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चंडीगढ़: हाई कोर्ट ने छात्रों की तरफ से दी याचिकाओं को किया खारिज

हाई कोर्ट ने छात्रों की तरफ से दायर अलग अलग याचिकाओं को खारिज करते हुए यूनिवर्सिटी के फैसले को सही ठहराया जिसमें कोविड 19 के चलते प्रवेश परीक्षा आयोजित ना करने का फैसला लिया गया था.

High court dismisses the petitions given by the students
चंडीगढ़: हाई कोर्ट ने छात्रों की तरफ से दिए याचिकाओं को किया खारिज
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Published : Nov 5, 2020, 3:11 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी पांच और तीन वर्षीय लॉ कोर्स में दाखिले समेत सभी प्रोफेशनल कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा खारिज करने के पंजाबी यूनिवर्सिटी के फैसले को चुनौती संबंधी याचिका बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दी. जस्टिस ए.जी. मसीह और जस्टिस अशोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने यूनिवर्सिटी के फैसले को सही ठहराया जिसमें कोविड 19 चलते प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया गया था.

बता दें कि इस संबंध में अलग-अलग याचिकाएं दायर कर पंजाबी यूनिवर्सिटी के 1 अक्टूबर के फैसले को खारिज करने की मांग की गई जिसमें सभी प्रोफेशनल कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा ना कराए जाने का फैसला लिया था. छात्रों की तरफ से मांग की गई थी कि देशभर में लॉ कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा रही है. तो फिर भी यह परीक्षा आयोजित क्यों नहीं कर सकता.

याचिका में हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा गया कि कोर्ट ने पीयू को इस मामले पर नए सिरे से फैसला लेने के निर्देश दिए थे. इसके बाद पीयू अपने पहले लिए फैसला पर ही कायम रहा. इसके बाद पीयू ने फिर से हाईकोर्ट में कहा कि वे अपने फैसले पर दुबारा विचार करेंगे लेकिन एक बार फिर से प्रवेश परीक्षा ना कराने के फैसले को बनाये रखा गया. ऐसे में यूनिवर्सिटी का यह फैसला उन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है जो प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे है.

ये भी पढ़ें:धोखाधड़ी केस में रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ SIT जांच के आदेश

चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी पांच और तीन वर्षीय लॉ कोर्स में दाखिले समेत सभी प्रोफेशनल कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा खारिज करने के पंजाबी यूनिवर्सिटी के फैसले को चुनौती संबंधी याचिका बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दी. जस्टिस ए.जी. मसीह और जस्टिस अशोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने यूनिवर्सिटी के फैसले को सही ठहराया जिसमें कोविड 19 चलते प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया गया था.

बता दें कि इस संबंध में अलग-अलग याचिकाएं दायर कर पंजाबी यूनिवर्सिटी के 1 अक्टूबर के फैसले को खारिज करने की मांग की गई जिसमें सभी प्रोफेशनल कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा ना कराए जाने का फैसला लिया था. छात्रों की तरफ से मांग की गई थी कि देशभर में लॉ कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जा रही है. तो फिर भी यह परीक्षा आयोजित क्यों नहीं कर सकता.

याचिका में हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा गया कि कोर्ट ने पीयू को इस मामले पर नए सिरे से फैसला लेने के निर्देश दिए थे. इसके बाद पीयू अपने पहले लिए फैसला पर ही कायम रहा. इसके बाद पीयू ने फिर से हाईकोर्ट में कहा कि वे अपने फैसले पर दुबारा विचार करेंगे लेकिन एक बार फिर से प्रवेश परीक्षा ना कराने के फैसले को बनाये रखा गया. ऐसे में यूनिवर्सिटी का यह फैसला उन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है जो प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे है.

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