चंडीगढ़: हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ में साफ-सफाई और सुखना लेक के रख रखाव पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कोर्ट ने कहा कि क्या सिटी ब्यूटीफुल अब सिर्फ नाम भर की सिटी ब्यूटीफुल है. साथ ही कहा कि एक साल पहले जो शहर देशभर में साफ-सफाई में तीसरे स्थान पर था, लेकिन अब महज एक वर्ष में 20 वें स्थान पर आ गया है. कोर्ट ने निगम और प्रशासन को लताड़ते हुए कहा कि नगर निगम और प्रशासन दोनों को ही शहर कोई चिंता नहीं है. जो कि शर्म के साथ-साथ चिंता की बात है.
दरअसल मामला ये था कि सुखना लेक वैट लैंड है या नहीं. प्रशासन ने इसका जवाब कोर्ट को देते हुए कहा कि सुखना लेक को केंद्रीय वन मंत्रालय ने वर्ष 1988 में ही वेट लैंड घोषित कर दिया था. आपको बता दें सुखना लेक पर वर्ष 2009 में हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था. जिसके बाद अब जा कर ये बात साफ हुई है की सुखना लेक वैट लैंड है.
प्रशासन ने हाई कोर्ट को बताया कि इसके लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है, जो आगे की कार्यवाही पर गौर कर रही है.इस मामले में हाई कोर्ट को सहयोग दे रहे सीनियर एडवोकेट एम.एल. सरीन ने कहा कि प्रशासन ने आज सुनवाई के दौरान ही 50 पन्नों का हलफनामा दायर किया है,जबकि यह सुनवाई से पहले दिया जाना चाहिए था.
अब हाई कोर्ट ने इस पर सुनवाई 23 अप्रैल तक स्थगित कर दी है. साथ ही आपको बता दें सुखना लेक के वेटलैंड घोषित हो जाने के बाद से अब इसके 50 मीटर के दायरे में किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर पूरी तरह से पाबंदी लग जाएगी.