चंडीगढ़: एक बाल विवाह से संबंधित मामले की सुनवाई दौरान हाई कोर्ट के जस्टिस अरुण कुमार त्यागी ने फैसले में कहा कि अक्सर देखा जा रहा है कि बालिग लड़का नाबालिक लड़की से शादी कर रहा है और कोर्ट में सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की मांग की जा रही है. इन मामलों में पुलिस बाल विवाह पर रोक को लेकर कानून के तहत शिकायत मिलने पर भी कार्रवाई नहीं कर रही. ऐसे में जरूरी है कि बाल विवाह पर रोक को लेकर बनाए कानून का उल्लंघन करने पर जरूरी कार्रवाई की जाए.
जवाब देने के लिए कोर्ट ने दिया दो हफ्ते का वक्त
हाईकोर्ट ने प्रशासन और दोनों राज्य सरकारों से पूछा है कि इन मामलों में बालक लड़कों पर कानूनी कार्रवाई किए जाने को लेकर क्या कोई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं या नहीं. इसके अलावा बाल विवाह करने वाले और इसमें शामिल होने वाले लोगों पर कोई कार्रवाई की जा रही है या नहीं. हाईकोर्ट ने दो हफ्तों का समय देते हुए चंडीगढ़ प्रशासन पंजाब हरियाणा सरकार से इस मामले पर जवाब मांगा है.
क्या था मामला ?
22 साल के लड़के ने 18 साल से कम उम्र की लड़की से शादी की और हाईकोर्ट से सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की मांग की. लड़की के अभिभावकों की तरफ से याचिका दायर कर नाबालिक होने के चलते लड़की की कस्टडी उन्हें दिए जाने की मांग की गई थी.
ये भी पढ़ेंः बरोदा के युवा खिलाड़ियों ने बताया किन मुद्दों पर करेंगे मतदान, देखिए ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट