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चंडीगढ़: खरखौदा शराब तस्करी मामले में आरोपी जितेंद्र की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

बता दें कि खरखौदा में पिछले साल सीएम फ्लाइंग की छापेमारी में बाईपास पर स्थित एक गोदाम में भारी मात्रा में अवैध शराब और बीयर की बोतलें बरामद की गई थी. आबकारी विभाग की टीम ने इसको गोदाम में ही सील कर दिया था.

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खरखौदा शराब तस्करी मामले में आरोपी जितेंद्र की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
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Published : Jan 13, 2021, 4:21 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खरखौदा शराब तस्करी मामले के मुख्य आरोपी भूपेंद्र सिंह के भाई जितेंद्र की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. दरअसल हाईकोर्ट ने जितेंद्र को एक शर्त पर जमानत दी थी कि वो जांच अधिकारियों के सामने पेश होगा और एसआईटी की जांच में सहयोग देगा.

यदि जितेंद्र ऐसा नहीं करता तो उसकी जमानत याचिका खारिज मानी जाएगी. वहीं जितेंद्र ने इन सब बातों को नजर अंदाज करते हुए एसआईटी की जांच में सहयोग नहीं दिया जिसके बाद पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस मंजारी नेहरू कॉल ने जितेंद्र की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.

खरखौदा शराब तस्करी, चोरी और भ्रष्टाचार के मामले में जितेंद्र ने पूछताछ में बताया था कि सबसे महंगी शराब को महंगे ब्राण्ड की बनाने के लिए दूसरी बोतल में डालने वाले पर लेबल का काम खरखौदा में किया जाता था. शराब को दूसरे ब्रांड की बोतल में डालकर पांच से 7 गुना रेट की बना दिया जाता था और फिर मन चाहे ब्रांड की खाली बोतल और उसके लिए लेवल पंजाब की डिस्टरली से उपलब्ध करवाए जाते थे.

ये मामला सामने आने के बाद पुलिस ने भूपेंद्र सिंह, जितेंदर, सतीश और संदीप के खिलाफ मामला दर्ज किया था. भूपेंद्र के खिलाफ शराब तस्करी के 11, जितेंद्र के खिलाफ 6 और सतीश के खिलाफ 8 मामले पहले से दर्ज हैं.

ये भी पढ़ें: फरीदाबाद: टैक्सी चालक की हत्या करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

बता दें कि खरखौदा में पिछले साल सीएम फ्लाइंग की छापेमारी में बाईपास पर स्थित एक गोदाम में भारी मात्रा में अवैध शराब और बीयर की बोतलें बरामद की गई थी. आबकारी विभाग की टीम ने इसको गोदाम में ही सील कर दिया था और तभी से लेकर अब तक शराब का जखीरा यहां पर सील है.

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खरखौदा शराब तस्करी मामले के मुख्य आरोपी भूपेंद्र सिंह के भाई जितेंद्र की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. दरअसल हाईकोर्ट ने जितेंद्र को एक शर्त पर जमानत दी थी कि वो जांच अधिकारियों के सामने पेश होगा और एसआईटी की जांच में सहयोग देगा.

यदि जितेंद्र ऐसा नहीं करता तो उसकी जमानत याचिका खारिज मानी जाएगी. वहीं जितेंद्र ने इन सब बातों को नजर अंदाज करते हुए एसआईटी की जांच में सहयोग नहीं दिया जिसके बाद पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस मंजारी नेहरू कॉल ने जितेंद्र की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.

खरखौदा शराब तस्करी, चोरी और भ्रष्टाचार के मामले में जितेंद्र ने पूछताछ में बताया था कि सबसे महंगी शराब को महंगे ब्राण्ड की बनाने के लिए दूसरी बोतल में डालने वाले पर लेबल का काम खरखौदा में किया जाता था. शराब को दूसरे ब्रांड की बोतल में डालकर पांच से 7 गुना रेट की बना दिया जाता था और फिर मन चाहे ब्रांड की खाली बोतल और उसके लिए लेवल पंजाब की डिस्टरली से उपलब्ध करवाए जाते थे.

ये मामला सामने आने के बाद पुलिस ने भूपेंद्र सिंह, जितेंदर, सतीश और संदीप के खिलाफ मामला दर्ज किया था. भूपेंद्र के खिलाफ शराब तस्करी के 11, जितेंद्र के खिलाफ 6 और सतीश के खिलाफ 8 मामले पहले से दर्ज हैं.

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बता दें कि खरखौदा में पिछले साल सीएम फ्लाइंग की छापेमारी में बाईपास पर स्थित एक गोदाम में भारी मात्रा में अवैध शराब और बीयर की बोतलें बरामद की गई थी. आबकारी विभाग की टीम ने इसको गोदाम में ही सील कर दिया था और तभी से लेकर अब तक शराब का जखीरा यहां पर सील है.

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