चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण के साथ हुई. अपने अभिभाषण में हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य भू-रिकॉर्ड को पूरी तरह डिजिटलाइज करना है, ताकि भू-स्वामी किसी भी समय अपनी संपत्तियों और भू-रिकॉर्ड का ब्यौरा ऑनलाइन प्राप्त कर सकें.
उन्होंने बताया कि इसके लिए समेकित हरियाणा भू-रिकॉर्ड सूचना प्रणाली (वैब हैलरिस) विकसित की गई है. इसे 102 तहसीलों और उप-तहसीलों में लागू किया गया है और 30 जून, 2020 तक पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगा.
'फसलों के उचित मुल्य देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध'
राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को बागवानी की मुख्य फसलों के लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. बाजार में उपज के भाव कम होने की स्थिति में ‘भावांतर भरपाई योजना’के तहत किसानों को सुरक्षा प्रदान की जा रही है.
'ग्रामीणों का जीवन स्तर बेहतर करने पर काम'
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर को बेहतर बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है. सरकार ने निर्वाचन क्षेत्र के संबंधित विधायक की अनुशंसा पर हर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये विकास कार्यों के लिए उपलब्ध कराने का वादा किया है. ग्राम पंचायतों को और सशक्त करने के उद्देश्य से सरकार ने ग्राम पंचायतों को स्वच्छता, जल संरक्षण, फसल अवशेष जलाने में कमी लाने जैसे विभिन्न कार्यों पर निगरानी रखने की शक्तियां प्रदान की हैं.
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राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2020 को सुशासन संकल्प वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. इसके लिए सरकार सुशासन की नई-नई पहलों और सभी विभागों द्वारा राज्य के हर क्षेत्र में नागरिकों को बेहतर सरकारी सेवाएं प्रदान करने पर वर्ष भर बल देगी.
'सरकार ने शुरू किया सुशासन दिवस'
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के प्रयोग से और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके सहजता से सरकारी सेवाएं मिलने के फलस्वरूप ईज ऑफ लिविंग को बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी. उन्होंने कहा कि आगामी सुशासन दिवस के अवसर पर 25 दिसंबर , 2020 को मेरी सरकार ऐसी पहलों पर अपना रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करेगी और अनुकरणीय कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों और विभागों को सम्मानित भी किया जाएगा.
'गांवों को किया जा रहा लाल डोरा मुक्त'
राज्यपाल ने आगे अपने अभिभाषण में कहा कि राज्य सरकार ने भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से समूचे ग्रामीण, शहरी और आबादी क्षेत्रों की बड़े पैमाने पर जीआईएस मैपिंग की महत्वाकांक्षी परियोजना भी शुरू की है. गांवों को ‘लाल डोरा मुक्त’ करने का एक पायलट प्रोजैक्ट 25 दिसंबर,2019 को करनाल जिले के गांव सिरसी के लिए शुरू किया गया. लाल डोरा के भीतर स्थित भूमि और संपत्तियों की रजिस्टर्ड डीड उनके मालिकों को वितरित की गई है.
'15 जिलों के 75 गांवों की मैपिंग'
उन्होंने कहा कि अब 15 जिलों के 75 गांवों की मैपिंग के साथ-साथ सोनीपत, करनाल और जींद जिलों की संपूर्ण मैपिंग का कार्य भी शुरू हो चुका है. सात जिले करनाल, पलवल, रेवाड़ी, पंचकूला, यमुनानगर, फरीदाबाद और गुरुग्राम में आधुनिक राजस्व रिकॉर्ड रूम परियोजना स्थापित की गई है और वर्ष 2020-21 के दौरान शेष जिलों में भी इस वर्ष स्थापित की जाएंगी. राज्यपाल ने कहा कि मार्केटिंग सीजन 2019-20 के दौरान 6 लाख 19 हजार मीट्रिक टन सरसों की रिकॉर्ड खरीद की गई. इसके अलावा 13 हजार 156 मीट्रिक टन सूरजमुखी की खरीद भी की गई. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की पूरी राशि किसानों के खातों में सीधे जमा कराई गई.