चंडीगढ़: सीएम हरियाणा द्वारा तहसीलदार को सस्पेंड करने के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस देकर जवाब तलब किया है. इसके अलावा सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की उस आदेश पर कोर्ट ने रोक लगा रखी थी, कोर्ट उस रोक को कायम रखा है.
क्या है मामला?
मामला 16 दिसंबर 2019 का है. जब मुख्यमंत्री ने अचानक छापा मारकर सच्चाई जाने बगैर एक शिकायत पर याचिकाकर्ता नायब तहसीलदार हवा सिंह पूनिया को और कई अन्य तहसीलदार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था.
मामले पर याचिकाकर्ता के वकील ने क्या कहा ?
याचिकाकर्ता के वकील सुनील कुमार नेहरा ने बताया कि जिस व्यक्ति के नाम रजिस्ट्री होती है, रजिस्ट्री उसे हाउस द्वारा अधिकृत व्यक्ति को दी जाती है. जबकी शिकायतकर्ता का उससे कोई लेना देना नहीं था. लेकिन वह रजिस्ट्री मांग रहा था.
सुनील कुमार नेहरा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने शिकायतकर्ता पर एक तरफा कार्रवाई करते हुए तहसीलदार को निलंबित कर दिया. जिसके बाद याचिकाकर्ता ने उसे कोर्ट में चैलेंज किया. जहां हाइकोर्ट ने उसपर स्टे लगा दिया.
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सरकार ने जवाब दाखिल कर कोर्ट में क्या कहा?
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में हरियाणा सरकार द्वारा जवाब दाखिल कर यह बताया गया कि हवा सिंह पूनिया को इसलिए सस्पेंड किया गया क्योंकि वह तहसील में अपनी ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे. वहीं कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि उस दिन हवा सिंह पूनिया ड्यूटी मजिस्ट्रेट थे और किसी अधिकारी की क्रिमिनेशन में गए हुए थे. जिस वजह से वो तहसील में मौजूद नहीं थे. इसके अलावा कोर्ट में यह भी बताया गया कि सिर्फ याचिकाकर्ता के खिलाफ ही चार्जशीट दाखिल की गई है. जबकी तहसील में जो अन्य अधिकारी मौजूद थे उनके खिलाफ कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है. जिसके जवाब में हरियाणा सरकार अगली सुनवाई पर जवाब देगी.