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सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ क्या अब सिर्फ नाम भर की सिटी ब्यूटीफुल रह गई है: हाई कोर्ट

चंडीगढ़ की खुबसूरती की बात करें तो सुखना लेक सभी के लिए एक आकर्शण का केंद्र रहा है, लेकीन स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार चंडीगढ़ काफी पिछड़ता दिखाई दिया. इसी बीच सोमवार को हाईकोर्ट ने भी सुखना लेक पर लिए गए सेज्ञान पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

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Published : Mar 18, 2019, 11:38 PM IST

हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट

चंडीगढ़: हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ में साफ-सफाई और सुखना लेक के रख रखाव पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कोर्ट ने कहा कि क्या सिटी ब्यूटीफुल अब सिर्फ नाम भर की सिटी ब्यूटीफुल है. साथ ही कहा कि एक साल पहले जो शहर देशभर में साफ-सफाई में तीसरे स्थान पर था, लेकिन अब महज एक वर्ष में 20 वें स्थान पर आ गया है. कोर्ट ने निगम और प्रशासन को लताड़ते हुए कहा कि नगर निगम और प्रशासन दोनों को ही शहर कोई चिंता नहीं है. जो कि शर्म के साथ-साथ चिंता की बात है.

दरअसल मामला ये था कि सुखना लेक वैट लैंड है या नहीं. प्रशासन ने इसका जवाब कोर्ट को देते हुए कहा कि सुखना लेक को केंद्रीय वन मंत्रालय ने वर्ष 1988 में ही वेट लैंड घोषित कर दिया था. आपको बता दें सुखना लेक पर वर्ष 2009 में हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था. जिसके बाद अब जा कर ये बात साफ हुई है की सुखना लेक वैट लैंड है.

प्रशासन ने हाई कोर्ट को बताया कि इसके लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है, जो आगे की कार्यवाही पर गौर कर रही है.इस मामले में हाई कोर्ट को सहयोग दे रहे सीनियर एडवोकेट एम.एल. सरीन ने कहा कि प्रशासन ने आज सुनवाई के दौरान ही 50 पन्नों का हलफनामा दायर किया है,जबकि यह सुनवाई से पहले दिया जाना चाहिए था.

अब हाई कोर्ट ने इस पर सुनवाई 23 अप्रैल तक स्थगित कर दी है. साथ ही आपको बता दें सुखना लेक के वेटलैंड घोषित हो जाने के बाद से अब इसके 50 मीटर के दायरे में किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर पूरी तरह से पाबंदी लग जाएगी.

चंडीगढ़: हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ में साफ-सफाई और सुखना लेक के रख रखाव पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कोर्ट ने कहा कि क्या सिटी ब्यूटीफुल अब सिर्फ नाम भर की सिटी ब्यूटीफुल है. साथ ही कहा कि एक साल पहले जो शहर देशभर में साफ-सफाई में तीसरे स्थान पर था, लेकिन अब महज एक वर्ष में 20 वें स्थान पर आ गया है. कोर्ट ने निगम और प्रशासन को लताड़ते हुए कहा कि नगर निगम और प्रशासन दोनों को ही शहर कोई चिंता नहीं है. जो कि शर्म के साथ-साथ चिंता की बात है.

दरअसल मामला ये था कि सुखना लेक वैट लैंड है या नहीं. प्रशासन ने इसका जवाब कोर्ट को देते हुए कहा कि सुखना लेक को केंद्रीय वन मंत्रालय ने वर्ष 1988 में ही वेट लैंड घोषित कर दिया था. आपको बता दें सुखना लेक पर वर्ष 2009 में हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था. जिसके बाद अब जा कर ये बात साफ हुई है की सुखना लेक वैट लैंड है.

प्रशासन ने हाई कोर्ट को बताया कि इसके लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है, जो आगे की कार्यवाही पर गौर कर रही है.इस मामले में हाई कोर्ट को सहयोग दे रहे सीनियर एडवोकेट एम.एल. सरीन ने कहा कि प्रशासन ने आज सुनवाई के दौरान ही 50 पन्नों का हलफनामा दायर किया है,जबकि यह सुनवाई से पहले दिया जाना चाहिए था.

अब हाई कोर्ट ने इस पर सुनवाई 23 अप्रैल तक स्थगित कर दी है. साथ ही आपको बता दें सुखना लेक के वेटलैंड घोषित हो जाने के बाद से अब इसके 50 मीटर के दायरे में किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर पूरी तरह से पाबंदी लग जाएगी.

Intro:सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ क्या अब सिर्फ नाम भर का सिटी ब्यूटीफुल रह गया है : हाई कोर्ट


सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ क्या अब सिर्फ नाम भर का सिटी ब्यूटीफुल रह गया है  क्या इसकी सफाई की नगर निगम और प्रशासन को कोई चिंता नहीं है  एक साल पहले जो शहर देश भर में साफ़-सफाई में तीसरे स्थान पर था अब महज एक वर्ष में बीसवें स्थान पर आ गया है यह चिंता के साथ दोनों के लिए शर्म की भी बात है।
सोमवार को हाई कोर्ट ने सुखना लेक के मामले में लिए गए संज्ञान पर सुनवाई करते हुए यह टिपण्णी की है  । हाई कोर्ट ने कहा कि चंडीगढ़ जैसे छोटे से शहर को साफ़ रखने में नगर निगम और प्रशासन नाकाम रहे हैं  देश भर में सफाई में बीसवें स्थान पर चंडीगढ़ का नाम आना इसका सबूत है  साफ़ हैं कि शहर को साफ़ सुथरा रखने में निगम नाकाम रहा है  क्या इस गौर किया जा रहा है कि कैसे महज एक वर्ष में शहर साफ-सफाई में शहर 17 पायदान नीचे आ गया है और अब इसमें सुधार के लिए क्या किया जा रहा है ।


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सुखना लेक 1988 में ही घोषित किया जा चूका है वैटलैंड, 30 वर्षों बाद खुलासा 
सुखना लेक वैटलैंड है या नहीं इसका जवाब आखिरकार सोमवार को चंडीगढ़ प्रशासन ने हाई कोर्ट को देते हुए साफ़ कर दिया है कि सुखना लेक को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय वर्ष 1988 में ही वैटलैंड घोषित कर चुकी है।  हैरत है कि सुखना लेक के मामले में हाई कोर्ट द्वारा वर्ष 2009 में लिए गए संज्ञान के दस वर्षों बाद यह जानकारी हाई कोर्ट को दी गई है कि सुखना लेक को 30 वर्ष पहले ही वैटलैंड घोषित किया जा चूका है ।
चंडीगढ़ प्रशासन ने हाई कोर्ट को बताया कि इसके लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है जो आगे की कार्यवाही पर गौर कर रही है  इस मामले में हाई कोर्ट को सहयोग दे रहे सीनियर एडवोकेट एम.एल. सरीन ने कहा कि प्रशासन ने आज सुनवाई के दौरान ही 50 पन्नों का हलफनामा दायर किया है  जबकि यह सुनवाई से पहले दिया जाना चाहिए था  ऐसे में उन्हें इस विषय पर प्रशासन द्वारा किये जाने रहे कार्यों पर अपना जवाब दिए जाने के लिए समय चाहिए  हाई कोर्ट ने इस पर सुनवाई 23 अप्रैल तक स्थगित कर दी है ।



Conclusion:सुखना लेक वेटलैंड घोषित हो चुकी है तो अब इसके 50 मीटर के दायरे में किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर पूरी तरह से पाबन्दी लग जाएँगी। 
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