडस्ट्रियल एरिया फेस 1 और 2 में कई बड़े होटल है. होटल संचालकों के अनुसार रेलवे स्टेशन में रेल सेवा जारी रहने के दौरान रोजाना 30 के करीब कस्टमर होटल में रहने के लिए पहुंचते थे लेकिन लॉकडाउन के बाद से ये आंकड़ा शून्य हो गया है. ऐसे में काम ठप होने के चलते कर्मचारियों का वेतन निकालना भी मुश्किल हो गया है.

वेतन के इंतजार में कर्मचारी

वहीं होटल में काम करने वाले कर्मचारियों के अनुसार 22 मार्च से काम पूरी तरह से बंद है. होटल का स्टाफ भी होटल में ही मौजूद है. हालांकि कर्मचारियों से जब वेतन के बारे में पूछा गया तो इन कर्मचारियों का कहना था कि काम ठप होने के चलते होटल मालिकों पर वेतन के लिए दबाव नहीं डाल सकते. अब होटल संचालकों की मर्जी पर निर्भर करता है कि उन्हें वेतन मिलेगा या नहीं.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति का होगा रैपिड टेस्ट- अनिल विज

सरकार से मांगी मदद

होटल संचालक होटलों के लिए विशेष पैकेज या आर्थिक सहायता की मांग सरकार से कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से सभी उद्योगों को मदद की जा रही है. सरकार को होटल संचालकों के लिए भी सोचना चाहिए ताकि कुछ मदद हो सके और उनका भी कुछ प्रतिशत नुकसान कम हो.

चंडीगढ़ः देशभर में लगे लॉकडाउन के चलते कामकाज पूरी तरह से ठप है. विभिन्न उद्योगों और कारोबारों पर भी लॉकडाउन का गहरा असर पड़ा है. वहीं विभिन्न कारोबारों के साथ-साथ होटल भी पूरी तरह से ठप्प पड़े हैं. बात करें चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन और इसके आसपास चलने वाले होटल की तो रेल सेवा बंद होने के चलते रेलवे स्टेशन पर पसरे सन्नाटे का असर आसपास बने होटलों पर भी देखने को मिल रहा है. ईटीवी भारत ने इस दौरान कई होटल संचालकों से बातचीत भी की है.

1 साल तक दिखेगा असर

चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के साथ लगते इलाकों में 50 से अधिक होटल हैं. जिनमें हजारों कर्मचारियों के भविष्य पर भी संकट मंडरा रहा है. होटल संचालकों पर मंडरा रहे इस खतरे के बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम भी उनके बीच पहुंची. इस दौरान होटल मालिकों ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें लाखों का घाटा झेलना पड़ रहा है. होटल संचालकों के अनुसार आने वाले 1 साल में भी इसका असर उनके कामकाज पर रहेगा.

लॉकडाउनः चंडीगढ़ में होटल संचालकों पर आर्थिक संकट! महीने भर में हुआ करोड़ों का नुकसान

कस्टमर्स का आंकड़ा हुआ शून्य

रेलवे स्टेशन के पास लगते दिडवा में ही 40 से अधिक होटल है. इसके साथ मनीमाजरा और इंडस्ट्रियल एरिया फेस 1 और 2 में कई बड़े होटल है. होटल संचालकों के अनुसार रेलवे स्टेशन में रेल सेवा जारी रहने के दौरान रोजाना 30 के करीब कस्टमर होटल में रहने के लिए पहुंचते थे लेकिन लॉकडाउन के बाद से ये आंकड़ा शून्य हो गया है. ऐसे में काम ठप होने के चलते कर्मचारियों का वेतन निकालना भी मुश्किल हो गया है.

वेतन के इंतजार में कर्मचारी

वहीं होटल में काम करने वाले कर्मचारियों के अनुसार 22 मार्च से काम पूरी तरह से बंद है. होटल का स्टाफ भी होटल में ही मौजूद है. हालांकि कर्मचारियों से जब वेतन के बारे में पूछा गया तो इन कर्मचारियों का कहना था कि काम ठप होने के चलते होटल मालिकों पर वेतन के लिए दबाव नहीं डाल सकते. अब होटल संचालकों की मर्जी पर निर्भर करता है कि उन्हें वेतन मिलेगा या नहीं.

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सरकार से मांगी मदद

होटल संचालक होटलों के लिए विशेष पैकेज या आर्थिक सहायता की मांग सरकार से कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से सभी उद्योगों को मदद की जा रही है. सरकार को होटल संचालकों के लिए भी सोचना चाहिए ताकि कुछ मदद हो सके और उनका भी कुछ प्रतिशत नुकसान कम हो.

Last Updated : May 2, 2020, 1:04 PM IST
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