चंडीगढ़: अंबाला जेल के कोरोना पीड़ित कैदी ऋषि की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में लगातार सुनवाई हो रही है. ऋषि की याचिका के बाद से पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और केंद्र से कोरोना के हालातों पर जवाब मांग रहा है.
इस मामले में अब कोर्ट मित्र रुपिंदर खोसला ने निजी लैब द्वारा मनचाहे टेस्ट के पैसे मांगने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना के दौर में पहले ही लोग आर्थिक मंदी से गुजर रहे हैं. ऐसे में हर कोई सरकारी लैब में टेस्ट नहीं करवा पा रहा, क्योंकि वहां भीड़ ज्यादा है. ऐसे में लोग प्राइवेट लैब में जाते हैं, लेकिन वहां पर भी उसे मनचाही फीस वसूली जाती है.
सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल हरियाणा ने कोर्ट को बताया कि राज्य में 725 डॉक्टर टेलीमेडिसिन के जरिये लोगो को निःशुल्क परामर्श दे रहे हैं. 1075 हेल्पलाइन नंबर के जरिये लोग ये परामर्श ले रहे हैं. राज्य को अब तक 57,58,230 वैक्सीन मिली है. जिसमें 50,60,519 वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं.
ये भी पढे़ं- खेत खाली छोड़ने पर भी किसानों को प्रोत्साहन राशि देगी सरकार, मुख्यमंत्री ने बैठक कर लिए अहम फैसले
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट को बताया गया कि ब्लैक फंगस की दवा अम्फोटेरिसिन-बी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी केंद्र सरकार ने नीति बनाई है. केंद्र सरकार ने 5 और फार्मास्यूटिकल कंपनियों को लाइसेंस दे दिए हैं. अब 11 कंपनियों के पास अम्फोटेरिसिन-बी दवाई बनाने के लाइसेंस हैं.
खंडपीठ ने सुनवाई की अगली तिथि 25 मई निश्चित करते हुए केंद्र सरकार सहित पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से जवाब मांगा है कि क्या लैब में टेस्ट के रेट तय करने को लेकर कोई रेगुलेटरी मैकेनिज्म है या नहीं. अगर ऐसा कोई मैकेनिज्म है तो उसके बारे में अगली सुनवाई पर कोर्ट को बताया जाए.
ये भी पढे़ं- हिसार: अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के 16 नए मरीज हुए भर्ती, कुल आंकड़ा हुआ 62
बता दें कि याचिकाकर्ता ऋषि ने अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. उसने याचिका में कहा था कि उसका कोरोना का इलाज सही से नहीं हुआ. उसके इलाज में कई तरह की दिक्कत सामने आई. साथ ही उसने कहा था कि सरकारें और प्रशासन कोरोना से निपटने के लिए काम नहीं कर रही है. इसी के बाद से हाईकोर्ट कोरोना की स्थिति पर केंद्र, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ से जवाब मांग रहा है.