चंडीगढ़: सोनीपत के खरखौदा में हुए शराब घोटाले में मुख्य आरोपी भूपेंद्र सिंह के भाई जितेंद्र ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जितेंद्र की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. दरअसल मुख्य आरोपी भूपेंद्र की गिरफ्तारी के बाद से ही जितेंद्र फरार चल रहा है. हाई कोर्ट से पहले जितेंद्र निचली अदालत में भी अग्रिम जमानत की अर्जी दे चुका है, जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया था.
बता दें कि, खरखौदा शराब घोटाले मामले में मुख्य आरोपी शराब ठेकेदार भूपेंद्र के साथ उसका भाई जितेंद्र नामजद है. भूपेंद्र और बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर ने भी रिमांड के दौरान पुलिस को यही जानकारी दी थी. जितेंद्र के खिलाफ शराब तस्करी के आठ मामले दर्ज हैं. शराब को डिस्टलरी से लाने, उसकी पैकिंग और बोतल चेंज करने और सप्लाई करने का धंधा जितेंद्र संभालता था. जबकि भूपेंद्र का काम पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों से संबंध बनाकर अपने धंधे को सुरक्षित करना था. सभी का हिस्सा उनको पहुंचाना और जरूरी मुलाकात करना भूपेंद्र का काम था.
क्या है शराब घोटाला?
सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी. लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गईं. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. गोदाम भूपेंद्र ठेकेदार का है. ठेकेदार भूपेंद्र खरखौदा थाने में सरेंडर कर चुका है. जिसे कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जा चुका है.
कैसे हुई तस्करी?
सोनीपत के एसपी जशनदीप सिंह रंधावा के मुताबिक, खरखौदा में बाईपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.
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पुलिस अधिकारियों ने पहले कथित शराब माफिया भूपेंद्र से मिलीभगत कर उसके गोदाम को सील कर दिया. उसके बाद जब्त की गई शराब को इसी गोदाम में रखवा दिया गया. इसी के बाद गोदाम से तस्करी का खेल शुरू हो गया. लापरवाही का आलम यह रहा कि ताले तोड़कर और दीवार उखाड़कर सील की गई शराब निकाली गई और बेच दी गयी. ये खेल चलता रहा. जबकि ऑन रिकॉर्ड गोदाम पर सुरक्षा के लिए पुलिस टीम तैनात थी.
पुलिस ने पेश की चार्जशीट
वहीं इस शराब घोटाले में पुलिस ने पहली चार्जशीट भी पेश कर दी है. जिसमें शराब माफिया भूपेंद्र के साथ ही बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर, आबकारी इंस्पेक्टर धीरेंद्र समेत 6 के नाम शामिल किए गए हैं. इस तरह पुलिस ने इन सभी को अपनी जांच में दोषी माना है. सभी की गोदाम से शराब चोरी में संलिप्तता बताई गई है और ये सभी शराब चोरी करके सप्लाई करने के लिए एक साथ मिलकर काम करते थे, जबकि अन्य मुकदमों में पुलिस अभी जांच कर रही है और उनमें भी चार्जशीट जल्द दाखिल की जाएगी. वहीं इंस्पेक्टर समेत 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच भी जल्द पूरी होगी, क्योंकि वो अंतिम चरण में पहुंच गई है. पुलिस की विभागीय जांच में कई कर्मियों की अभी तक संलिप्तता मिली है तो उनकी लापरवाही भी सामने आई है.
खरखौदा में तस्करी की जब्त की गई शराब गोदाम से गायब मिलने पर छानबीन शुरू हुई तो वहां से 10 हजार से ज्यादा पेटी गायब मिली, जिसमें शराब माफिया भूपेंद्र के साथ 2 इंस्पेक्टर समेत 11 पुलिस वालों पर मुकदमा दर्ज किया गया और इसकी जांच शुरू की गई. इस मामले में सबसे पहले शराब माफिया भूपेंद्र ने सरेंडर किया तो पुलिस ने उससे पूछताछ करने के बाद जेल भेज दिया. भूपेंद्र की गिरफ्तारी के बाद से पुलिस ने भैंसरू गांव के सतीश, बर्खास्त जसबीर, एएसआई जयपाल, आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर धीरेंद्र को गिरफ्तार किया गया, जबकि आबकारी विभाग में कार्यरत रहा चतुर्थ श्रेणी कर्मी सुनील का नाम आने पर कोर्ट से तफ्तीश में शामिल होने के आदेश लेकर आया था.
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इस तरह से पुलिस इसमें अधिकतर मुख्य आरोपियों को जेल भेज चुकी है और उनको जमानत नहीं मिल सके, उसके लिए जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करनी जरूरी थी. इसमें पुलिस ने पहली चार्जशीट दाखिल की और उसमें भूपेंद्र, सतीश, जसबीर, जयपाल, धीरेंद्र, सुनील का नाम शामिल किया गया है.
इस तरह पुलिस ने अपनी जांच में इनको दोषी मानते हुए चार्जशीट लगाई है, जिसमें ये बताया गया है कि किस तरह से गोदाम में रखी मुकदमे की संपत्ति शराब को इंस्पेक्टर और अन्य पुलिस कर्मियों की मदद से चोरी किया गया. उसके बाद भूपेंद्र और सतीश समेत अन्य ने उस शराब को लॉकडाउन में बेचकर अवैध रूप से मोटी रकम कमाई. पुलिस ने ये केवल एक मुकदमे में चार्जशीट दाखिल की है, जबकि अन्य में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी चल रही है.