चंडीगढ़: सुप्रीम कोर्ट ने पुरुषों की तरह महिलाओं को भी सेना में स्थाई कमीशन देने को लेकर फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि सेना में महिलाओं को भी स्थाई कमीशन मिलना चाहिए. सेना से जुड़े अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है.
इस बारे में बात करते हुए पूर्व सेना अधिकारी कर्नल जरनैल सिंह ने कहा कि सेना में महिलाओं को स्थाई कमीशन देने का फैसला ऐतिहासिक है. उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों से महिलाएं पुरुषों की ही तरह भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रही हैं और इसलिए उन्हें भी पुरुषों के समान ही अधिकार मिलने चाहिए.
महिलाओं को लेकर सोच बदले केंद्र सरकार-SC
कमीशन से जुड़े फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर ये कहा है कि सेना की सभी महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन मिलना चाहिए. चाहे वो कितने भी समय से कार्यरत हों. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा है कि केंद्र सरकार को महिलाओं के बारे में मानसिकता बदलनी चाहिए और सेना में समानता को बढ़ावा देना चाहिए.
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'किसी महिला अधिकारी की क्षमता पर शक नहीं करना चाहिए'
सामाजिक धारणाओं के आधार पर महिलाओं को समान मौके ना मिलना अस्वीकार्य है. कर्नल जरनैल सिंह ने इस बारे में कहा कि सेना की किसी महिला अधिकारी की क्षमता पर शक करना ना सिर्फ उस महिला अधिकारी बल्कि सेना का भी अपमान है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाला है.
'अब महिलाएं पुरुषों के साथ कंधा मिलाकर चलेंगी'
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हमेशा से ही महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देती आई है, इसलिए आर्मी से जुड़े लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला महिला अधिकारियों को पुरुष अधिकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का मौका देगा. इससे महिला अधिकारियों को भी अपनी क्षमताओं को दिखाने का बेहतरीन अवसर प्राप्त होगा.